उप-राष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू की वर्चुअल उपस्थिति में सम्पन्न हुआ अटल विवि का दीक्षांत समारोह…

उप-राष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू की वर्चुअल उपस्थिति में सम्पन्न हुआ अटल विवि का दीक्षांत समारोह…

राज्यपाल ने बांटे 117 छात्राओं सहित कुल 162 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल…

उच्च शिक्षा में विशेष योगदान के लिए 8 विद्वानों को मानद उपाधि..

अटल विवि की त्रैमासिक पत्रिका ‘कन्हार‘  सहित अनेक पुस्तकों का विमोचन…

लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने में पूरी ताकत लगा दें: राज्यपाल.


बिलासपुर 21 अप्रैल 2022 (पीटीआई-भाषा) अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर का तीसरा दीक्षांत समारोह गुरुवार को यहां बहतराई स्टेडियम के इंडोर हॉल में उप-राष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू की आभासी उपस्थिति में समारोहपूर्वक संपन्न हुआ। अध्यक्षता राज्यपाल एवं कुलाधिपति सुश्री अनुसुईया उइके ने की। समारोह में 117 मेधावी छात्राओं सहित कुल 162 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक एवं उपाधियों से अलंकृत किया गया। समारोह में वर्ष 2018-19, वर्ष 19-20 और वर्ष 20-21 में उत्तीर्ण करीब 1 लाख 70 हजार विद्यार्थियों उनकी अनुपस्थिति में डिग्रियां प्रदान की गईं .
दीक्षांत समारोह में उच्च शिक्षा के विकास एवं प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान के लिए 8 विद्वानों को विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल सहित स्थानीय विधायक शैलेश पाण्डेय, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, लोरमी विधायक धरमजीत सिंह और पूर्व अध्यक्ष, संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली, प्रो. पी के जोशी विशेष रूप से उपस्थित थे। सुश्री उईके ने इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका कन्हार सहित डॉ. सीमा बेलोरकर एवं डॉ. पूजा पाण्डेय द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया।


दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि एवं उप-राष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने अपने वर्चुअल उद्बोधन में कहा कि देश का भविष्य युवाओं के सपनों और आशाओं से गढ़ा जायेगा। देश की 65 प्रतिशत से अधिक आबादी 35 साल से कम उम्र के युवाओं की है । दीक्षांत के बाद संस्थान के प्रतिभाशाली युवा अपनी रूचि के क्षेत्रों में अपना और विश्चविद्यालय का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपनी प्राचीन समृद्ध ज्ञान एवं परम्परा को भूल गये हैं। हमें अपनी पुरानी प्रतिष्ठा फिर से अर्जित करने के लिए शिक्षण संस्थाओं को विश्वस्तरीय बनाना होगा। नये शोध एवं नवाचार गतिविधियों को बढ़ाना होगा। उप राष्ट्रपति ने कहा कि हम तेजी से बदलते तकनीकी युग में जी रहे हैं। हमें अपने विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को आधुनिक सन्दर्भों के साथ प्रासंगिक बनाना चाहिए। उच्च शिक्षा को नये अवसरों से जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जनजातीय समुदाय का समृद्ध सांस्कृतिक और मानवशास्त्रीय इतिहास है . उन्होंने अटल विश्वविद्यालय से अपेक्षा की कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, लोक परम्पराओं, लोक कलाओं, उनके साहित्य पर शोध करें, उसे प्रकाश में लायें .
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल एवं कुलाधिपति सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि विद्यार्थी जीवन सम्पूर्ण जीवनकाल का महत्वपूर्ण समय होता है। अच्छे और बुरे का बोध हमें इसी समय होता है। मानवीय मूल्यों, संस्कारों और रचनात्मक क्षमता का विकास इसी दौरान होता है। कड़ी मेहनत से जीवन को दिशा मिलती है। उन्होंने आह्वान किया कि विद्यार्थी अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें और इसे प्राप्त करने के लिये निरंतर प्रयास करें। एक दिन जरूरी कामयाबी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आज मेडल प्राप्त 162 विद्यार्थियों में 117 महिलाएं हैं। यह समाज के लिए गौरव का विषय है। महिला सशक्तिकरण का उदहारण भी है। केवल कागज की डिग्री प्राप्त कर लेना महत्वपूर्ण नहीं हैं, हमें संवेदनशीलता और मानवीय संवेदनाओं के साथ गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए।


उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि अटल विश्वविद्यालय ने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की तर्ज पर गढ़बो नवा विश्वविद्यालय का नारा देकर अकादमिक एवं शोध के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ी भाषा में नोट शीट प्रचलित कर अच्छी पहल की है। विश्वविद्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में शोध को नई दिशा देने के लिए शोधपीठों की स्थापना की है। इससे नये-नये तथ्य एवं जानकारियां सामने आयेंगी। राज्य के युवाओं को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग प्रतिबद्ध है।
दीक्षांत उद्बोधन संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर पी.के.जोशी ने दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी नयी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। सामाजिक जिम्मेदारी, जवाबदेही, निष्पक्षता और ईमानदारी को प्रमुख मूल्य के रूप में अपनाना चाहिए।
अटल विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने स्वागत भाषण दिया और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की जानकारी दी। कुलसचिव सुधीर शर्मा ने आभार व्यक्ति किया।

इन्हें मिली मानद उपाधि…

अटल विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा के विकास एवं प्रबंधन में महत्वपूर्ण कार्य के लिए पूर्व विधायक बोधराम कंवर, किशन सिंह ठाकुर, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति अशोक मित्तल, सरदार पटेल एजुकेशनल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी एवं सचिव भीखाभाई एन.पटेल, साहित्य में योगदान के लिए सतीश जायसवाल, राजनीतिक सेवा एवं उत्कृष्ट कार्यों के लिए लोरमी विधायक धरमजीत सिंह, गरीबी उन्मूलन एवं अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए श्रीमती गौरी सिंह और वाणिज्य शिक्षा में विशेष योगदान के लिए एन.एच नाथवानी को मानद उपाधि से विभूषित किया है। इसके अलावा शासकीय सेवा के साथ-साथ पढ़ाई करते हुए डिप्टी कमिश्नर श्रीमती अर्चना मिश्रा सहित आकांक्षा पाण्डेय एवं अंजु शुक्ला ने भी स्वर्ण पदक प्राप्त किया। सुश्री अर्चना मिश्रा को एलएलएम में सर्वोच्च अंक हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया । राज्यपाल सुश्री उइके ने अपने उद्बोधन में इन महिला अधिकारियों का विशेष रूप से जिक्र करते हुए बधाई दी।

सम्पादक

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