CVRU के कुलाधिपति की पत्र-वार्ता…
नैक से मिला ए ग्रेड, विज्ञान, कला और टेक्नोलॉजी के नवाचारों में रामन यूनिवर्सिटी आगे…
डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी को नैक से ए ग्रेड के विश्वविद्यालय का दर्जा मिला है . ये उपलब्धि हासिल करने वाला सीवीआरयू छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला निजी विश्वविद्यालय है . सीवीआरयू के कुलाधिपति संतोष चौबे, मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे . उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने स्थापना वर्ष 2006 से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र, कोटा में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है . विवि अंचल के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी व पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को विशेषकर छात्राओं को विज्ञान, तकनीक, प्रबंधन, कला, साहित्य, संस्कृति और भाषा से जोड़ने की लगातार कोशिश कर रहा है . इसके साथ ही कौशल के क्षेत्र में उनकी पढ़ाई के बाद उन्हें उद्यमी बनाकर स्वरोजगार से भी जोड़ा जा रहा है . यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं .
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रयासों को सभी का सहयोग व मार्गदर्शन निरंतर प्राप्त होता रहा है . सीवीआरयू को देश में स्थापित संस्थाओं द्वारा अपने मूल्यांकन में हमेशा सर्वश्रेष्ठ स्वीकार किया गया . इसी क्रम में सीवीआरयू को नैक द्वारा ए ग्रेड दिया गया है .
कुलाधिपति चौबे ने बताया कि विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कृत-संकल्पित है . विद्यार्थियों की आवश्यकता और उनके भविष्य को सुरक्षित करने की मंशा से अनेक प्रकल्प भी विकसित किए हैं . विवि में छात्रों को वैश्विक बाजार से स्पर्धा करने व आत्मनिर्भर भारत में अपना योगदान देने भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रदत्त इन्कयूबेशन सेंटर स्थापित किया गया है, जो नए उद्यमी तैयार करने व स्वरोजगार स्थापित करने के लिए सहायता करता है . इसी तरह भारत सरकार द्वारा विवि को प्रधानमंत्री कौशल केंद्र भी प्रदान किया गया है . इसमें विद्यार्थी पढ़ाई के साथ कौशल में भी दक्ष हो रहे हैं . इतना ही नहीं कौशल में दक्षता के बाद उन्हें नेशनल और इंटरनेशनल पर नौकरी के अवसर भी दिलाए जाते हैं . देश और विदेश की कंपनियां यहां आकर विद्यार्थियों का चयन करती हैं .
रामन लोक कला में कलाकारों को मंच…
नवोदित साहित्यकारों को मंच देने और उन्हें साहित्य की विधाओं के गुण-ज्ञान बताने के लिए वनमाली सृजन पीठ की स्थापना की गई है . यहां हर वर्ग के रचनाकार को स्थान मिलता है . वनमाली सृजनपीठ के केंद्रों की स्थापना छोटे शहरों के साथ-साथ अब ब्लॉक स्तर पर भी की जा रही है ताकि इन जगहों में भी साहित्य को लेकर रुचि जागृत हो . विवि में स्थापित रेडियो भी रामन् 90.4 में लोक कलाकारों एवं विद्यार्थियों को मंच दे रहा है .
सीवीआरयू पढ़ाई के साथ संस्कृति भी संवार रहा…
छत्तीसगढ़ की संस्कृति और जीवन शैली को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में भी विश्वविद्यालय अनूठा कार्य कर रहा है . इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप छत्तीसगढ़ी संजोही व छत्तीसगढ़ी कला एवं संस्कृति केंद्र स्थापित किया गया है . यहां छत्तीसगढ़ की जीवन शैली और ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को जीवंत रूप में दर्शाया गया है . ताकि हम आधुनिकता से दूर ग्रामीण क्षेत्रों में एक आदर्श जीवन शैली को समझ और स्वीकार भी करें.
विश्वरंग से वैश्विक मंच…
विवि में रविंद्र नाथ टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र की स्थापना की गई है . इसमें स्थानीय से लेकर वैश्विक स्तर तक विद्यार्थियों को मंच दिया जाता है . स्थानीय स्तर पर जमीनी कलाकारों को मंच देने के लिए रमन लोक कला महोत्सव होता है . साथ ही साथ विश्वरंग में हम 50 से भी अधिक देशों के साथ कला, संस्कृति, साहित्य और भाषा का आदान-प्रदान करते हैं .
ज्ञान परंपरा केंद्र स्थापित…
यूजीसी के निर्देशानुसार भारतीय ज्ञान परंपरा से युवाओं को परिचित कराने और उसे पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कार्य किया जा रहा है . इसके लिए विश्वविद्यालय में एक भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र स्थापित किया गया है जिसमें भारत के ऋषि-मुनियों के आविष्कारों की जानकारी के साथ एक समृद्ध लाइब्रेरी भी स्थापित की गई हैं .