बिलासपुर में डायरिया का प्रकोप ; एक वृद्धा की मौत, 41 से ज्यादा बीमार, स्वास्थ्य और निगम का अमला सक्रिय…

बिलासपुर में डायरिया का प्रकोप ; एक वृद्धा की मौत, 41 से ज्यादा बीमार, स्वास्थ्य और निगम का अमला सक्रिय…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के चांटीडीह इलाके में डायरिया के प्रकोप से एक वृद्ध महिला की मौत हो गई है . चांटीडीह के पठान पारा में उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद शुक्रवार को 41 से ज्यादा बीमार लोगों को सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया . शनिवार को भी सुबह 5 अन्य मरीजों को भर्ती कराया गया है . स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी का कारण दूषित पानी पीना बताया है . स्वास्थ्य विभाग पानी के सैम्पल की जांच कर रहा है . प्रभावित क्षेत्र में शिविर लगाकर मरीजों का परीक्षण और इलाज किया जा रहा है .


सिम्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ के के सहारे ने बताया कि शुक्रवार को बिलासपुर के चांटीडीह क्षेत्र से दिन भर में एक-एक कर करीब 41 मरीज अस्पताल पहुंचे थे . सभी को उल्टी और दस्त की शिकायत थी . उन्होंने बताया कि ईलाज के दौरान 72 वर्षीय वृद्धा कमला मिश्रा की अस्पताल पहुँचने के 2 घंटे के भीतर ही मौत हो गई . वृद्ध महिला पहले से ही अन्य बिमारियों से पीड़ित थी . प्रारंभिक तौर पर मौत का कारण डायरिया की वजह से आ रही उल्टी को वापस पी लेना प्रतीत हो रहा है . विस्तृत पीएम रिपोर्ट के बाद मौत के वास्तविक कारणों का पता चलेगा .


डीन डॉ सहारे ने बताया कि शुक्रवार को दूषित पानी पीने से उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर सिम्स में कुल 41 लोगों में 14 बच्चे भी शामिल हैं . शनिवार की सुबह भी 5 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है . उन्होंने बताया कि सभी का समुचित इलाज किया जा रहा है और सभी की हालत स्थिर बनी हुई है . कोई भी मरीज गंभीर अवस्था में नहीं है .


उधर, बिलासपुर के सीएमएचओ डॉ राजेश शुक्ला ने बताया है कि चांटीडीह क्षेत्र के निकट राजकिशोर नगर स्थित डिस्पेंसरी में शुक्रवार की सुबह उल्टी और दस्त की शिकायत लेकर पहुंचे कुछ मरीजों के मिलने पर चिकित्सक दल को वहां के पठानपारा मोहल्ले में भेजा गया . मौके पर पहुंचकर डॉक्टरों की टीम ने 52 घरों का सर्वे किया . मोहल्ले में 40 लोग बीमार मिले . सभी मरीजों को बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में भेजा गया जहां वे स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं . उन्होंने बताया कि शनिवार की सुबह भी 5 अन्य बीमार लोगों को ईलाज के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है . इलाज कराने वाले लोगों की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है .


सीएमएचओ डॉ राजेश शुक्ला ने बताया कि जल-आपूर्ति की पाइप लाइनों के नालियों के बीच से गुजरने और लीकेज के कारण लोगों के घरों में प्रदूषित पानी पहुंचना इसकी वजह हो सकती है . स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रही है . लोगों को जागरूक किया जा रहा है . इलाके में टैंकरों के जरिये स्वच्छ जल की आपूर्ति की जा रही है . दवाइयों का वितरण भी सतत रूप से जारी है .
डॉ शुक्ला ने बताया कि शनिवार की सुबह से ही प्रभावित मोहल्ले में शिविर लगा दिया गया है . टीम घर-घर जाकर भी सर्वे कर रही है . वहां से पानी का सैम्पल भी लिया गया है . जिसकी जांच की जा रही है .


बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव ने भी शनिवार की सुबह प्रभावित वार्ड का दौरा किया है . उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के साथ नगर निगम ने भी वहां एक कैम्प स्थापित किया है . निगम की टीम और जिला चिकित्सालय के डॉक्टर वहां मुस्तैद हैं . घर-घर जाकर लोगों को डायरिया और उल्टी–दस्त से बचने की दवाइयां दी जा रही हैं . क्लोरिन टेबलेट आदि भी बांटी जा रही हैं . गंभीर बीमारी की हालत वाले मरीजों को सिम्स और जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया जा रहा है . इलाके में टैकरों की मदद से शुद्ध पेय जल की आपूर्ति की जा रही है . पाइप लाइन के लीकेज को सुधारा जा रहा है .
इसके पहले, शुक्रवार की रात को नगर विधायक शैलेश पाण्डेय ने सिम्स अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और चिकित्सकों को उनके बेहतर इलाज के निर्देश दिए . उन्होंने बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी पूरे मामले की जानकारी लेते हुए स्वास्थ्य अमले को तत्काल प्रभावी कदम उठाने तथा मरीजों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं .

सम्पादक

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