SECR ; पहले जोर-शोर के साथ शुरू की “वन्दे भारत”, फिर कहा, इसको “तेजस” बनाकर चलाएंगे, अब कह रहे- वन्दे भारत ही चलेगी लेकिन डिब्बे काटकर आधे कर दिये…

SECR ; पहले जोर-शोर के साथ शुरू की “वन्दे भारत”, फिर कहा, इसको “तेजस” बनाकर चलाएंगे, अब कह रहे- वन्दे भारत ही चलेगी लेकिन डिब्बे काटकर आधे कर दिये…

छत्तीसगढ़ की एकमात्र, सबसे तेज चलने वाली वंदे-भारत ट्रेन को बंद कर उसमें तेजस के रैक लगाकर चलाने का निर्णय रेलवे प्रशासन ने 3 दिन में ही बदल दिया . मई 11 को रेलवे ने बताया कि बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 20825/20826 को तेजस रैक के साथ 14 मई से चलाया जायेगा . इस तेजस रैक में 2 एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच, 7 चेयर कार के कोच एवं दो पावर कार सहित कुल 11 कोच रहेंगे . मतलब साफ़ था कि वन्दे-भारत एक्सप्रेस को बंद कर दिया गया है और उसकी जगह तेजस को शुरू किया जा रहा है .
अभी हफ्ता भी नहीं बीता कि रेलवे ने 16 मई को बताया कि बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का नियमित परिचालन वंदे-भारत एक्सप्रेस के ही नये रैक के साथ 17 मई से किया जाएगा . इस नये रैक में 1 एग्जीक्यूटिव क्लास का कोच तथा 7 चेयर कार के कोच रहेंगे . इसका भी मतलब साफ़ है कि तेजस नहीं, वन्दे-भारत ही चलेगी लेकिन डिब्बों की संख्या कम कर दी गई है .


अच्छी-खासी चल रही वंदे-भारत एक्सप्रेस को आखिर हुआ क्या कि रेलवे को इसे बंद करने और फिर चालू रखने का फैसला लेना पड़ा . दरअसल, यह ट्रेन बिलासपुर-नागपुर रूट पर रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही थी . कहाँ तो रेलवे का कमाऊ पूत SECR और कहाँ खाली डिब्बों के साथ एक हाई-फाई गाड़ी का परिचालन . बमुश्किल 60 फ़ीसदी यात्रियों के स्थान पर सामान्य वैगनों पर कोयला लादकर चलाना रेलवे को ज्यादा बेहतर लगा . फिर, लोग भी समझदार हैं, तिगुने किराये पर छुक-छुकगाड़ी से ही तो जाना पड़ रहा था . वन्दे-भारत अपनी तय चाल से धीमी ही चल रही थी जबकि थोड़ा-बहुत लेट-लतीफी के साथ दूसरी गाड़ियाँ भी तो चल ही रही हैं इसलिए वही भली . फिर, उन्हें कौन-सा 32” के स्क्रीन और 180 डिग्री में घूम जाने वाली कुर्सियों का अचार डालना था .
लेकिन क्या कीजियेगा, राजनीति भी तो कोई चीज होती है . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे ताम-झाम के साथ 11 दिसंबर को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी . किरकिरी तो केंद्र सरकार की ही होनी थी . जब वन्दे-भारत शुरू हुई तब विपक्षियों ने पूछा था कि इतनी महँगी टिकट लेकर इस ट्रेन में आम आदमी कैसे चढ़ेगा ? उधर, केंद्र सरकार भी आश्वस्त थी कि जब तक बुलेट ट्रेन नहीं आ जाती तब तक लोगों को महँगी यात्रा की आदत तो डालनी होगी . नतीजतन वन्देभारत चल पड़ी . अब विपक्षियों को बातें बनाने का मौका न मिल जाए इसलिए लगभग बंद हो चुकी गाड़ी को फौरी तौर पर फिर से शुरू करने का फरमान जारी कर दिया गया .
अब स्थिति यह है कि वंदेभारत ट्रेन में 1 एग्जीक्यूटिव क्लास का कोच तथा 7 चेयर कार के कोच रहेंगे जबकि शुरू में इस ट्रेन में 16 कोच लगाए गए थे, जिनमें 14 चेयर कार और 2 एग्जीक्यूटिव चेयर कार शामिल थी . यानि “आधी-अधूरी” ही सही, बिलासपुर-नागपुर के बीच वन्दे-भारत ट्रेन “पूरी” आन-बान-शान से चलेगी .

सम्पादक

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