लोक अदालत ; लोगों की बुनियादी समस्याओं के निराकरण के लिये अब अदालत उनके द्वार पहुंचेगी- जस्टिस गौतम भादुड़ी
आमजन को अपनी बुनियादी सुविधाओं एवं अधिकारों के लिये शासन के विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, इससे राहत पहुंचाने के प्रयोजन से ही मोहल्ला लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, ताकि लोगों के मामलों का मौके पर ही निराकरण किया जा सके . उक्त उद्गार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने देश की पहली मोहल्ला लोक अदालत का छत्तीसगढ़ में जिला न्यायालय, बिलासपुर से शुभारम्भ करते हुए चलित लोक अदालत वैन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि सालसा का लक्ष्य है कि लाईन में खड़े अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचे, इस कान्सेप्ट को ध्यान में रखते हुए काफी समय से लोगों की बुनियादी समस्याओं को महसूस किया जा रहा था . लोगों की स्वास्थ्य बीमा, शिक्षा, यातायात, सफाई, सड़क, बिजली, पेयजल जैसी समस्याओं का निराकरण जरुरी प्रतीत हो रहा था। लोग इन समस्याओं को लेकर संबंधित स्थानों पर आवेदन लेकर घूमते रहते थे . कलेक्टर के पास और जनदर्शन में लाईन लगाते थे . इन समस्याओं के निराकरण में काफी वक्त लगता है। नालसा का यह भी उददेश्य है कि लोगों को उनके द्वार तक पहुंचकर सस्ता और सुलभ न्याय दिलाया जाये . हमने मोहल्ला लोक अदालत के संबंध में विचार विमर्श किया, यह अपने आप में एक अभिनव विचार था. न्यायाधीशों का अपने कोर्ट रूम से उठकर मोहल्लों तक जाना और वहां पर सुनवाई करना, इसके लिए योजनाएं बनाई गई और अब सभी न्यायाधीशों के सुझाव एवं सहयोग के बाद इसे क्रियान्वयित करने का अवसर आ गया है।
उन्होंने कहा कि लोगों की इन समस्याओं के निराकरण के लिए शासन जिम्मेदार है और इसके लिए स्थायी लोक अदालत का गठन भी किया गया है परन्तु जानकारी के अभाव में लोग यहां तक नहीं पहुंच पाते हैं . तब विचार किया गया कि हम स्वयं पीड़ितों तक पहुंचे और इसी कारण हमने मोहल्ला लोक अदालत का नाम देते हुए लोगों तक पहुंचने का कार्य प्रारंभ किया है।
स्थायी लोक अदालत के आदेश की कोई अपील नहीं होती है और यदि इसकी
पावर को देखा जाये तो यह समझा जा सकता है कि इसका आदेश उच्च न्यायालय के आदेश के समान पावरफुल है . उन्होंने सभी से अपील की है कि इसका अधिक से अधिक लोगों तक प्रचार-प्रसार किया जाये . उन्होंने कहा कि आज ही बिलासपुर के अलावा रायपुर में भी मोहल्ला लोक अदालत ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। इन लोक अदालतों में प्रकरण के निराकरण के लिये सादे कागज पर आवेदन / समस्या, पीड़ित व्यक्ति स्वयं प्रस्तुत कर सकता है, इसमें पैरवी हेतु अधिवक्ता की आवश्यकता नहीं होती है।
शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर जिला न्यायालय बिलासपुर के जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अशोक साहू, प्रधान न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद, छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल सहित बड़ी संख्या में न्यायाधीश एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।
स्थायी लोक अदालत ( जनोपयोगी सेवाएं) जिसके अंतर्गत परिवहन सेवा जिसमें यात्री एवं माल की ढुलाई हवाई, सड़क एवं जलमार्ग, डाक, टेलीग्राफ या टेलीफोन सेवा, किसी संस्था के द्वारा जनता को बिजली, प्रकाश या पानी की आपूर्ति, सार्वजनिक संरक्षण या स्वच्छता प्रणाली या अस्पताल या औषधालय में सेवा या बीमा सेवा, बैंकिंग और अन्य वित्तीय संस्थानों की सेवा, किसी भी प्रतिष्ठान के द्वारा जनता को ईंधन की आपूर्ति, शिक्षा एवं शिक्षण संस्थान या आवास एवं अचल संपत्ति सेवाएं जैसे मामलों के त्वरित स्थल पर ही निराकरण के उद्देश्य से जस्टिस गौतम भादुड़ी कार्यपालक अध्यक्ष, सालसा के दिशा-निर्देश एवं मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के पांच संभाग स्तरीय स्थायी लोक अदालत ( जनोपयोगी सेवाएं) तथा बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, अंबिकापुर एवं जगदलपुर में मोहल्ला लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसकी शुरुआत बिलासपुर में मिनीमाता जरहाभाठा वार्ड से की गई है।
मोहल्ला लोक अदालत ; मिनी बस्ती जरहाभाठा बिलासपुर में 96 आवेदनों का निराकरण…
