सिंगापुर की कंपनी ‘अनुवा’ और ‘वेदांता’ संचालित ‘बालको मेडिकल सेंटर’ के बीच MoU…

सिंगापुर की कंपनी ‘अनुवा’ और ‘वेदांता’ संचालित ‘बालको मेडिकल सेंटर’ के बीच MoU…

कैंसर जीनोमिक्स में मिलकर कार्य करने की घोषणा की…

नया रायपुर : अनुवा, सिंगापुर की एक ट्रांसलेशनल रिसर्च कंपनी, और वेदांता द्वारा संचालित बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी), जो भारत के प्रमुख कैंसर अस्पतालों में से एक है, ने संयुक्त रूप से भारत में कैंसर पर शोध के लिए कैंसर जीनोमिक्स बायोबैंक बनाने के लिए महत्वपूर्ण समझौते की घोषणा की है। समझौता ज्ञापन पर अनुवा के सीईओ, डॉ. जोनाथन पिकर और बीएमसी की चिकित्सा निदेशक डॉ भावना सिरोही ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में स्थित बालको मेडिकल सेंटर में हुआ।

बालको मेडिकल सेंटर की नैदानिक विशेषज्ञता और अनुवा की बायोबैंकिंग और जीनोमिक विशेषज्ञता – इस समझौते के द्वारा दोनों संगठन एक दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठा पाएंगे। अनुवा और बीएमसी का लक्ष्य इस कैंसर बायो /डेटा बैंक को क्लीनिकल रिसर्च के लिए भारत में प्रेसिशन मेडिसिन के अनुप्रयोग के लिए अन्तर्निहित ज्ञान की खोज करना है ।

एक कैंसर केंद्रित बायो/डेटा बैंक दोनों संगठनों को कैंसर को बढ़ाने वाले महत्वपूर्ण जीन को खोजने के लिए जनसंख्या-स्तर पर जोखिम तत्वों के साथ जैविक कारकों को एक साथ लाकर खोजों में तेजी लाने में मदद करेगा। परिणामस्वरुप, यह समझने में सहायता मिलेगी कि आनुवंशिक रूपांतर कैंसर को कैसे प्रभावित करते हैं, जिससे निदान और उपचार की प्रभावशीलता बढ़ जाती है।

समझौते के संबंध में बताते हुए, बालको मेडिकल सेंटर की चेयरपर्सन श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने कहा, “यह भारत का पसंदीदा कैंसर देखभाल गंतव्य बनने की दिशा में बालको मेडिकल सेंटर की यात्रा में एक और मील का पत्थर है। अनुवा के साथ हमारा सहयोग सटीक दवा और लक्षित उपचार के माध्यम से भारत के लोगों की बेहतर सेवा करने के लिए सर्वोत्तम ज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को एक साथ लाएगा।”
बीएमसी की चिकित्सा निदेशक, डॉ भावना सिरोही ने कहा, “यह साझेदारी हमें “बेंच टू बेडसाइड” अनुसंधान का समर्थन करने के लिए एक सेतु प्रदान करेगी, जिससे कैंसर के इलाज में तेज़ी से प्रगति लाने के हमारे प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा और कैंसर के रोगियों को जीवन की बेहतर गुणवत्ता के साथ लंबे समय तक जीने में मदद मिलेगी।“

अनुवा के सीईओ डॉ जोनाथन पिकर ने कहा, “मैं बालको मेडिकल सेंटर के साथ इस प्रयास को शुरू करने के लिए बेहद उत्साहित हूं।” उन्होंने आगे कहा, “सभी शोधों के बावजूद, कैंसर अभी भी मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण बना हुआ है। आनुवंशिक बीमारी के रूप में, अनुसंधान को प्रभावित लोगों के लिए वैयक्तिकृत करने की आवश्यकता है।”

सम्पादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *