धान खरीदी को लेकर राज्य सरकार किसानों में भ्रम फैला रही है : नारायण चंदेल

धान खरीदी को लेकर राज्य सरकार किसानों में भ्रम फैला रही है : नारायण चंदेल

पहली बार किसानों के खेत के खेत चोरी हो गए…

छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरोप लगाया है कि राज्य की भूपेश बघेल सरकार, धान खरीदी के मामले में किसानों के बीच भ्रम फैला रही है और झूठ बोल रही है . राज्य के कृषि, सहकारिता और खाद्य मंत्री धान खरीदी को लेकर विधानसभा में कुछ और जनता को कुछ अलग जानकारी दे रहे हैं .
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री का बयान है कि धान खरीदी में केंद्र सरकार का कोई भी सहयोग नहीं रहता . यह बात पूरी तरह भ्रामक है क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार अभी तक छत्तीसगढ़ सरकार को धान खरीदी के लिए 51 हजार 563 करोड़ दे चुकी है जबकि राज्य सरकार ने सिर्फ 11,141 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया है .
बिलासपुर में रविवार को अपरान्ह जिला भाजपा कार्यालय में पूर्व मंत्री व विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी, विधायक रजनीश सिंह तथा जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत की उपस्थिति में पत्रकारों से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रियों ने किसानों को गुमराह किया है . केंद्र सरकार द्वारा किसानों को समर्थन मूल्य पर मोटा धान 2183 रुपए और पतला धान 2203 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है . राज्य सरकार द्वारा किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल दिया जा रहा है . उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के खरीदी मूल्य में अंतर वास्तव में राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा बोनस है . उन्होंने बताया कि धान खरीदी के लिए ज्यादातर राशि तो केंद्र सरकार दे रही है . उन्होंने सीधे भूपेश सरकार से पूछा कि क्या वे किसानों को 2500 रूपये अतिरिक्त देंगे ?
नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने आगे कहा कि अभी तक केंद्र सरकार द्वारा 80% धान की खरीदी की जाती है . भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा उपार्जन के तौर पर धान लिया जाता है . वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार ने 94% खरीदी की थी . केंद्र सरकार बिना किसी भेदभाव के किसानों का धान खरीदी करती है . उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार धान का समर्थन मूल्य बढ़ाती है और छत्तीसगढ़ सरकार बोनस घटाती है .
उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों से कर्ज लिया था वह आज तक माफ़ नहीं हुआ है जिसकी वजह से उन पर ब्याज बढ़ता जा रहा है . उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि किसानों की कर्जमाफी कब तक होगी? उसीप्रकार राज्य सरकार ने 2 साल का बकाया बोनस देने की भी घोषणा की थी लेकिन पौने पांच साल हो गए, वे बोनस की चर्चा भी नहीं करते . हम मुख्यमंत्री से जानना चाहते हैं कि 2 साल का बकाया बोनस किसानों को कब प्राप्त होगा? बोनस राशि तो दूर किसानों को 2 साल के बारदाने का भी पैसा नहीं मिल पाया है जबकि 8 दिनों में इसे देने का वादा किया गया था .
नेता प्रतिपक्ष ने आश्चर्य व्यक्त किया कि पहली बार ऐसा हुआ है जब राज्य में किसानों के खेत चोरी हो गए . राज्य सरकार ने गिरदावरी के नाम पर अपने राजस्व अमले से किसानों के खेतों को नपवाया और छोटे-मझोले-सीमान्त किसानों की जमीन ही समाप्त कर दी परिणामस्वरूप ऐसे किसान धान बेचने से वंचित हो गए हैं . उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की आजादी के बाद यह पहली घटना है जब भूमिपुत्र किसानों के खेत गुम हो गए . उनके क्षेत्र से अनेक किसानों ने शिकायतें की हैं . किसान पूछ रहे हैं कि किस थाने में अपने खेत गुम हो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराएँ .
उन्होंने कहा कि यह बात भी कम चमत्कारिक नहीं है, प्रदेश में एक तरफ तो गिरदावरी का रकबा कम हो गया और दूसरी तरफ धान का उत्पादन बढ़ गया . यह चमत्कार छत्तीसगढ़ सरकार ने किया हैं . अभी स्थिति यह है कि 80% किसानों को मात्र 20% के लाभ मिलता है जबकि 20% किसानों को 80% लाभ मिल रहा है .
चंदेल ने बिजली और सिंचाई के लिए पम्प कनेक्शन पर भी भूपेश सरकार को घेरा . कहा कि, छोटे किसानों को 10 से 15 हजार तक का बिजली बिल भेजा जा रहा है . किसानों के 62000 पंप कनेक्शन लंबित है जिसका निराकरण ही नहीं हो पा रहा है . क्या यही किसानों की सरकार है . इन्होने कहा था, किसानों को 6000 यूनिट बिजली फ्री मिलेगी . एक तो आवेदन लंबित है, दूसरा, मीटर ही नहीं लगे हैं तो किस आधार पर बिजली फ्री देंगे . मापदंड क्या है ?
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि भाजपा की सरकार आने के बाद धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रूपयों से कितना अधिक होगा ? नारायण चंदेल ने कहा कि भाजपा के चुनावी घोषणा-पत्र में इसका उल्लेख अवश्य किया जायेगा .

सम्पादक

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