छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव : बिलासपुर संभाग की 25 सीटें करेंगी “विजेता” का फैसला…

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव : बिलासपुर संभाग की 25 सीटें करेंगी “विजेता” का फैसला…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग की 25 सीटों पर शुक्रवार को मतदान होगा . इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने इन क्षेत्रों में जबरदस्त जोर आजमाइश की है . यह क्षेत्र 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में लगभग एक तिहाई विधायक भेजता है .

राज्य के पांच प्रशासनिक संभागों में से मध्य क्षेत्र में स्थित बिलासपुर संभाग में सबसे अधिक 25 विधानसभा क्षेत्र हैं जो इस बार विजेता का फैसला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे . विशेष रूप से, यह एकमात्र प्रभाग था जिसे कांग्रेस 2018 में नहीं जीत पाई थी, जबकि भाजपा, जिसे अन्य जगहों पर हार का सामना करना पड़ा था, ने इस क्षेत्र से ज्यादातर सीटें जीत लीं थीं.
2018 में संभाग में 24 सीटें थीं, जिनमें से कांग्रेस ने 12 जबकि भाजपा ने 7 सीटें जीतीं . बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दो और तत्कालीन अजीत जोगी के नेतृत्व वाली जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) ने तीन सीटें जीतीं थीं .

सारंगढ़-बिलाईगढ़ के नए जिले के निर्माण के बाद, बिलाईगढ़ सीट, जो पहले रायपुर संभाग में थी, बिलासपुर संभाग में शामिल कर दी गई . 2018 में बिलाईगढ़ सीट कांग्रेस ने जीती थी.
2018 में दो सीटों पर दूसरे स्थान पर रहने वाली बसपा ने इस बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन किया है . आम आदमी पार्टी भी इस बार मैदान में है .

भाजपा और कांग्रेस दोनों ने इस बार बिलासपुर संभाग में प्रचार के लिए अपने शीर्ष नेताओं को तैनात किया . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने क्षेत्र में अनेक रैलियां कीं .
संभाग में पांच जिले शामिल हैं: रायगढ़ (लैलुंगा, रायगढ़, सारंगढ़, खरसिया, धरमजयगढ़ की विधानसभा सीटें शामिल हैं), कोरबा (रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार, मरवाही शामिल हैं), बिलासपुर (कोटा, तख्तपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा, मस्तूरी), जांजगीर-चांपा (अकलतारा, जांजगीर-चांपा, सक्ती, चंद्रपुर, जैजपुर, पामगढ़), मुंगेली (लोरमी और मुंगेली) और सारंगढ़-बिलाईगढ़ (बिलाईगढ़ सीट) .
इनमें से तीन सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और पांच सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं .

छत्तीसगढ़ भाजपा प्रमुख और बिलासपुर के सांसद अरुण साव ने दावा किया कि आंतरिक सर्वेक्षणों के अनुसार, भगवा पार्टी 25 में से 20 सीटें जीत सकती है . साव, जो खुद लोरमी से मैदान में हैं, ने कहा कि पार्टी ने संभाग से नए चेहरों के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं को भी मैदान में उतारा है .
इस प्रभाग में अन्य प्रमुख भाजपा उम्मीदवारों में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल (जांजगीर-चांपा सीट), पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी (रायगढ़), भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव के परिवार के दो सदस्य – संयोगिता जूदेव (चंद्रपुर) और प्रबल प्रताप सिंह जूदेव (कोटा) शामिल हैं .

दूसरी तरफ कांग्रेस को मालूम है कि पिछली बार उसने संभाग में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था. राज्य कांग्रेस के मीडिया सेल के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, इसलिए पार्टी ने संभाग में प्रचार के लिए विस्तृत योजना बनाई . शुक्ला ने कहा, ”हमने पिछली बार राज्य में तीन-चौथाई बहुमत से जीत हासिल की थी, लेकिन बिलासपुर संभाग में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।”
उन्होंने बताया कि इस बार खड़गे, राहुल और प्रियंका गांधी जैसे शीर्ष नेताओं ने क्षेत्र में आक्रामक रूप से प्रचार किया है .
शुक्ला ने कहा कि यह क्षेत्र एक प्रमुख कृषि क्षेत्र भी है और पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस सरकार द्वारा 2,600 रुपये प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी की है . इस बार फिर कांग्रेस को राजीव गाँधी न्याय योजना का सीधा फायदा मिलेगा . कांग्रेस ने सत्ता में बने रहने पर धान खरीद दर बढ़ाकर 3200 रुपये प्रति क्विंटल करने और कृषि ऋण माफ करने का भी वादा किया है . उन्होंने कहा कि इन वादों और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की किसान-ओबीसी नेता के रूप में छवि से भी कांग्रेस को मदद मिलेगी और हम पिछली बार के नुकसान की भरपाई कर लेंगे.
इस क्षेत्र में जो नए राजनैतिक समीकरण बने हैं उससे ऐसा भी प्रतीत होता है कि यहाँ की कई सीटों पर द्विध्रुवीय और त्रिध्रुवीय मुकाबला निर्णायक कारक बन सकता है . हालांकि, दोनों बड़े राष्ट्रीय दलों का दावा है कि मुकाबला द्विध्रुवीय होगा .
बिलासपुर से कांग्रेस के विधायक और दूसरी बार व्हुनाव लड़ रहे शैलेश पांडेय ने कहा, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के लगभग सभी छोटे-बड़े नेता कांग्रेस में शामिल हो गए हैं . जोगी के प्रभाव की वजह से ही पिछली बार कुछ स्थानों पर त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बन गई थी . इस बार स्थितियां वैसी नहीं हैं . दूसरे, कांग्रेस की सरकार ने विगत 5 वर्षों में क्षेत्र के विकास के लिए बेहतर कार्य किया है . कांग्रेस ने किसानों, युवाओं, महिलाओं सहित सभी वर्गों के विकास के लिए वायदे किये हैं . क्षेत्र की जनता का कांग्रेस पर भरोसा बरकरार है . उन्होंने भरोसा जताया कि इस बार बिलासपुर जिले व संभाग में कांग्रेस की सीटों में पिछले चुनाव की बनिस्बत ईजाफा होगा .
बिलासपुर से मौजूदा विधायक पांडेय का मुकाबला चार बार के विधायक और पूर्व मंत्री भाजपा के अमर अग्रवाल से है . पांडेय ने 2018 में अग्रवाल को हराया था .
इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत (सक्ती सीट) और राज्य मंत्री उमेश पटेल (खरसिया) तथा जयसिंह अग्रवाल (कोरबा) इस संभाग में सत्तारूढ़ दल के प्रमुख उम्मीदवारों में से हैं .

सम्पादक

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