राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी हुई, कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतरी…

राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी हुई, कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतरी…

नई दिल्ली . कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने दो बार पेश हुए। कल, मंगलवार को ईडी उनसे फिर पूछताछ करेगी। आज, देशभर में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं, कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और कार्यकर्ताओं ने राहुल के समर्थन में मार्च निकाला और प्रदर्शन किया। इसे सत्याग्रह का नाम दिया गया। इस दौरान पुलिस ने कई नेताओं और समर्थकों को हिरासत में ले लिया। राजधानी दिल्ली एक बार फिर उबाल पर थी। राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय से ईडी हेडक्वालर्टर तक जाने के लिए पैदल निकले। राहुल के साथ कांग्रेस के वरिष्ठक नेताओं और कार्यकर्ताओं का पूरा हुजूम निकला। इनमें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित पार्टी के कई छोटे-बड़े नेता शामिल थे।
जैसी की उम्मीद थी, प्रदर्शन मार्च शुरू होने के कुछ देर बाद ही दिल्ली पुलिस ने सड़क पर ही कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक लिया। उन्हें हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने राहुल गांधी को गाड़ी में सवार होकर ईडी मुख्यालय पहुंचने के लिए कहा। यहाँ राहुल की पेशी थी। नेशनल हेराल्ड मामले में। राहुल की पेशी पर कांग्रेसियों ने खूब हो-हल्ला मचाया। पूरे देश भर के कांग्रेसी दिल्लीक में एक-जुट नजर आ रहे थे। कांग्रेसी पूरे ताव में थे।
राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। दिल्ली पुलिस को उन्हें् काबू करने के लिए नाकों चने चबाने पड़े। इस सत्याग्रही मार्च में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। पार्टी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी पर पार्टी के ‘सत्याग्रह’ को रोकने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नई दिल्ली इलाके में अघोषित आपातकाल लगा दिया। कांग्रेस के मार्च और ‘सत्याग्रह’ को देखते हुए पुलिस ने भी खासे इंतजाम कर रखे थे। कांग्रेस मुख्यालय की तरफ जाने वाले कई रास्तों पर अवरोधक लगाए गए थे। इलाके में धारा 144 लागू थी।

हाई कमान के लिए हाय-तौबा…

कांग्रेस ने अपने हाई कमान के लिए जितना बन सकता था वह सब किया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राष्ट्री य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, वरिष्ठ नेता हरीश रावत, जयराम रमेश और कई दूसरे नेता सड़कों पर निकल पड़े। दिल्ली पुलिस ने सबको हिरासत में लिया गया। बाद में प्रियंका गांधी ने तुगलक रोड थाने पहुंच हिरासत में लिए गए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, बनारस और अहमदाबाद, रायपुर जैसे शहरों में भी कांग्रेसियों ने जोरदार तरीके से शक्ति प्रदर्शन किया।

यह तानाशाही है – भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी गिरफ़्तारी के वक्त दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को तानाशाही बताया है। उन्होंने सवाल दागा, कानून का राज कहां है ? यहां तो तानाशाही चल रही है। सेंट्रल एजेंसीज का दुरुपयोग किया जा रहा है। विपक्ष को दबाने की कोशिश की जा रही रही है, लेकिन हम दबने वाले नहीं हैं।
उन्होंने हुंकार भरी सोनिया गांधी जब ईडी के सामने पेश होंगी तब, इससे बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। दिल्ली पुलिस जीतनी भी बैरिकेटिंग लगा ले, सत्य की जीत होगी।

न महात्मा गांधी डरे थे और न उनके उत्तराधिकारी डरेंगे – सुरजेवाला

हिरासत में लिए जाने के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गोडसे के वंशज एक बार फिर गांधी को डराने चले हैं, न महात्मा गांधी डरे थे और न उनके उत्तराधिकारी डरेंगे। अगर इस देश में अखबार के पत्रकारों की तनख्वाह देना, हाउस टैक्स देना, बिजली का बिल देना अपराध है तो हम ये अपराध बार-बार करेंगे। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार हमें गिरफ्तार करे और हमें आजीवन कारावास दे, पर अंग्रेज भी हारा था और मोदी भी हारेगा।

आधुनिक भारत कांग्रेस की देन – गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1937 में हुई थी और तब से ही कांग्रेस पार्टी इसे मदद करती आई है। भाजपा ने इसे एक मुकदमा बना कर पेश कर दिया।
गहलोत ने कहा कि 76 साल में आज अगर आधुनिक भारत बना है तो ये कांग्रेस की देन है। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को इतना गुरूर है कि उन्हें जनता की कोई चिंता नहीं है।

हम डरने वाले नहीं – खड़गे

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम सत्याग्रह कर रहे हैं और जब सत्याग्रह करते हैं तो डिटेंशन और जो भी केस लगाने हैं वो लगते हैं उसकी चिंता नहीं है। चिंता इस बात की है कि इस देश में लोकतंत्र के तहत हम जो भी धरना या सत्याग्रह करते हैं उससे ये नहीं समझना चाहिए कि कांग्रेस कमजोर है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला फर्जी है सिर्फ परेशान करने के लिए सबको ईडी ऑफिस बुलाया जा रहा है। इसमें राजनीति हो रही है और कुछ नहीं । हम डरने वाले नहीं, हम इसका सामना करेंगे।

नेशनल हेराल्ड की हकीकत…

नेशनल हेराल्ड एक अखबार है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में इसकी स्थापना की थी। अखबार का मालिकाना हक एजेएल के पास था जो दो और अखबार छापा करती थी। हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज। 1956 में एजेएल को नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी के तौर पर बनाया। इसे कंपनी एक्ट की धारा 25 से टैक्स मुक्त कर दिया गया। बाद में कंपनी घाटे में चली गई। उस पर 90 करोड़ का कर्ज भी चढ़ गया। इस बीच 2010 में यंग इंडिया के नाम से एक अन्य कंपनी बनाई गई। इसके 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी और बाकी के शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास थे। आरोप है कि कांग्रेस ने अपना 90 करोड़ का कर्ज नई कंपनी यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ एजेएल ने सारे शेयर यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दिए। इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये एजेएल को दिए। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडिया प्राइवेट ने सिर्फ 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।

कांग्रेस की दलील…

नेशनल हेराल्डक केस में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को कांग्रेस ने सिरे से खारिज किया है। सुरजेवाला ने कहा है कि कांग्रेस एक राजनीतिक दल है। एक राजनीतिक दल किसी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता। लिहाजा, ‘यंग इंडिया’ के नाम से एक नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी को ‘नेशनल हेराल्ड’ और एसोसिएटेड जर्नल्स (एजेएल) के शेयर दिए गए। इसका मकसद 90 करोड़ का कर्ज खत्म करना था। इस 90 करोड़ रुपये में से 67 करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन और वीआरएस के लिए दिए गए थे। बाकी सरकार का बकाया, बिजली के बिल और भवन के लिए भुगतान हुआ। यह अपराध कैसे हो सकता है? नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक आज भी एसोसिएटेड जर्नल्स के पास है। सारी संपत्ति सुरक्षित है।

सम्पादक

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