दंतैल हाथी का आतंक ; महुआ बीन रही महिला को कुचलकर मार डाला, एक बच्चा घायल…
बिलासपुर . छत्तीसगढ़ के सीमान्त जिले जीपीएम के मरवाही वन मंडल के गाँव परासी के निकट गुरूवार की सुबह एक दंतैल हाथी ने 42 वर्षीय महिला को कुचलकर मार डाला . महिला अपने पोते के साथ जंगल में महुआ बीनने गई थी . हादसे से डर कर भाग रहे उसके 8 वर्षीय पोते को भी गिरने से चोटें आई हैं . घायल बच्चे का मरवाही के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ईलाज चल रहा है . चार दिनों के अन्दर मरवाही वन क्षेत्र में हाथी के हमले की यह दूसरी घटना है . वन विभाग ने मृत महिला के परिजनों को 25 हजार रूपये की तात्कालिक सहायता दे दी है . घायल बच्चे का ईलाज भी वन विभाग करवा रहा है .
मरवाही वन मंडल के डीएफओ दिनेश पटेल ने बताया कि गुरूवार की सुबह करीब 6 बजे मरवाही रेंज के परासी गाँव के निकट रामवन जंगल-क्षेत्र में एक महिला धनिया बाई (42) अपने 8 वर्षीय पोते राघव के साथ महुआ बीनने जंगल के काफी अंदर जा पहुंची . मध्यप्रदेश की सीमा से लगे हुए इस वन क्षेत्र में अनूपपुर फारेस्ट डिविजन से एक दंतैल हाथी सुबह 4-5 बजे महुआ की खुशबू से वहां पहुंचा हुआ था . महिला जब महुआ बीनने में व्यस्त थी तभी उसका दंतेल हाथी से आमना-सामना हो गया . हाथी ने महिला को कुचलकर मार डाला . महिला धनिया बाई की मौके पर ही मौत हो गई . हादसे से घबराया उसका पोता राघव अपनी जान बचाने तेजी से भागा और गिर गया जिससे उसे गंभीर चोटें आई हैं . घायल राघव का ईलाज मरवाही के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है .
वन अधिकारी पटेल ने बताया कि मृत महिला के परिजनों को 25 हजार रूपयों की तात्कालिक सहायता राशि दे दी गई है जबकि उसके पोते के ईलाज का खर्च भी वन विभाग वहन करेगा . उन्होंने बताया कि आवश्यक कार्यवाही के बाद परिजनों को मुआवजे की शेष राशि पौने छह लाख रूपये भी सौप दी जाएगी .
वन अधिकारी ने बताया कि मरवाही वन मंडल में चार दिनों के भीतर हाथी के हमले की यह दूसरी घटना है . इसके पहले रूमगा गाँव के निकट वनक्षेत्र में रविवार की सुबह एक हाथी ने 10 साल की एक बच्ची को कुचलकर मार डाला था . उन्होंने स्वीकार किया कि पिछली बार की तरह इस बार हाथियों से सचेत रहने की मुनादी नहीं कराई जा सकी थी . वन विभाग का जमीनी अमला जिसमें फारेस्ट गार्ड, फारेस्टर और डिप्टी रेंजर आदि मुख्य रूप से शामिल हैं, अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर पिछले 21 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं . वहीं वन विभाग का हाथी बचाव दल भी हाथी प्रभावित क्षेत्र में फिलहाल सक्रिय नहीं है .