फ्लाई ऐश से एनटीपीसी, सीपत बनाएगा टाइल्स, गिट्टी, बालू जैसे बिल्डिंग मटेरियल, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होगा कम…

फ्लाई ऐश से एनटीपीसी, सीपत बनाएगा टाइल्स, गिट्टी, बालू जैसे बिल्डिंग मटेरियल, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होगा कम…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, सीपत में स्थापित एनटीपीसी लिमिटेड देश का चौथा सबसे बड़ा बिजली उत्पादन करने वाला प्लांट है। सीपत एनटीपीसी अग्रणी कोयला आधारित पावर स्टेशनों में से एक है। इस प्लांट से बिजली बनाने की प्रक्रिया में निकलने वाली राख के रखरखाव की समस्या से बचने के लिए एनटीपीसी सीपत नई पहल करने जा रहा है।
राखड़ से ब्रिक्स (ईंट) निर्माण के अलावा अब एनटीपीसी कई प्रकार के बिल्डिंग मटेरियल का निर्माण भी कर रहा है जिसमें बालू, टाइल्स, गिट्टी बनाने का काम भी शामिल है।
इसी क्रम में राख से संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एनटीपीसी सीपत ने मैरियट, रायपुर में मंगलवार को छत्तीसगढ़ के सभी बिल्डर्स को आमंत्रित कर अपने राखड़ उत्पादों का प्रदर्शन किया है। कार्यक्रम में अथिति के रूप में एनटीपीसी रायपुर के महाप्रबंधक पीयूष सक्सेना, जीएम (ओएस) एवं क्रेडाई के अध्यक्ष, मृणाल गोलछा तथा वरिष्ठ सदस्य सुनील तापड़िया भी उपस्थित थे।
सीपत स्टेशन से निकली राखड का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है तथा इसका उपयोग सीमेंट उद्योग ,विनिर्माण इकाइयों, रोड और फ्लाई ओवर के निर्माण में किया जा रहा है। इसके अलावा एलडब्ल्यूए, जीपीसीए, एनएसीए, ऐश टू सैंड, ऐश बैगिंग जैसी विभिन्न परियोजनाएं निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं।
एनटीपीसी सीपत के कार्यकारी निदेशक घनश्याम प्रजापति ने कहा, “एनटीपीसी सीपत, राखड़ को उपयोगी बनाने की प्रक्रिया में काम कर रहा है । हम कई प्रकार के बिल्डिंग मटेरियल बनाने प्रयासरत है।“ सीपत में टाइल्स, गिट्टी, ईंटा, बालू का निर्माण प्रारम्भ हुआ है, जल्द ही रायपुर में भी प्रोडक्शन शुरू करेंगे।
घनश्याम प्रजापति ने कहा कम्पनी द्वारा बनाये गए उत्पाद से न केवन राखड़ प्रबंधन में सहयोग मिलेगा बल्कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कम होगा।
कार्यक्रम संचालक विनय कुमार तिवारी, अपर महाप्रबन्धक, ऐश डाइक प्रबंधन ने कहा, “हम अपने उत्पाद में बाजार की जरुरत के हिसाब से आगे परिवर्तन करते रहेंगे और बेहतर क्वालिटी कैसे दी जा सकती है, इसका फीडबैक लेकर उपयोगकर्ता की जरुरत के हिसाब से सतत सुधार करते रहेंगे।“
उत्पादों की तकनीकी जानकारी कंपनी के अधिकारी हर्षद प्रमोद पितले, वरिष्ठ प्रबंधक (एश डाइक प्रबंधन) और बी. नागेश्वर राव, डीजीएम (नई पहल) ने बिल्डर्स के समक्ष उनकी अनेक जिज्ञासाओं को भी दूर किया।

सम्पादक

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