प्लेनेटेरियम : आकाशगंगा और सप्त-ऋषि का रोमांचक नजारा तारामंडल में, मुख्यमंत्री ने किया बच्चों से संवाद…
बिलासपुर (मीडियान्तर प्रतिनिधि) बिलासपुर के तारामंडल में ब्रह्माण्ड के रहस्य, आकाशगंगा और सप्त ऋषि सहित रोमांचक नजारे दिखाई देंगे। देश का दूसरा 3D तारामंडल शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकार्पित किया। इस तारामंडल का नाम पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है।
व्यापार विहार, बिलासपुर के ढाई एकड़ के क्षेत्र में इस तारामंडल की स्थापना की गई है। इसके प्रोजेक्टर और अन्य तकनीकी उपकरण मुंबई और कोलकाता से आए हैं। इस तारामंडल में विज्ञान व खगोल शास्त्र से जुड़ी नई-नई जानकारियां और डॉक्यूमेंट्री फ़िल्में भी दिखाई जाएँगी।
बिलासपुर के प्लेनेटेरियम के अन्दर खुले आसमान का तारा मंडल दिखाया जायेगा। सप्त-ऋषि के दर्शन कराएं जायेंगे। तारों की कहानी और ब्रह्मांड की उत्पत्ति को इस तारामंडल में अलग-अलग रूप में देखा जा सकता है। हमारी पृथ्वी सहित सभी ग्रहों के चित्र आधुनिक तकनीकी संयोजन से बनाए गए हैं जो सैकड़ों तारों के साथ देखे जा सकते हैं। इस प्लेनेटेरियम का मूल आईडिया लंदन, बैंगलोर और कोलकाता के तारामंडलों से प्रेरित है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का तारामंडल 150 मीटर अनफिक्स है जबकि बिलासपुर का प्लेनेटेरियम 200 मीटर में फिक्स है। इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में भी विकसित करने की योजना है, यहां उद्यान और तालाब भी बनाया गया है। एक बड़ा इलाका ओक्सीजोन में भी तब्दील कर दिया गया है।
शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों के साथ तारामंडल का अवलोकन किया। प्लेनेटेरियम के अंदर मुख्यमंत्री और स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच रोचक संवाद हुआ। शासकीय बहुउद्देशीय शाला, शासकीय कन्या शाला और आत्मानंद स्कूल के बच्चे कार्यक्रम में उपस्थित थे। बच्चों ने मुख्यमंत्री से अलग-अलग सवाल किए। तारबहार शाला की कशिश मिश्रा ने मुख्यमंत्री से पूछ लिया कि आपको इस पद तक पहुंचने की प्रेरणा कैसे मिली ? ऐसे ही अनेक रोचक प्रश्नों का मुख्यमंत्री ने अपने अंदाज़ में समुचित जवाब दिया।
शिक्षक और पालक की तरह बच्चों से बातचीत की मुख्यमंत्री ने..
तारामंडल में मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों से शिक्षक और पालक की तरह बात की। तारबाहर शाला की कशिश मिश्रा के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा आपके सामने कैसी भी चुनौती हो उससे पलायन नहीं करना चाहिए। पलायन किसी समस्या का समाधान नहीं होता, जब कोई शंका हो तो गुरु से पूछो। जब तक समाधान न मिल जाए तब तक लगातार प्रयास करना चाहिए। परस्पर संवाद से किसी भी प्रश्न का हल निकाला जा सकता है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि रामकृष्ण परमहंस, स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर, दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी जी उनके आदर्श हैं।
प्लेनेटेरियम थोड़ी देर के लिए मुख्यमंत्री की पाठशाला में तब्दील हो गया। कन्या शाला, सरकंडा की छात्रा चंचल ने पूछा कि पढ़ाई कैसे करनी चाहिए ? मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने ऊपर दबाव रखे बगैर नियमित रूप से अध्ययन करना ही आपका एकमात्र ध्येय होना चाहिए। उन्होंने समझाया सभी विषयों के लिए टाइम टेबल बनाकर पढ़ेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी।