CU के EV ; बाईक और स्कूटी धूम मचाएगी-प्रो0 आलोक चक्रवाल…

300 ईवी-डी92 बाईक का ऑडर मिला…
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय अब ई – बाइक और स्कूटी भी बनायेगा। विवि. के कुलपति प्रो0 आलोक कुमार चक्रवाल ने इको फ्रेंडली एवं किफाइती इंधन वाली ई-बाइक ईवीबाइक-डी92 (EV Bike D92) लॉंच कर दी है । विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर एवं एरकी मोटर्स (Erkey Moters) के लिए कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा है कि यह विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक क्षण है जब हमने इनोवेशन को व्यावहारिक रूप से व्यावसायिक उत्पादन एवं बाजार में उतारने के लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है। यह ई-बाइक इको फ्रेंड्ली, किफायती ईन्धन और कम कीमत वाली है। इस ई-बाइक का निर्माण एवं इसकी लांचिंग हमारे मेक इन इंडिया और सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पण को भी दर्शाता है। स्टार्टअप के तहत गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के इन्क्यूवेशन सेन्टर में निर्मित ई-बाइक छत्तीसगढ़ राज्य का एक अभिनव इनोवेशन है। पूरी तरह से विश्वविद्यालय परिसर में विकसित एवं निर्मित ई-बाइक डी92 प्रदूषण रहित एवं सुरक्षित है। यह इको फ्रेडली डी92 बाइक एक बार चार्ज होने पर 150 किमी तक चल सकती है। इसकी अधिकतम गति 120 किमी प्रति घण्टा है। इसी के साथ विश्वविद्यालय के इन्क्यूवेशन सेन्टर में ई-स्कूटी का भी निर्माण किया गया है, जो 80 किमी तक चल सकती है। ईवी बाइक एवं स्कूटी को चार्ज करने में लगभग 03 घण्टे का समय लगता है। जाहिर है, यह अभिनव प्रयास प्रो0 चक्रवाल की सतत प्रेरणा एवं प्रोत्साहन से इन्क्यूबेशन सेंटर ने किया गया है । विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल एवं प्रोडक्शन इंजीनियरिंग तथा इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग का भी इसमें सहयोग मिला है।

इस मौके पर एरकी मोटर्स (Erkey Moters) ने बताया कि बाइक के लिए अभी तक 300 ऑर्डर मिल चुके है, जिसका व्यापक पैमाने पर गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के परिसर में ही उत्पादन होगा। यह हमारे इन्क्यूबेशन इको सिस्टम की सफलता और विश्वविद्यालय कैम्पस के इनोवेशन से व्यावसायिक उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने का पहला कदम है। इससे न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि बाजार में बाइक की गहरी पैठ जमेगी। डीएसटी टेक्नालॉजी इनेवलिंग सेंटर के तहत कार्यरत इको मोटर्स प्रायवेट लिमिटेड ने विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर में ही इस बाईक की डिजाइनिंग और निर्माण किया है। इसकी प्रारम्भिक कीमत 1.5 लाख से 1.8 लाख के बीच रखी गई है।
बिलासपुर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी एक अरसे से VC चक्रवाल के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय में स्वावलम्बी छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ स्वावलंबी बनाने का एक दूरदर्शी कार्य कर रही है। इस योजना के तहत लगभग 5,000 विद्यार्थी पंजीकृत हैं जो विभिन्न स्वावलंबी प्रकल्पों से जुड़े हुए है। इसमें विद्यार्थी अध्ययनकाल में ही नवाचार तथा स्टार्टअप आदि से जुड़कर अपनी पढ़ाई का खर्च स्वयं वहन करने की क्षमता विकसित करते हैं। विद्यार्थियों के द्वारा स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत विभिन्न उत्पादों यथा बेकरी प्रोडक्ट्स, मशरूम उत्पादन, हर्बल प्रोडक्स, हर्बल गुलाल, राखी, सैनिटेशन प्रोडक्ट्स आदि के साथ ही बैम्बू एवं गन मेटल की कलात्मक कृतियों को बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है । विद्यार्थी विभिन्न प्रकल्पों के द्वारा अनुभवजन्य शिक्षा ग्रहण कर स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ा रहे है, जो भविष्य में विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने मे मददगार साबित होगा।

