कानन पेंडारी जू में तेंदुआ शावक की उपचार के दौरान मौत, एनाफिलेक्टिस शॉक बना कारण, तीन दिन पहले रेस्क्यू कर लाया गया था…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कानन पेंडारी जू में तीन दिन पहले तखतपुर क्षेत्र के ग्राम बिनौरी से रेस्क्यू करके लाये गए एक घायल नर तेंदुआ शावक की रविवार को ईलाज के दौरान मौत हो गई . डॉक्टरों ने शावक की मौत की वजह एनाफिलेक्टिस शॉक बताई है.
कानन प्रबंधन से मिली अधिकृत सूचना के अनुसार 16 फरवरी की शाम 6 बजे बिलासपुर जिला के तखतपुर क्षेत्र के ग्राम-बिनौरी में स्थित तालाब के मेड़ से लगे ह्यूम पाईप के 20 फीट अंदर घुसकर बैठे एक नर तेंदुआ शावक का कानन पेण्डारी जू की टीम ने ट्रैप केज की सहायता से रेस्क्यू किया था . मौके पर शारीरिक परीक्षण करने पर पाया गया कि उक्त नर तेंदुआ शावक, उम्र लगभग डेढ़ वर्ष के पेट के उपरी भाग में गाड़ियों में इस्तेमाल की जाने वाली क्लच-वायर घुसी हुई है . तार के वजह से उसके पेट का स्क्रीन कट गया और 1.25 से.मी. गहरा घाव हो गया है . उसके घाव के उपरी भाग पर मेगट (कीड़े) लगे पाये जाने पर उक्त तेंदुएं को कानन पेण्डारी जू में सुरक्षित लाकर ड्रेसिंग व अन्य उपचार किया गया . घाव के अंदर से काफी मात्रा में जीवित कीड़े निकाले गये किन्तु कीड़ों ने उसके स्पाइनल कार्ड को भी डैमेज कर दिया था . अगले दिन भी ड्रेसिंग और उपचार जारी रखा गया .
कानन प्रबंधन के अनुसार 18 फरवरी को घायल तेंदुआ शावक का स्वास्थ्य परीक्षण करने में तापमान अपेक्षाकृत कम पाये जाने पर वन्य जीव प्रबंधन संस्थान के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. पराग निगम एवं मैसूर-जू के वरिष्ठ वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. प्रशांत से उपचार के संबंध में परामर्श किया गया लेकिन रविवार की सुबह 5 बजे उसकी मृत्यु हो गई . रविवार को ही जिला स्तरीय पशु स्वास्थ्य समिति की टीम द्वारा शव-विच्छेदन कर तेंदुआ का दोपहर के बाद दाह-संस्कार कर दिया गया . कानन के डॉक्टरों के अनुसार शावक की एनाफिलेक्टिस शॉक (Anaphylactic Shock) की वजह से मृत्यु हुई .
कानन पेंडारी जू प्रबंधन ने बताया कि वन-ग्रामों में सूअर का शिकार करने वाले शिकारी बाढ़ लगाने के लिए क्लच-वायर आदि का इस्तेमाल करते हैं . संभवतः नर शावक इन्हीं तारों में उलझ गया होगा जिससे उसे चोट लगी और बाद में उपचार के बावजूद उसकी मौत हो गई .