चुनाव ; 7 से 30 नवम्बर तक एक्जिट पोल पर प्रतिबंध…
भारत निर्वाचन आयोग ने जारी की अधिसूचना…
छत्तीसगढ़ विधानसभा आम निर्वाचन के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग ने 7 नवम्बर से 30 नवम्बर तक किसी भी तरह के एक्जिट पोल के आयोजन तथा प्रसारण को प्रतिबंधित किया है। आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों के तहत आयोग द्वारा इस अवधि के दौरान एक्जिट पोल के आयोजन तथा प्रसारण पर रोक लगाई गई है।
भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा आम निर्वाचन के दृष्टिगत 7 नवम्बर को सवेरे सात बजे से 30 नवम्बर की शाम साढ़े छह बजे तक की अवधि को एक्जिट पोल के आयोजन और प्रसारण पर प्रतिबंधित अवधि के रूप में अधिसूचित किया है। इस अवधि में विधानसभा आम निर्वाचन के संदर्भ में किसी भी तरह के एक्जिट पोल का आयोजन करने तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम के प्रकाशन या प्रचार या किसी भी अन्य तरीके से प्रचार-प्रसार पर रोक रहेगी। आयोग ने अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 (1) (ख) के अधीन साधारण निर्वाचन एवं उप निर्वाचन में संबंधित मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।
मतदान दिवस और एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों का कराना होगा पूर्व प्रमाणीकरण, मतदाताओं को भ्रमित करने वाले विज्ञापनों पर होगी रोक…
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा आम निर्वाचन-2023 में इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के साथ ही प्रिंट मीडिया में भ्रामक प्रकृति के विज्ञापनों के प्रकाशन को रोकने के संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत मतदान दिवस और उसके एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण आवश्यक है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में जारी परिपत्र के अनुसार छत्तीसगढ़ विधानसभा निर्वाचन के लिए मतदान दिवस यानि दूसरे चरण के मतदान के एक दिन पहले एवं मतदान दिवस यानी 16 नवम्बर और 17 नवंबर को प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों के प्रकाशन के पूर्व जिला अथवा राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति से विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन अनिवार्य किया गया है। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य स्तरीय तथा जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति को प्रमाणन हेतु प्राप्त आवेदन पर त्वरित निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।