भारतीय शिक्षा बोर्ड की आधुनिक शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा के समावेशन पर विशेष संगोष्ठी…

भारतीय शिक्षा बोर्ड की आधुनिक शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा के समावेशन पर विशेष संगोष्ठी…

शिक्षाविदों का सम्मान भी होगा…

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल होंगे शामिल…

भारतीय शिक्षा बोर्ड देगा वेद, पुराण व गीता का ज्ञान…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भारतीय शिक्षा बोर्ड (राष्ट्रीय स्कूल शिक्षा बोर्ड) के द्वारा आधुनिक शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेशन पर विशेष संगोष्ठी एवं शिक्षाविदों का सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। बोर्ड के प्रदेश प्रभारी डॉ. सचिन यादव और संजय अग्रवाल ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर कार्यक्रम की जानकारी दी।

भारतीय शिक्षा बोर्ड (राष्ट्रीय स्कूल शिक्षा बोर्ड), जो कि भारत सरकार द्वारा गठित एवं पंजीकृत स्वायत्त संस्था है, राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलो को संबद्धता प्रदान करेगा। भारतीय शिक्षा बोर्ड के अनुसार उनके पाठ्यक्रम में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ वैदिक ज्ञान सम्पदा जैसे वेद, उपनिषद, दर्शन, महाभारत, गीतापुराण, गुरुग्रंथ साहेब, जैन दर्शन, बौद्ध दर्शन आदि के ज्ञान तत्व का समावेश किया गया है।

बोर्ड के द्वारा 18 अप्रैल 2025, शुक्रवार को एक विशेष संगोष्ठी एवं शिक्षाविदों के सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का विषय है “आधुनिक शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश”, जिसमें देशभर से शिक्षाविद, गणमान्य अतिथि एवं शिक्षा क्षेत्र के प्रमुख प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे। यह कार्यक्रम बिलासपुर के लखीराम अग्रवाल सभागार में प्रातः 10:30 बजे से आरंभ होकर दोपहर 1:30 बजे तक चलेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्याम बिहारी जायसवाल, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, मुख्य वक्ता के रूप में, डॉ. एन.पी. सिंह (पूर्व आइ ए एस, चेयरमैन भारतीय शिक्षा बोर्ड), अति विशिष्ट अतिथि अवनीश शरण, जिला कलेक्टर बिलासपुर, विशिष्ट अतिथि डा. अनिल तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर, अध्यक्षता आचार्य ए डी एन बाजपेयी (कुलपति अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय) एवं अन्य गणमान्य जन शामिल होंगे।
कार्यक्रम का उद्देश्य नव गठित भारतीय शिक्षा बोर्ड के संबंध में जानकारी प्रदान करना एवं शिक्षा जगत में भारतीय परंपराओं और मूल्यों का समावेश कर शिक्षा प्रणाली को अधिक सुदृढ़ और समृद्ध बनाना है। साथ ही, शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों एवं विद्वानों को सम्मानित भी किया जाएगा।
बोर्ड के छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ सचिन ने बताया कि भारतीय शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत पढ़ाई की शुरूआत शैक्षणिक सत्र 2025-26 से ही की जायेगी। प्रदेश के 80 स्कूलों को इस बोर्ड से सम्बद्धता दी जा चुकी और अन्य बहुत से स्कूलों की संबद्धता प्रक्रिया जारी है।

सम्पादक

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