राम आग नहीं ऊर्जा हैं, विवाद नहीं समाधान हैं : पीएम नरेंद्र मोदी…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के मौके को ‘अलौकिक’ बताया है. उन्होंने कहा कि न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से बना.
उन्होंने भारत की न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली.”
राम मंदिर से जुड़े विवाद की ओर संकेत करते हुए पीएम मोदी ने कहा,”कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. ऐसे लोग भारत की सामाजिक विवेक को नहीं जान पाए.”
उन्होंने कहा, “राम आग नहीं है, राम ऊर्जा है. राम विवाद नहीं, राम समाधान है.”
प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने कहा, “सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं. त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं.”
उन्होंने कहा, “हमारे रामलला अब टैंट में नहीं रहेंगे. अब दिव्य मंदिर में रहेंगे. मेरा पक्का विश्वास है, जो घटित हुआ है उसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी. ये क्षण अलौकिक है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के मुख्य अंश…
• 22 जनवरी 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है. ये तारीख कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, ये एक नए कालचक्र का उद्गम है.
• आज हमें सदियों के धैर्य की धरोहर मिली है,आज हमें मंदिर मिला है.
• आज से हज़ार साल बाद भी लोग,आज की इस तारीख की. आज के इस पल की चर्चा करेंगे.
• ये कितनी बड़ी राम कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं, इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं.
• ये काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमिट स्मृति रेखाएं हैं.
• भारत के संविधान में, उसकी पहली प्रति में भगवान राम विराजमान है. संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली.
• अपने ग्यारह दिन के व्रत अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरणस्पर्श करने का प्रयास किया जहाँ प्रभु श्रीराम के चरण पड़े थे.
• दुनिया का इतिहास साक्षी है कि कई राष्ट्र अपने ही देश के इतिहास में उलझ जाते हैं. ऐसे देशों ने अपने इतिहास की गांठे खोलने का प्रयास किया तो उन्हें कई असफलता हाथ लगी. लेकिन हमारे देश ने इतिहास के इस गंभीर गांठ को जिस भावुकता और गंभीरता से खोला है, वो बताता है कि हमारा भविष्य बहुत सुंदर होने जा रहा है.
• कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. ऐसे लोग भारत की सामाजिक विवेक को नहीं जान पाए.
• हम देख रहे हैं कि ये निर्माण किसी आग को नहीं बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है. राम मंदिर समाज के हर वर्ग को एक उज्ज्वल पथ पर चलने की प्रेरणा लेकर आया है.
• राम आग नहीं है, राम ऊर्जा है. राम विवाद नहीं, राम समाधान है. राम सिर्फ़ हमारे नहीं है, राम तो सबके हैं. राम सिर्फ़ वर्तमान नहीं, राम अनंतकाल हैं.
• ये मंदिर मात्र एक देव मंदिर नहीं है, ये भारत की दृष्टि का, भरत के दर्शन का मंदिर है. राम भारत की आस्था है, राम भारत का आधार है. राम भारत का विचार है, राम भारत का विधान है. राम भारत की चेतना और चिंतन है.
• श्रीराम का भव्य मंदिर बन गया, तो आगे क्या. सदियों का इंतज़ार तो ख़त्म हो गया, तो आगे क्या. आज के इस अवसर पर जो दैवीय आत्माएं हमें देख रही हैं, आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हुई हैं, उन्हें क्या हम ऐसे ही विदा करेंगे? नहीं, कदापि नहीं. आज मैं महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है.
• इसलिए मैं कहता हूं. यही समय, सही समय है. हमें आज से, इस पवित्र समय से अगले एक हज़ार साल के भारत की नींव रखनी है. मंदिर निर्माण के कार्य से आगे बढ़कर हम समर्थ, सक्षम, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं. राम के विचार, मानस के साथ ही जनमानस में भी हो, यही राष्ट्रनिर्माण की सीढ़ी है.
प्रधानमंत्री ने तप किया, अब हमें भी तप करना है- मोहन भागवत…
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर हर किसी को तप करने का संकल्प लेना होगा. उन्होंने कहा कि पूरे देश को समन्वय के साथ व्यवहार करना चाहिए.
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने कठोर व्रत रखा. मेरा उनसे पुराना परिचय है, मैं जानता हूं कि वो तपस्वी हैं. वो तप कर रहे हैं लेकिन हम क्या कर रहे हैं? रामलला अयोध्या आए हैं, वो बाहर क्यों गए. वो 14 बरस वनवास गए और दुनिया के कलह को मिटाकर वापस आए. अब आए 500 वर्ष के बाद.”
मोहन भागवत ने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने तप किया, अब हमें भी तप करना है. राम राज्य आने वाला है.”
उन्होंने रामचरित मानस में लिखी रामराज्य की विशेषता की बात करते हुए कहा, “सामान्य नागरिकों का जो वर्णन है, हम भी भारत की संतानें हैं, हमको ऐसे व्यवहार को रखने का आचरण रखना पड़ेगा. हमें कलह को विदाई करनी होगी. समन्वय से रहना होगा. अपने परिवार और समाज में अनुशासन से रहना होगा.”
मंदिर वहीं बना, जहां बनाने का संकल्प लिया था : योगी आदित्यनाथ…
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था.
अयोध्या के राम मंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आज आत्मा प्रफुल्लित है इस बात से कि मंदिर वहीं बना है जहां बनाने का संकल्प लिया था.”
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “ऐसा लग रहा है कि हम त्रेता युग में आ गए हैं. हर राम भक्त के हृदय में प्रसन्नता और संतोष के भाव हैं. भारत को इसी दिन की प्रतीक्षा थी.”
उन्होंने कहा, “इस दिन की प्रतीक्षा में पांच शताब्दी व्यतीत हो गईं. प्रतीक्षा और संघर्ष सतत जारी रहा. हर वर्ग ने राम काज के लिए स्वयं को उत्सर्ग किया.”