बस, दो-चार घंटे और, हँसता-खेलता राहुल हम सब के बीच होगा…

बस, दो-चार घंटे और, हँसता-खेलता राहुल हम सब के बीच होगा…

पिहरिद स्तब्ध है . अब, 24 घंटे हो गए . 11 साल का राहुल अभी भी 80 फीट गहरे गड्ढे में है . शांत और निस्तेज . ऊपर, धरातल पर आपदा से निपटने के लिए लोग सक्रिय हैं . बचाव कार्य जारी है . कोई कुछ नहीं बोल रहा हैं लेकिन सभी अपने-अपने काम में मुस्तैदी से लगे हुए हैं . अलबत्ता, वहां मशीनों का शोर है . पाइप के जरिये प्राण-वायु (ऑक्सीजन) गड्ढे के भीतर उड़ेली जा रही है . विशेष कैमरे की मदद से राहुल की हर गतिविधि को बारीकी से जांचा जा रहा है . चिकित्सकों का दल पूरे चिकित्सकीय साजो-सामान के साथ वहां मौजूद हैं . सारी कवायद उस संकरे गड्ढे के इर्द-गिर्द चल रही है . उस गड्ढे से लगकर एक बड़ा गड्ढा खोदा जा रहा है . राहुल खेल-खेल में कल दोपहर को इसी गड्ढे में गिर गया था .


राहुल का गहरे गड्ढे में समा जाना कोई मामूली घटना नहीं है . खुदा का शुक्र है कि वह 50 फीट नीचे ही सही, सही-सलामत है . ऊपर के लोग, उसके माता-पिता, पूरा गाँव और प्रशासनिक अमला उपरवाले से उसकी सलामती की दुआ कर रहे हैं . उस खुले गड्ढे (बोरवेल) के निकट जमीन खोद दी गई है . वहां से टनल (सुरंग) बनाकर राहुल के पास पहुंचने की योजना है . यह बचाव का आजमाया हुआ उपाय है . वर्ष 2006 में 4 साल का प्रिंस ऐसे ही एक बोरवेल में गिर गया था . भारतीय फ़ौज ने उसे बचा लिया था . तब, ऐसे ही उपाय किये गए थे . कोई 50 घंटे का बचाव कार्य चला था . उसके बाद तो पूरे देश में इसी तरह की दर्जनों घटनाएँ हो गई . एक-दो मामलों को छोड़ दें तो ज्यादातर सभी मासूम जिंदगियां बचा ली गईं . उम्मीद की जा रही है कि राहुल को भी बोरवेल से सकुशल बाहर निकाल लिया जायेगा .


राहुल के बाहर आ जाने की उम्मीद इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि प्रदेश के मुखिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा क्षेत्र के पिहरिद गाँव के बेटे राहुल के लिए चिंचित हैं . बालक राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए उन्होंने हरसंभव उपाय करने के निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों को दिए हैं . कल ही बिलासपुर से पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी भी मौके के लिए तत्काल रवाना हो गए थे . जांजगीर-चांपा के कलेक्टर, एसपी और चिकित्सा दल वहां मौजूद है . मुख्यमंत्री को पल-पल की जानकारी दी जा रही है . राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन की टीम रात-दिन एक करके बचाव कार्य में जुटी हुई है .
जिम्मेदार अधिकारी बता रहे हैं कि बस, दो-चार घंटे और लगेंगे, राहुल के पास पहुँचने में . हँसता-खेलता राहुल हम सब के बीच होगा .
अभी-अभी मिली जानकारी के अनुसार राहुल को बचाने के लिए राज्य सरकार बोरवेल रेस्क्यू रोबोट की मदद भी लेगी . देश भर में बोरवेल में बच्चों के गिरने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए बंगलुरु के तीन छात्रों ने एक रोबोट ईजाद किया है . इस रोबोट में कैमरा, ऑक्सीजन किट, रोबोटिक आर्म और सेफ्टी बलून लगे हुए हैं . यह रोबोट बोरवेल में गिरे बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लेने में काफी मददगार साबित हो सकता है . एक जागरूक महिला पत्रकार द्वारा राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के बाद मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों से इस मामले में रोबोट वैज्ञानिकों से संपर्क करने के निर्देश दिए हैं .

सम्पादक

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