नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल ; मुख्यमंत्री बोले- सच्चे आदिवासी नेता हैं, साय ने कहा- मिलकर काम करेंगे…
छत्तीसगढ़ भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता और पूर्व सांसद डॉ नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल हो गए हैं . रविवार को उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता व सभी पदों से इस्तीफ़ा से दिया था . राजधानी रायपुर के राजीव भवन में सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई . इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ वन मंत्री मोहम्मद अकबर, प्रेमसाय सिंह टेकाम, अनिला भेड़िया, सत्यनारायण शर्मा समेत अनेक कांग्रेस नेता भी मौजूद थे .
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है . नंदकुमार साय ने सदैव गरीबों और आदिवासियों के लिए संघर्ष किया और आज वे कांग्रेस में शामिल हुए हैं . उन्होंने साय को बधाई देते हुए कहा कि वे सच्चे आदिवासी नेता हैं .
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, नंदकुमार साय का जीवन बहुत सादगी भरा रहा है . उन्होंने अपना पूरा जीवन आदिवासियों की सेवा में लगाया . गरीबों के लिए लड़ते रहे . कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आदिवासियों के हित में लिए गए निर्णयों पर नंदकुमार साय सार्वजनिक रूप से हमारे कामों की प्रशंसा करते रहे हैं .
मुख्यमंत्री बघेल ने साय का कांग्रेस में स्वागत करते हुए ट्विट भी किया- जुड़ा हाथ से हाथ, मिला आपका साथ, भरोसे के साथ जारी है, आदिवासी हित की बात…
नंदकुमार साय ने कांग्रेस की सदस्यता लेते हुए कहा कि यह निर्णय मेरे जीवन का बहुत कठिन निर्णय है . अटल, अडवाणी के समय में बीजेपी का जो स्वरुप था, वह अब नहीं है .
उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कामों की तारीफ करते हुए कहा कि गौ माता की रक्षा, नरवा, गरुआ, घुरवा, बाड़ी योजना प्रदेश की जनता के लिए कारगर सिद्ध हुई है . भूपेश सरकार ने राम वनगमन पथ भी बनाया .
उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस अच्छा काम कर रही है . उन्होंने आश्वस्त किया कि हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास के लिए काम करेंगे .
इसके पहले रविवार को नंदकुमार साय ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया था . इस्तीफे में उन्होंने लिखा था कि मेरे खिलाफ राजनीतिक प्रतिद्वंदिता की वजह से षड्यंत्र किए गए . मेरी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई जिससे मैं स्वयं को आहत महसूस कर रहा हूँ .
साय बीजेपी में तीन बार के लोकसभा सांसद और तीन बार के विधायक तथा छत्तीसगढ़ और अविभाजित मध्यप्रदेश में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं . नंदकुमार साय पहली बार 1977 में मध्य प्रदेश में तपकरा सीट से जनता पार्टी के विधायक चुने गए थे . वे 1985 में तपकरा से भाजपा विधायक चुने गए . वर्ष 1989, 1996 और 2004 में रायगढ़ से लोकसभा सदस्य और 2009 और 2010 में राज्यसभा सदस्य चुने गए . साय 2003-05 तक छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष और 1997 से 2000 तक मध्यप्रदेश के भाजपा प्रमुख रहे . नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के पहले नेता बने . साय 2017 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष बने .