यूनिक फ़ूड हैबिट : ज्वार, बाजरा और मक्का… बदलते स्वाद का चस्का…
बिलासपुर (मीडियान्तर प्रतिनिधि) शहर के बाजारों में इन दिनों ज्वार, बाजरा और मक्का के आटे की बहार है . ऐसा पहली बार हो रहा है कि नगर की 40 फीसदी किराना-गल्ला दुकानों में बाकायदा इनके बोर्ड लगाकर व्यापार किया जा रहा है .

व्यापारिक सूत्र बताते हैं कि ज्वार, बाजरा और मक्का का आटा धड़ल्ले से बिक रहा है . मौसम के साथ-साथ लोगों में स्वाद और सेहत के प्रति जागरूकता के कारण इन तीनों आटे की डिमांड बढ़ी है . दो और पांच किलो के पैक भी बाज़ार में दिख रहे हैं . मक्के का आटा यूं तो साल भर पंजाबी समाज की डिमांड के कारण बिकता है पर इन दिनों कोरोना-काल होने के कारण डॉक्टर ज्वार, बाजरा और मक्के का आटा सजेस्ट करने लगे हैं . जाहिर है डिमांड और बड़ी है . डॉक्टर बताते हैं कि मक्का और ज्वार का ग्लाइसिन इंडेक्स कम होता है और धीमे पाचन के कारण यह शुगर पेशेंट के लिए बेहद लाभदायक है . बाजरा भी बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल में लाभदायक है . यही वजह है कि डॉक्टर इन तीनों आटे को बदल-बदल कर खाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिसका असर बाजार पर पड़ा है .

गोल बाजार स्थित शंकर प्रोविजन के संचालक बताते हैं कि इस की अच्छी खासी डिमांड है . तीनों आटे 40 से 50 रूपये किलो की रेंज में बिक रहे हैं . मध्यम वर्ग इसे कम से कम 5 किलो तक क्रय कर रहा है . मक्के और ज्वार की गर्म तासीर के कारण बदलते हुए मौसम में लोग इसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं . बाजरे की तासीर यद्यपि ठंडी होती है इसके बावजूद वह भी भरपूर बिक रहा है . लोग-बाग़ इन्हें खरीद कर पिसवा भी रहे हैं और रेडीमेड पैक भी ले रहे हैं . बिग बाजार में निर्यात की गुणवत्ता वाला मसालेदार ज्वार, बाजरा और मक्के का आटा भी आ गया है, जिसकी भी डिमांड बनी हुई है .
सरकंडा स्थित दिलीप प्रोविजन के दिलीप कुमार बताते है कि तीनों आटे की अच्छी डिमांड है . मध्यम वर्ग की किराना सामग्री की सूची में इनका स्थान सुनिश्चित हो चुका है . मक्के दी रोटी और सरसों का साग तो पहले ही फ़ेमस है . शादी-ब्याह में पंजाबी ढाबा स्टॉल भी अनिवार्य हो गए हैं.
डॉ. के के श्रीवास्तव ने मीडियान्तर को बताया कि ये तीनों आटे इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी मददगार साबित हुए हैं . वे जावर, बाजरा और मक्के के आटे की रोटियां बदल-बदल कर खाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं .
फायदे…
गेंहू की रोटी के बजाए ज्वार, बाजरा और मक्के की रोटी का अलग ही स्वाद आता है . ये रोटियां खाने में जितनी स्वादिष्ठ होती हैं, उससे ज्यादा सेहतमंद होती हैं .
भारतीय रसोई में ज्वार, बाजरा और मक्का जैसे साबुत अनाज ऐसे विकल्प हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं . अकेले ज्वार अन्य अनाजों की तुलना में कैंसर से लड़ने वाले एंटीऑक्सिडेंट और सबसे ज्यादा फाइबर से भरपूर होता है। . इसमें विटामिन और खनिज भी मौजूद होते हैं . ज्वार को पचाना आसान है इसलिए हमारा पेट भी सही रहता है . एक रिसर्च के अनुसार ज्वार के नियमित सेवन से डायबटीज का खतरा भी कम हो सकता है।

उसी प्रकार मक्के के आटे में कैलोरी कम होती है और यह प्रोटीन और स्टार्च से भरपूर होता है। मक्का आयरन, फॉस्फोरस, जिंक और विभिन्न विटामिन्स का भी खजाना है . मक्का का आटा आंखों की रोशनी बढाने के साथ-साथ कैंसर और एनीमिया की रोकथाम में भी सहायक है .
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मल्टीग्रेन आटे का सेवन किया जाए . मल्टीग्रेन आटा वजन कम करने में सहायक है ही, साथ ही यह हमारे लिए हेल्दी भी है .