कांग्रेस की पहली सूची में ज्यादातर पुराने चेहरों पर भरोसा, कुछ नए भी शामिल…

कांग्रेस की पहली सूची में ज्यादातर पुराने चेहरों पर भरोसा, कुछ नए भी शामिल…

कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपनी पहली सूची में पुराने नेताओं पर भरोसा तो जताया है, साथ ही कुछ नए चेहरों को भी टिकट देकर सियासी मैदान में उतारा है . रविवार को कांग्रेस ने 30 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी . जैसी उम्मीद थी, इस सूची में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत सहित सभी मंत्रियों को मिलाकर 22 मौजूदा विधायकों को फिर से टिकट दी गई है .
कांग्रेस ने नवम्बर माह की 7 और 17 तारीख को होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के लिए घोषित अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में अनेक पुराने नेताओं के साथ कुछ नए चेहरों को भी मैदान में उतारा है . कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज को टिकट दिया है वहीँ आठ मौजूदा विधायकों की टिकट काट दी है .
कांग्रेस ने जिन 30 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें से 14 सीटें अनुसूचित जनजाति और तीन सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं . बाकी 13 सामान्य सीटों में से नौ सीटों पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है . सूची में एक मौजूदा मंत्री और दो विधायकों सहित चार महिला उम्मीदवार हैं .


सूची के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी परंपरागत पाटन सीट से और डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव अपनी अंबिकापुर सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत को उनकी सक्ती सीट से फिर से उम्मीदवार बनाया गया है .
जिन मंत्रियों को टिकट दिया गया है, उनमें ताम्रध्वज साहू (दुर्ग ग्रामीण), अमरजीत भगत (सीतापुर-एसटी), उमेश पटेल (खरसिया), जय सिंह अग्रवाल (कोरबा), शिवकुमार डहरिया (आरंग-एससी), अनिला भेंडिया (डोंडी लोहारा-एसटी), रवींद्र चौबे (साजा), मोहम्मद अकबर (कवर्धा), कवासी लखमा (कोंटा) और मोहन लाल मरकाम (कोंडागांव) प्रमुख हैं . वहीँ, मंत्री गुरु रुद्र कुमार, जिन्होंने अहिवारा सीट (दुर्ग जिले) से 2018 का चुनाव लड़ा था, को पड़ोसी जिले बेमेतरा के नवागढ़-एससी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है . नवागढ़ से कांग्रेस के मौजूदा विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे का नाम सूची में शामिल नहीं है .
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और बस्तर लोकसभा सदस्य दीपक बैज को चित्रकोट-एसटी सीट से मैदान में उतारा गया है . वैसे, बैज ने 2018 का विधानसभा चुनाव चित्रकोट से ही जीता था, लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सीट खाली कर दी थी . बाद में इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार राजमन बेंजाम ने जीत हासिल की थी .
मौजूदा विधायकों की जगह जिन अन्य उम्मीदवारों को मौका दिया गया है, उनमें मुख्य हैं – नीलकंठ चंद्रवंशी (पंडरिया), भोला राम साहू (खुज्जी), रूप सिंह पोटाई (अंतागढ़-एसटी), शंकर ध्रुव (कांकेर-एसटी), हर्षिता स्वामी बघेल ( डोंगरगढ़-एससी) और के. छविंद्र महेंद्र कर्मा . पूर्व विधायक भोला राम साहू और शंकर ध्रुव को छोड़कर बाकी चारों नए चेहरे हैं . कर्मा मौजूदा विधायक देवती कर्मा और दिवंगत कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के बेटे हैं . नीलकंठ चंद्रवंशी कांग्रेस की कबीरधाम जिला इकाई के अध्यक्ष हैं, जबकि हर्षिता स्वामी बघेल राजनांदगांव जिला पंचायत की सदस्य हैं .
कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव सीट से मैदान में उतारा गया है .
यशोदा वर्मा (खैरागढ़), दलेश्वर साहू (डोंगरगांव), इंद्रशाह मंडावी (मोहला-मानपुर – एसटी), सावित्री मंडावी (भानुप्रतापपुर-एसटी), संत राम नेताम (केशकाल-एसटी), चंदन कश्यप (नारायणपुर-एसटी), लखेश्वर बघेल (बस्तर -एसटी) और विक्रम मंडावी (बीजापुर-एसटी) अन्य मौजूदा विधायक हैं, जिन्हें इस बार दोहराया गया है . सूची में शामिल नौ ओबीसी उम्मीदवारों में से तीन साहू समाज से संबंधित हैं, जो राज्य में एक प्रमुख ओबीसी समुदाय है .
कांग्रेस ने जगदलपुर सीट के लिए किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, जो 7 नवंबर को पहले चरण में होने वाले चुनाव के 20 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है . पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 13 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है . दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होगा, जिसमें 70 निर्वाचन क्षेत्र शामिल होंगे . वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.
इसके पहले, भाजपा ने अब तक 85 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है . इसमें वे 20 सीटें भी शामिल हैं, जहां पहले चरण में चुनाव होने हैं .
वर्ष 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटें हासिल करके भारी बहुमत की सरकार बनाई थी . इस चुनाव में भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई थी जबकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और बहुजन समाज पार्टी को क्रमशः 5 और 2 सीटें मिलीं . छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस की मौजूदा ताकत की संख्या 71 है . कांग्रेस ने इस बार 75 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है . भाजपा भी इसी आंकड़े के आसपास पहुँचने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है . सीटों के बंटवारे के लिहाज से देखा जाये तो दोनों प्रमुख पार्टियों ने अपने पुराने, आजमाए हुए चेहरों को ज्यादा तरजीह दी है . कुछ नए चेहरों पर भी दांव लगाया गया है .

सम्पादक

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