एनटीपीसी, सीपत के मुख्य महाप्रबंधक की प्रेस-वार्ता : विद्युत् उत्पादन, उर्जा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सरोकार में हम सबसे आगे…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सीपत क्षेत्र में स्थापित एनटीपीसी विद्युत् परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक घनश्याम प्रजापति ने कहा है कि वर्तमान में प्लांट के पास 13 दिन का कोयले का स्टॉक मौजूद है जिसे बढाकर 17 दिन किया जायेगा ताकि भविष्य में कोयले के संकट से विद्युत् उत्पादन प्रभावित न हो . उन्होंने स्वीकार किया कि सीपत प्लांट में 660 मेगावॉट की एक ईकाई पिछले चार माह से बंद है, बावजूद इसके पॉवर जेनेरेशन बढ़ा है . उन्होंने कहा कि आगामी जून माह में नए जनरेटर के साथ इस ईकाई को भी शुरू कर दिया जायेगा . सीजीएम प्रजापति शुक्रवार को एनटीपीसी, सीपत के उर्जा भवन में शनिवार को मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे .
सीजीएम प्रजापति ने विस्तार से बताया कि एनटीपीसी के सीपत प्लांट में कोयला, दीपिका कोल माइंस से आता है . मौजूदा वक्त में प्लांट में 13 दिन के कोयले के स्टॉक को मेंटेन किया जा रहा है जिसे बढाकर 17 दिन किया जा रहा है ताकि मानसून सीजन में कोयले की कमी का सामना न करना पड़े. उन्होंने बताया कि सीपत प्लांट को दीपिका कोल माइंस से कोयले की आपूर्ति की जाती है . इसके अलावा गेवरा और कुसमुंडा खदानों से भी कोयला मंगाया जा सकता है . विदेशों से भी कोयला आयातित करने की योजना है . इसके अतिरिक्त नई रेल लाइन भी बिछाई जा रही है .
श्री प्रजापति ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 21-22 में 24 मार्च तक सीपत विद्युत् गृह ने 81.58 प्रतिशत पीएलएफ पर 20887.2 यूनिट विद्युत् उत्पादन कर पूरे एनटीपीसी समूह में चौथा और प्लांट लोड फैक्टर के हिसाब से छठां स्थान प्राप्त किया है .
एक सवाल के जवाब में श्री प्रजापति ने स्वीकार किया कि सीपत प्लांट में 660 मेगावॉट की एक ईकाई पिछले चार माह से बंद है, बावजूद इसके पॉवर जेनेरेशन बढ़ा है . उन्होंने बताया कि आमतौर पर बंद यूनिट के मेन्टेनेंस की अवधि अधिकतम 45 दिन होती है लेकिन इस ईकाई में जनरेटर के ख़राब हो जाने की समस्या है . देश में मौजूदा समय पर मात्र 3 जनरेटर ही उपलब्ध हैं इसलिए इसे आयातित किया जा रहा है . आगामी जून माह तक इसे पुनः शुरू कर दिया जायेगा . उन्होंने इस बात से इनकार किया कि बंद ईकाई से विद्युत् उत्पादन में कोई कमी आई है बल्कि सीपत प्लांट इसके बगैर अपना लक्ष्य हासिल कर रहा है .
सीजीएम ने बताया कि एनटीपीसी की उत्पादन क्षमता 17 प्रतिशत है जबकि हमारा प्लांट 23 प्रतिशत यानि 68567.18 मेगावॉट विद्युत् उत्पादन कर रहा है .
पत्रवार्ता के दौरान सीपत परियोजना के प्रारंभ से अब तक गाँव के किसानों को मुआवजा और भू-विस्थापितों को नौकरी देने के सवाल पर श्री प्रजापति ने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन, भू-विस्थापित और एनटीपीसी प्रबंधन के संयुक्त निर्णय के अनुसार कुल 626 पदों पर भर्ती की जानी थी जिसमें से 400 से अधिक को नौकरी दी जा चुकी है . 41 लोगों को अगले माह समायोजित कर लिया जायेगा जबकि 154 अन्य पद अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं .
इसके पहले मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एनटीपीसी ने अभी तक 11 लाख से अधिक वृक्षारोपण कराया है जिसमें 80 प्रतिशत पौधे जीवित हैं . इस वर्ष भी 50 हजार से अधिक पौधे लगाये जायेंगे जिसमें 30 हजार पौधरोपण मियावाकी (miyawaki) पद्धति से होगा . उसीप्रकार बायोमास के पर्यावरण अनुकूल निपटान तथा इसके जलाने पर उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से मुक्ति के लिए सीपत प्लांट में बायोमास पैलेट्स को-फायरिंग शुरू की गई है . अभी तक 271.9 मिलियन टन बायोमास के उपयोग से 4.26 लाख यूनिट हरित विद्युत् उत्पादित की जा चुकी है . वैसे ही सीपत में 100 प्रतिशत शुष्क राख निकास पद्धति भी स्थापित है .
उन्होंने बताया कि एनटीपीसी ने सीएसआर के तहत पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 3.63 करोड़ रूपये खर्च किये हैं . जिसमें शासकीय मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल, सेंदरी,बिलासपुर में एक अतिरिक्त कक्ष का निर्माण, साप्ताहिक हाट बाज़ार में एम्बुलेंस की व्यवस्था, फुटबॉल कोचिंग कैम्प, स्कूलों में स्मार्ट क्लास और कम्युनिटी कंप्यूटर की स्थापना, लूथरा ग्राम के विभिन्न विकास कार्य और खेलकूद के लिए प्रतिभाशाली बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करना प्रमुख है .
सीजीएम प्रजापति ने बताया कि एनटीपीसी सीपत ने उल्लेखनीय कार्य के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अनेक पुरस्कार हासिल किये है जिनमें पॉवरप्लांट परफार्मर-2021, ग्रीनटेक इफेक्टिव सेफ्टी कल्चर अवार्ड- 2021, उत्कृष्ट उर्जा प्रबंधन के लिए उर्जा कुशल इकाई पुरस्कार तथा टेरी वाटर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड-2021 प्रमुख हैं .
पत्र-सम्मलेन में सीजीएम घनश्याम प्रजापति के साथ जीएम (ओ एंड एम) कुदलू सुजय नाइक, एचओएचआर एस वी डी रविकुमार, जीएम (टेक.सर्विसेस) अविजित चटर्जी तथा पीआरओ सुश्री नेहा खत्री उपस्थित थीं .