जिला न्यायालय से रवाना होकर लोक अदालत वैन मिनी बस्ती जरहाभाठा में पहुंची, जहां स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष पंकज जैन ने सदस्यों के साथ मिलकर प्राप्त 121 आवेदनों में से 96 आवेदनों का स्थल पर ही निराकरण कर आदेश पारित किया जो कि मुख्यतः साफ-सफाई, सड़क, बिजली, पानी आदि से संबंधित थे . मोहल्लेवालों के आवेदन पर एक सुलभ शौचालय के निर्माण के भी आदेश दिए गए।
रायपुर के विभिन्न वार्डों में 200 से अधिक आवेदनों का निराकरण…
शनिवार को ही रायपुर में प्रारंभ हुई मोहल्ला लोक अदालत में मनोज कुमार प्रजापति पीठासीन अधिकारी स्थायी लोक अदालत एवं सदस्यों के साथ कार्य प्रारंभ किया। उन्होंने जिन मोहल्लों से आवेदन आए उन सभी मोहल्लों एवं वार्डों में जाकर आवेदनों का स्थल पर ही त्वरित निराकरण किया। इस अवसर पर संबंधित विभाग के अधिकारी भी अपने कर्मचारियों के साथ उपस्थित थे, लोक अदालत का आदेश होने पर उनके द्वारा त्वरित कार्य करना प्रारंभ कर दिया गया . सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया, लोगों के घर नल लग गये। रायपुर में मोहल्ला लोक अदालत में 200 से ज्यादा प्रकरणों के निराकरण होने की जानकारी अब तक प्राप्त हो चुकी है।
वर्ष 2023 की प्रथम नेशनल लोक अदालत में राज्य भर में निपटे तीन लाख ग्यारह हजार पांच सौ इकसठ प्रकरण, एक अरब पैंसठ करोड़ रूपए की राशि का अवार्ड हुआ पारित…
नालसा तथा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आयोजित नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही का अवलोकन अरूप कुमार गोस्वामी – मुख्य न्यायाधिपति, छ.ग.उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक – राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जगदलपुर में किया गया। उनके साथ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल अरविंद कुमार वर्मा भी उपस्थित थे।
जस्टिस गौतम भादुड़ी-कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के द्वारा जिला न्यायालय बेमेतरा तथा जिला न्यायालय कबीरधाम में आयोजित लोक अदालतों का निरीक्षण किया गया । इस दौरान उनके साथ सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल भी उपस्थित थे। इस अवसर पर जस्टिस गौतम भादुड़ी-कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर ने पक्षकारों, अधिवक्ताओं तथा न्यायाधीशों से चर्चा की । उन्होंने कबीरधाम में लोक अदालत में लंबित बैंक के प्रकरण में पक्षकारों को समझाईश देकर बैंक से पक्षकार के प्रकरण में ब्याज की राशि में छूट दिलाकर प्रकरण का निराकरण कराया। वहीं जिला न्यायालय के दो कर्मचारियों का कुटुम्ब न्यायालय में वैवाहिक प्रकरण लंबित था, जिसमें दोनों पक्षों के बीच राजीनामा करवाया गया। उन्होनें कहा कि बिलासपुर में तथा रायपुर में आज प्रारंभ हुई मोहल्ला लोक अदालत के तर्ज पर यहाँ भी लोगों की बुनियादी समस्याओं के निराकरण के लिए लोक अदालतों के आयोजन की योजना बनायी जाएगी।
नेशनल लोक अदालत के अवसर पर शनिवार को जिला न्यायालय रायपुर में एक दिव्यांग व्यक्ति को कैन्टीन आबंटित की गई तथा शासन की योजना का लाभ दिलाते हुए उसके लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। लोक अदालत वैकल्पिक विवादों के निराकरण का एक मंच है, यहां न्यायालयों में लंबित तथा प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों का भी निराकरण किया जाता है।
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल ने बताया कि आज की नेशनल लोक अदालत में राज्य भर में तीन लाख ग्यारह हजार पांच सौ इकसठ प्रकरण का निराकरण कर एक अरब पैंसठ करोड़ रूपए राशि का अवार्ड पारित किया गया। इसमें मोटर दुर्घटना दावा के 709 प्रकरणों में 39,09,07,355 (उनतालीस करोड़ नौ लाख सात हजार तीन सौ पचपन ) रूपए का अवार्ड पारित हुआ। इसके अलावा पारिवारिक विवाद के 755, चेक बाउंस के 1969, राजस्व मामले के 35,000 मामलों का भी निराकरण किया गया। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी आफेंस के प्रकरणों को निराकृत किया गया है।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में भी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें जस्टिस नरेन्द्र व्यास, जस्टिस सचिन सिंह राजपूत, जस्टिस राधाकृष्ण अग्रवाल की कुल 3 खण्डपीठों के द्वारा कुल 111 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसमें मोटर दुर्घटना के 68 प्रकरणों में 1,72,00,000 (एक करोड़ बहत्तर लाख) रूपये का अवार्ड पारित किया गया और इसके अतिरिक्त 35 सर्विस, 03 वैवाहिक एवं 05 अन्य व्यवहार वाद के मामलों का निराकरण किया गया।