जादूगर ज्ञानेंद्र का जादू 23 दिसंबर से शहर में…
जादू से किसी का भला तो नहीं, मगर मनोरंजन खूब होता है…. ज्ञानेंद्र

जादूगर ज्ञानेंद्र का जादू 23 दिसंबर से शहर में…जादू से किसी का भला तो नहीं, मगर मनोरंजन खूब होता है…. ज्ञानेंद्र

बिलासपुर / शहर की शिव टॉकीज में 23 दिसंबर से जादूगर ज्ञानेंद्र भार्गव का शो शुरू होने वाला है। प्रयागराज उत्तर प्रदेश निवासी जादूगर ज्ञानेंद्र (त्रिपाठी) भार्गव छत्तीसगढ़ में पहली बार अपनी तिलिस्मी कला को लेकर पहुंचे हैं। हर दिन दो शो और शनिवार-रविवार को तीन शो के जरिए वे लोगों का स्वस्थ और संदेशपरक मनोरंजन करेंगे।
बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए जादूगर ज्ञानेंद्र भार्गव ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य समाज में फैली हुई कुरीतियों को अपने शो के जरिये दूर करना और लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि वे लोगों के बीच नशा छोड़ने के अलावा, अंधविश्वास, स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, हरित क्रांति, भाईचारा, यातायात नियमों का पालन, पर्यावरण अनुपालन जैसे कई जागरूकता भरे कार्यक्रम करते आ रहे हैं।
भार्गव के मुताबिक उनके जादू के शो में डायलॉग्स आदि आध्यात्म से जुड़े होते हैं ताकि लोगों को स्वस्थ मनोरंजन के साथ आध्यात्मिकता का भी लाभ मिले। उन्होंने बताया कि कि उनके परिवार का जादू की कला से दूर दूर तक वास्ता-नाता नहीं है . उन्होंने अकेले इस प्रोफेशन को स्नातक की शिक्षा के बाद वर्ष 1983 से अपना लिया था। अब तक नेपाल सहित देश में 25 हज़ार से अधिक शो उनके द्वारा किए जा चुके हैं।


उन्होंने स्पष्ट कहा कि जादू से किसी का भी भला नहीं होता है, हाँ ये ज़रूर है, इससे लोगों का भरपूर मनोरंजन होता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जिस व्यक्ति का विल पावर मजबूत होगा उसमें हिप्नोटिज्म का असर नहीं होगा। उनके शो के मुख्य आकर्षण में स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी गायब होना, इच्छाधारी सांप, कभी सांप तो कभी लड़की, भारत माता और भ्रष्टाचार, जमीन से 10 फुट ऊपर उड़ कर जाना, बंद बक्से से आजाद होना, मिस्र देश की शहजादी का आगमन, आकाश मार्ग से जाकर गायब होना, भूतों का नायिका के साथ नाच जैसे कई कार्यक्रम हैं।
जादूगर ज्ञानेंद्र भार्गव ने बताया कि वे हारमोनियम बजाने के अलावा एक अच्छे तबलावादक भी है। पिता कथावाचक थे उनके साथ वह तबला वादक के रूप में लोगों को संगीत का आनंद देते थे। इसी बीच उन्होंने जादूगर बनने का फैसला लिया।
उन्होंने बताया कि कल.गुरुवार को दोपहर एक बजे शिव टॉकीज़ से आंख में पट्टी बांधकर वे शहर में मोटरसाइकिल से भ्रमण करेंगे।

सम्पादक

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