रमण की कविताएं व्यष्टि से समष्टि तक की यात्रा कराती हैं : आचार्य एडीएन बाजपेयी…
कवि वह होता है जो दुनिया के दुख-दर्द को समझता है और सम्पूर्ण समाज को दिशा देने के लिए अपने आप को समर्पित कर देता है, रमण इसी धारा के कवि हैं . उनके भीतर का जुनूनी कलाकार समाज की विसंगतियों को देख कर आक्रोशित होता है . यही वजह है कि वे कभी कलाकार के रूप में, कभी कलमकार के रूप में कूची-कलम उठाकर व्यवस्था में सुधार के लिए जब सामने आते हैं तो कविता बन जाती है . कुछ इसी तरह की कविताओं का संग्रह है ‘’लॉक डाउन के अनलॉक अल्फाज’’. इस आशय के विचार बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित कवि वेदुला वेंकट रमणा “किरण” की सद्यः प्रकाशित कृति ‘लॉकडाउन के अनलॉक अल्फाज’ के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से आचार्य अरुण दिवाकर नाथ बाजपेयी, कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय ने व्यक्त किये .
श्री बाजपेयी ने कहा कि रमण की कविताएं मानवता के प्रति विश्वास जगाती हैं . कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संजय पाण्डेय ने कहा –थोड़ा जोश, थोड़ा जुनून, थोड़ी जिद और जज्बात, लॉकडाउन के अनलॉक अल्फाज . श्री पाण्डेय ने कहा कि- रमणा में जोश और जुनून है . जिद्द है . वह रुकता नहीं और अपने रास्ते पर चलता ही चला जाता है . ऐसे जूनूनी को ही मंजिल मिलती है . पंछी को मंजिल मिलेगी जरूर, यह उसके खुले हुए पर बोलते हैं . जमाने में वे रहते हैं खामोश जिनके हुनर बोलते हैं . रमणा का समाज और प्रकृति के प्रति गहन लगाव है जो उनकी कविताओं में प्रकट होता है और यही लगाव, यही संवेदना उसे कवि, कलाकार बनाती है .
छत्तीसगढ़ बिलासा साहित्य मंच की तरफ से आयोजित इस गरिमामय कार्यक्रम का प्रभावी संचालन कवि सुनील शर्मा ने किया . कार्यक्रम में साहित्यकार द्वारिका प्रसाद अग्रवाल, शिक्षाविद विवेक जोगलेकर, डॉक्टर सुधाकर बिबे , कवि सनत तिवारी, डॉ देवधर महंत, संत कुमार नेताम, गंगाधर पुष्कर, महेश श्रीवास, डॉ राजीव अवस्थी, अजय शर्मा, उस्मान भाई ,अजय बिसेन, राजेश दुआ , श्री कुमार पाण्डेय , सुमित शर्मा, सत्येंद्र तिवारी, पंकज, टिंकू बग्गा आदि साहित्यधर्मी, कला प्रेमी उपस्थित थे . आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि तथा प्रेस क्लब के अध्यक्ष वीरेंद्र गहवई द्वारा किया गया . इस अवसर पर कवि रमण ने अपनी रचना का पाठ भी किया .