सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के मीसाबंदियों को सम्मान निधि की राशि का भुगतान जारी रखने के आदेश के क्रियान्वयन पर स्थगन दिया…

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के मीसाबंदियों को सम्मान निधि की राशि का भुगतान जारी रखने के आदेश के क्रियान्वयन पर स्थगन दिया…

सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ शासन को प्रदेश के मीसाबंदियों की सम्मान निधि के मामले में बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मीसाबंदियों को सम्मान निधि की राशि का भुगतान जारी रखने के छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश के क्रियान्वन पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने मीसाबंदियों को सम्मान निधि देने के लिए शासन को 25 जनवरी को आदेश दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील प्रस्तुत की थी।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में उप-महाधिवक्ता जितेन्द्र पाली ने मामले में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2008 में तात्कालिक छ.ग. शासन द्वारा लोकनायक जयप्रकाश नारायण (मीसा / डी. आई. आर. / राजनैतिक या सामाजिक कारणों से निरूद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि नियम 2008 बनाया गया था। जिसके अधीन हितग्राहियों को मासिक पेंशन राशि देना निर्धारित किया गया था। बाद में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने दिनांक 28/01/2019 को छ.ग. शासन द्वारा पेंशन / सम्मान निधि के भुगतान पर रोक लगाते हुए मीसा पेंशन नियम 2008 के परीक्षण एवं सत्यापन हेतु इसे विचार में लिया गया। राज्य शासन के उक्त निर्णय के विरूद्ध मीसाबंदियों / हितग्राहियों ने छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका प्रस्तुत की। उक्त याचिका के लंबित रहने के दौरान दिनांक 23/01/2020 को राज्य शासन द्वारा अधिसूचना जारी कर मीसा सम्मान निधि / पेंशन नियम 2008 को निरसित कर दिया गया। तत्पश्चात् उच्च न्यायालय द्वारा आदेश पारित कर मीसाबंदियों को फरवरी 2019 से 23 जनवरी 2020 तक की अंतर की राशि प्रदान करने कहा गया। इसी बीच राज्य शासन द्वारा 29 जुलाई 2020 को अधिसूचना जारी की गई जिसके तहत अधिसूचना दिनांक 23/01/2020 को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए सम्मान निधि नियम 2008 को पूर्ववर्ती तिथि जनवरी 2019 से निरसित कर दिया गया।
एकल पीठ के उक्त आदेश को छ.ग. शासन द्वारा हाईकोर्ट की युगल पीठ के समक्ष चुनौती दी गई। इसी बीच अन्य हितग्राहियों द्वारा छ.ग. शासन द्वारा जारी अधिसूचना 23/01/2020 एवं 29/07/2020 को भी चुनौती दी गई।
हाईकोर्ट में युगल पीठ द्वारा सभी अपील एवं याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिनांक 25/01/2022 को अंतिम आदेश पारित किया, जिसमें उपरोक्त दोनों अधिसूचनाओं को निरस्त करने का आदेश दिया और कहा कि राज्य सरकार सम्मान निधि की राशि का भुगतान जारी रखें।
उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ के युगल पीठ के आदेश के विरूद्ध छ.ग. शासन ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत की। आज दिनांक 30/09/2022 को सुनवाई पश्चात सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित मीसाबंदियों को सम्मान निधि की राशि का भुगतान जारी रखने के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।

सम्पादक

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