स्पिक मैके का आयोजन अनुभव-4.0 शुरू ; आधारशिला विद्या मंदिर में देश भर से पहुंचे कलाकार, 200 बच्चे ले रहे प्रशिक्षण…

स्पिक मैके का आयोजन अनुभव-4.0 शुरू ; आधारशिला विद्या मंदिर में देश भर से पहुंचे कलाकार, 200 बच्चे ले रहे प्रशिक्षण…

बिलासपुर . कला-संस्कृति के उन्नयन के लिए सदैव प्रयासरत संस्था ‘स्पिक मैके’ से जुड़े पदाधिकारियों ने सोमवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा की। स्पिक मैके संस्था द्वारा अनुभव-4.0, कला-संस्कृति पर आधारित कार्यशाला, प्रशिक्षण और प्रदर्शन कार्यक्रम बिलासपुर के आधारशिला विद्या मंदिर में 29 मई से 4 जून तक आयोजित हैं। इस संबंध में स्पिक मैके बिलासपुर चेप्टर के सीनियर वालेंटियर डॉ अजय श्रीवास्तव ने बताया कि विगत 45 वर्षों से स्पिक मैके (सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ़ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमोंग्स्ट यूथ) द्वारा भारतीय शिक्षा पद्धति में सार्थक बदलाव एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनवरत प्रयास किया जा रहा है | संस्था ने न केवल भारतीय कलाओं, संस्कृति एवं विरासत को संजोने का कार्य किया है बल्कि स्कूल, कॉलेज के लाखों युवाओं को इसके प्रति संवेदनशील एवं जागरूक बनाया है | ग्रीष्म ऋतु में संस्था द्वारा एक ‘सम्मलेन’ करवाया जाता है जिसमें पूरे देश भर से युवा इक्कट्ठे होते हैं . इनमें आई. आई. टी और आई. आई. एम के विद्यार्थी भी शामिल रहते हैं | ये विद्यार्थी शास्त्रीय संगीत, नृत्य एवं लोक कला के विश्व विख्यात गुरुओं से संवाद स्थापित करते हैं एवं उनके साथ कलाओं का अभ्यास करते हैं ।

अनुभव – 4.0 के बारे में…

डॉ अजय श्रीवास्तव ने बताया कि अनुभव के पिछले तीन संस्करण – जून 2020, जून 2021 एवं अक्टूबर 2021 में आयोजित किये गए | कोरोना काल के दौरान
संस्था ने कलाकारों को आर्थिक मदद एवं बच्चों को हमारे देश की गौरवशाली कला-संस्कृति से सीधे जोड़ने के लिए विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया था |
डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार ये कार्यक्रम पूरे देश में सिर्फ 7 संस्थाओं में हो रहा है जिसमें बिलासपुर का आधारशिला विद्या मंदिर भी एक है |
स्पिक मैके आयोजन समिति ने बताया कि कार्यक्रम में हमें अटल श्रीवास्तव- चेयरमैन, छत्तीसगढ़ टूरिज्म का भी मार्गदर्शन मिला है | उन्होंने कार्यक्रम की संकल्पना एवं उपलब्धियों को देखते हुए ‘अनुभव 4.0’ को छत्तीसगढ़ के लिए एक अवसर के रूप में समझा एवं 200 विद्यार्थी एवं 50 वालंटियर के लिए व्यवस्था में सहयोग किया | उन्होंने कहा कि पर्यटन एवं संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं | अगर हम किसी भी तरह से संस्कृति का संरक्षण-संवर्धन करते हैं तो स्वतः ही पर्यटन को बढ़ावा मिलता है | उन्होंने कहा है कि इस तरह के कार्यक्रम पूरे छत्तीसगढ़ में कराये जायेंगे |
पत्र-वार्ता में आधारशिला विद्या मंदिर की प्रिंसिपल श्रीमती मधुलिका निगम ने एक सप्ताह के कार्यक्रम की जानकारी दी | उन्होंने बताया कि आधारशिला विद्या मंदिर के चेयरमैन डॉ.अजय श्रीवास्तव के अनवरत प्रयास से बिलासपुर के इतिहास में पहली बार भारतीय कला व संगीत के क्षेत्र से जुड़ी महान विभूतियों का बच्चों में शिक्षण-प्रशिक्षण और प्रदर्शन के उद्देश्य से आगमन हो रहा है l विद्यालय में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के करीब 200 बच्चे भागीदारी निभा रहे है . कला के क्षेत्र में विश्वविख्यात हस्तियाँ हमारे शहर के बच्चों को सिखा रहे हैं . इन कलाकारों की प्रस्तुतियां भी विद्यालय में आयोजित है |
देश-विदेश में छत्तीसगढ़ी कला एवं संस्कृति का नाम रोशन करने वाली छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायिका ऋतु वर्मा भी गुरु के रूप में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद हैं | उन्होंने कहा कि वे हमेशा अपनी कला को सिखाने के लिए तैयार रहती हैं | सुश्री ऋतु वर्मा का पंडवानी गायन व प्रदर्शन बुधवार को आयोजित है .
कर्णाटक संगीत में निष्णात कलाकार सुनील गरज्ञान ने भी इस अवसर पर बताया कि बच्चों ने संगीत विधा को अच्छी तरह सुनना एवं समझना शुरू कर दिया है .
स्पिक मैके के सात दिवसीय कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर श्रुति प्रभला ने बताया कि उन्होंने भी स्पिक मैके के अनेक कार्यक्रमों में शिरकत की है . यहाँ गुणवत्ता का स्तर हमेशा बहुत ऊँचा रहता है | उन्होंने स्वयं भी स्पिक मैके के सौजन्य से एक माह से भी अधिक समय तक गुरू-शिष्य परंपरा के तहत संगीत के गुरुओं के सानिध्य में रह कर संगीत सीखा है जो उसके लिए काफी प्रेरक और समझ को बढ़ाने वाला अनुभव रहा |
पत्रकार वार्ता के दौरान डॉ श्रीवास्तव के साथ ऋतु वर्मा (पंडवानी, भिलाई) सुनील गरज्ञान (कर्नाटक वोकल, चेन्नई) तथा स्पिक मैके की कोआर्डिनेटर श्रुति प्रभला और आधारशिला विद्या मंदिर की प्राचार्या मधुलिका निगम मौजूद थी।

सम्पादक

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