अब थमेगा DJ का कानफोड़ू शोर ; नियमों का उल्लंघन किया तो डीजे संचालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी…
बैठक लेकर प्रशासन ने दी चेतावनी…
15 दिन के भीतर पंजीयन कराना होगा…
बिलासपुर जिले में मनाये जाने वाले विभिन्न पर्वों एवं उत्सवों को शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावारण में मनाये जाने के लिए आर.ए. कुरुवंशी, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, बिलासपुर की अध्यक्षता में रविवार 1 अक्टूबर को जिला कार्यालय के मंथन सभा कक्ष में सवेरे 11 बजे ध्वनि विस्तारक यंत्र के संचालकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में नगर निगम आयुक्त कुणाल दुदावत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल, एसडीएम सुभाष राज सहित शहर के डी.जे. संचालक उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि समस्त डीजे संचालकों को ध्वनि प्रदूषण (विनिमय और नियंत्रण) नियम 2000, कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 एवं सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों, मापदण्डों एवं गाइडलाइनों का अक्षरश: पालन करना होगा।
न्यायालय, शैक्षणिक संस्थान, सार्वजनिक स्थल जैसे आडिटोरियम, होटल, जन प्रतीक्षालय, सभा केन्द्र, लोक कार्यालय, शापिंग मॉल, सिनेमा हॉल, पुस्तकालय, खुला मैदान, अस्पताल, लाईब्रेरी एवं शासकीय आवासों में किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग वर्जित किया गया है।
सभी ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संचालक 15 दिनों के भीतर नगर पालिक निगम, बिलासपुर में अपना पंजीयन करायेंगे । ग्रामीण क्षेत्रों में डी.जे. संचालक अपना पंजीयन अनुविभागीय अधिकारी / अनुविभागीय दण्डाधिकारी के कार्यालय में कराएँगे ।
समस्त पर्वों, सांस्कृतिक व मनोरंजक कार्यक्रमों तथा अन्य प्रकार के उत्सव के दौरान डी.जे. संचालक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग अनुविभागीय दंडाधिकारी से अनुमति प्राप्त करने के पश्चात ही करेंगे । बिना अनुमति प्राप्त किये ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में स्पष्ट किया गया कि रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाना पूर्णतः प्रतिबंधित है। ध्वनि के संबंध में परिवेशी वायु क्वालिटी मानक निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय 75 डीबी और रात में 70 डीबी, वाणिज्य क्षेत्र में दिन में 65 और रात में 55 डीबी, आवासीय क्षेत्र में दिन में 55 और रात में 45 डीबी तथा शांत क्षेत्र में दिन में 50 और रात में 40 डीबी की लिमिट होनी चाहिए। डी.जे. का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित है।
बैठक में यह भी कहा गया कि किसी भी वाहन में यदि कोई मोडिफिकेशन किया जाता है, तो उसकी नियमानुसार अनुमति संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी / अनुविभागीय दण्डाधिकारी या क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से ली जानी आवश्यक है। मानक स्तर से अधिक ऊँची आवाज में यदि ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाया जाता है तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जावेगी, जिसके लिए आयोजक एवं डी.जे. संचालक जिम्मेदार होंगे। मानक स्तर से अधिक आवाज में ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाये जाने पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार, पुलिस निरीक्षक, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की टीम इनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।