आत्महत्या ; आर्थिक तंगी और बीमारी के कारण माँ-बेटे एक ही फंदे में झूल गए…

बिलासपुर जिला के निकटस्थ थाना क्षेत्र कोटा के गाँव कलारतराई में माँ-बेटे ने अपने घर में एक ही फंदे पर फांसी लगा ली . गांववालों के अनुसार दोनों ने आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या की है . पुलिस तहकीकात कर रही है .
कोटा थाना के प्रभारी दिनेश चंद्रा ने बताया कि ग्राम कलारतराई में कृष्णा बाई मानिकपुरी (45) अपने पुत्र अशोक दास मानिकपुरी (21) तथा पति प्रेम दास मानिकपुरी के साथ रहती थी . कृष्णा बाई गाँव के झाडू-पोछा और बर्तन साफ़ करने का काम करती थी और उसका पुत्र अशोक मेहनत-मजदूरी करता था . पति प्रेम दास दिव्यांग है . बहरा होने के कारण वह कोई काम-काज भी नहीं करता है . सोमवार-मंगलवार की रात को माँ-बेटे एक ही कमरे में सो रहे थे जबकि प्रेम दास घर के बाहर आँगन में सो रहा था . मंगलवार की सुबह देर तक जब दोनों माँ-बेटे कमरे से बाहर नहीं निकले तो प्रेम दास ने दरवाजा खटखटाया . अन्दर से कोई आवाज नहीं आई . प्रेम दास ने पड़ोसियों की मदद से रोशनदान से देखा तो माँ-बेटे के शव फांसी के फंदे में झूल रहे थे .

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची . माँ-बेटे, दोनों ने घर की छप्पर पर लगी लकड़ी की मयार में एक ही फंदा लगाकर फांसी लगा ली थी . प्रारंभिक जांच तथा आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ से पता चला है कि महिला कृष्णा बाई लम्बे समय से सिर दर्द और बुखार से पीड़ित थी जबकि उसके पुत्र को सीने में दर्द की शिकायत रहती थी . दोनों ने कर्ज भी ले रखा था जिसकी साप्ताहिक किश्तें वे आगे-पीछे जमा कर रहे थे लेकिन शारीरिक परेशानियों के कारण वे प्रतिदिन काम पर नहीं जाते थे . कृष्णा का पति भी दिव्यांग और उम्रदराज होने के कारण काम-काज करने से लाचार था .
पुलिस के अनुसार बहुत संभव है, आर्थिक तंगी और बीमारी के कारण उन्होंने आत्महत्या की होगी . ज्ञात हुआ है कि कृष्णा बाई, प्रेम दास की दूसरी पत्नी थी जिससे उसकी दो संतानें हुई . बड़ी लड़की का विवाह हो चुका है . प्रेम दास की पहली पत्नी दिवंगत हो चुकी है . उसके पांच बच्चे हुए जो वर्षों से अलग रह रहे हैं .
पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है .