नवरात्रि ; ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा…
नवरात्रि के पांचवे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है । देवी भगवती का यह रूप अत्यंत दयालु माना जाता है । नवरात्रि में इस पूजा का विशेष महत्व है । संतान प्राप्ति के लिए यह पूजा फलदायी मानी जाती है । यह स्वरूप मोक्ष के द्वार खोलने वाला और परम सुखदाई है । कुमार कार्तिकेय की पूजा के बिना स्कंदमाता की पूजा संपूर्ण नहीं होती । संपूर्ण जगत के कल्याण के लिए व असुरों का सर्वनाश करने के लिए मां भगवती, नौ रूपों में प्रकट हुई थी । माता का यह पांचवां स्वरूप स्कंदमाता कहलाता है । माता ने भगवान स्कंद को अपनी गोद में लिया है, इसलिए स्कंदमाता कहा जाता है । आज के दिन माता को सफेद पुष्प अर्पित किये जाते हैं और सफेद मिठाई का भोग लगाया जाता है । माता की पूजा के लिए रोज की तरह स्नान करने के बाद लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछायें व माता की प्रतिमा स्थापित करें । धूप-दीप प्रज्वलित कर माता का श्रृंगार करें । फूल, अक्षत, रोली और कुमकुम अर्पित करें । सफेद मिठाई का भोग लगाएं । पूजा के दौरान //ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः// मन्त्र का 108 बार जाप करें ।
आज मां बगलामुखी की स्कंदमाता के रूप में होगी उपासना…
बिलासपुर में नवरात्रि के पावन अवसर पर देवी-मंदिरों और उपासकों के पूजा-स्थलों में पूरे विधि-विधान से माँ की पूजा-अर्चना हो रही है . सरकंडा स्थित पितांबरा पीठ में आज मां बगला देवी, बगलामुखी देवी की स्कंदमाता के रूप में उपासना होगी । आज यहाँ विशेष पूजन का आयोजन किया जा रहा है । इसमें श्रृंगार, जप, यज्ञ, महादेव का रुद्राभिषेक एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ चल रहा है । पंडित दिनेश पांडेय ने बताया नवरात्र के पांचवे दिन, 6 अप्रैल को मां बगलामुखी देवी की स्कंदमाता के रूप में उपासना होगी । यह भगवती दुर्गा का ममतामयी स्वरूप है । इस दिन उपासना करने से सभी दोष और पाप दूर होते हैं ।
पंडित जी ने मीडियांतर को बताया माता का उपासक अलौकिक तेज से संपन्न हो जाता है और उसे सभी दुखों से मुक्ति मिलती है । भगवती पीतांबरा 10 महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या है, इसमें संपूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति का समावेश होता है । इस नवरात्रि में पितांबरा पीठ में श्रद्धालु उमड़ रहे है, यहां घृत ज्योति कलश भी प्रज्ज्वलित किये गए हैं ।