गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय का नवम दीक्षांत समारोह संपन्न, 141 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 81 को पीएचडी उपाधि…

गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय का नवम दीक्षांत समारोह संपन्न, 141 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 81 को पीएचडी उपाधि…

बिलासपुर । केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बहुप्रतीक्षित सुधार के साथ एक ऐसा ढांचा लेकर आयी है जो 21वीं सदी के भारत के निर्माण में सहायक सिद्ध होगी . नई सिक्षा नीति पढाई के साथ-साथ अनुभवात्मक रूप से सीखने पर अधिक ध्यान केन्द्रित करती है . डॉ सरकार बुधवार को गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर के नवम दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे .


उन्होंने कहा कि हम जितनी बारीकी से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को समझेंगे और उसको जमीन पर उतारेंगे, इसके कई गुना ज्यादा फायदे सामने आयेंगे . उन्होंने बिलासपुर के केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए किये जा रहे सतत प्रयासों की सराहना की जिसके तहत विश्वविद्यालय ने विशेष कार्य समिति (टास्क फ़ोर्स कमेटी) का गठन किया, बड़ी संख्या में समझौता ज्ञापन (MoU) हस्ताक्षरित किये और विद्या तथा विद्यार्थियों के उत्थान के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य किये हैं . डॉ सरकार ने अपने भाषण के दौरान उपाधिप्राप्त विद्यार्थियों से सीधा संवाद भी स्थापित किया .


दीक्षांत समाँरोह की मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ प्रदेश के राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने भी कहा कि दीक्षांत, दीक्षा का अंत नहीं है बल्कि दीक्षा का प्रारंभ है . शिक्षा विद्यार्थी को संस्कारवान, सौम्य और संयमी बनाती है . ज्ञानार्जन की कोई सीमा नहीं होती और न ही वह उपाधियों तक सीमित होती है, बल्कि यह आजीवन चलने वाली सतत प्रक्रिया है . उन्होंने कहा कि वर्ष 1983 में स्थापित गुरू घासीदास विश्वविद्यालय को वर्ष 2009 में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला . तब से लगातार विश्वविद्यालय ने पठन-पाठन और शोध-कार्यों में प्रगति की है और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है .
दीक्षांत समारोह के आरम्भ में विश्वविद्यालय की ओर से 141 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण मंडित पदक और 81 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई . इसके अतिरिक्त 7 दानदाताओं की ओर से विशेष पदक तथा दो विद्यार्थियों को कुलाधिपति पदक तथा तीन को गुरू घासीदास पदक से भी सम्मानित किया गया . सभी पदक वर्ष 2019-20 और 20-21 के सत्र में कुल 11 संकायों के शीर्ष स्थान प्राप्त मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रदान किया गया। इन्हीं दो वर्षों के लिए करीब साढ़े चार हजार विद्यार्थियों को भी डिग्रियां प्रदान की गईं .
गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने इस अवसर पर वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया . दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. अशोक मोडक और विशिष्ट अतिथि अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली तथा बिलासपुर के सांसद अरुण साव ने भी उपाधिधारकों को आशीर्वचन दिया .
दीक्षांत समारोह में बिलासपुर के अटल बिहारी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी, पंडित सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बंश गोपाल सिंह तथा शहीद नन्दकुमार पटेल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के कुलपति डॉ ललित पटेरिया खास तौर पर मौजूद थे . इसके अतिरिक्त समारोह में कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद के सदस्य, समस्त शैक्षिक विभागों के विभागाध्यक्ष, आचार्य, उपाचार्य, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थीगण तथा बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे . समारोह के अंत में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने सभी उपस्थित अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया .

सम्पादक

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