जमाखोरी : ‘आपदा में फायदा’ की जुगत में बड़े-छोटे व्यापारी, प्रशासन सतर्क, लोग पेनिक न हो, सभी को सब कुछ उचित मूल्य पर मिलेगा…(देखें video)

जमाखोरी : ‘आपदा में फायदा’ की जुगत में बड़े-छोटे व्यापारी, प्रशासन सतर्क, लोग पेनिक न हो, सभी को सब कुछ उचित मूल्य पर मिलेगा…(देखें video)

बिलासपुर . कोरोना संकट और सरकारी पाबंदियों के बीच एकबार फिर जरूरी जिंसों की जमाखोरी शुरू हो गई है . आपदा में फायदा कमाने की जुगत में किराना और पान-गुटखा के व्यापारी लगे हुए हैं . आवश्यक वस्तुओं के साथ पान मसाला आदि की लोगों को डेढ़ से दोगुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है . कुल मिलाकर बाजार में प्रशासन का नियंत्रण नहीं होने से जमाखोर एक बार फिर सक्रिय हो गए है .
मीडियांतर की पड़ताल के अनुसार कोरोना के नए वैरियंट के बढ़ते प्रकोप को रोकने बिलासपुर में नाइट कर्फ्यू व धारा 144 लागू की गई है . रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू प्रभावशील है . प्रशासन के इस कदम के बाद लोगों में जल्दी ही लाकडाउन लगा दिए जाने की अफवाह फ़ैल गई है . यद्यपि जिला कलेक्टर ने आम जनता से ऐसी अफवाहों से पेनिक न होने की अपील की है तथापि शहर के थोक व्यापारिक केंद्र में खरीदारों की भीड़ लगने लगी है . छोटे व्यापारी ज्यादा मात्रा में सामान खरीद रहे हैं. मांग और आपूर्ति में अंतर आ जाने से और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता कम होने पर थोक व्यापारियों ने कीमतें बढ़ा दी है . थोक मार्केट में खाद्य तेल प्रति लीटर 10-15 रुपये, दाल प्रति किलो 5-10 रुपये, आटा 10-15, प्याज 20 से 30 रुपये किलो के बढ़े हुए दर से बिक रहे है . अकेले किराना और सब्जी ही नहीं पान मसाला और गुटका, गुड़ाखू की कीमतें अभी से आसमान छूने लगी हैं . एक पेटी गुड़ाखू 1720 से 2500, पान मसाला 123 से 140 रुपये की बढ़ी हुई दर से छोटे व्यापारी खरीद रहे है . जाहिर हैं आम उपभोक्ता को चिल्हर में ऐसे सामानों की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है .

कलेक्टर डा.सारांश मित्तर

प्रशासन का सीधा कोई नियंत्रण नहीं होने की वजह से व्यापारी भी माल का शॉर्टेज बताकर बेखौफ बढ़े हुए दामों पर खाद्य सामग्री और पान मसाला, गुटखे, गुड़ाखू की कमी बताकर जमकर कालाबाजारी कर रहे है . हालांकि जिला प्रशासन जरूर ऐसे जमाखोरों पर नजर रखने और उन पर कार्यवाही करने की बात कह रहा है . कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने स्पष्ट कहा है कि रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं, विशेषकर ग्रोसरी की व्यवस्था ऐसी बनाई जा रही है ताकि सभी को उपलब्ध रहे . उन्होंने लोगों को अफवाहों से बचने की अपील की है और कहा है कि आवश्यक जिंसों की कीमतों पर प्रशासन की नजर बनी हुई है ताकि लोग पेनिक न हो और कीमतों में वृद्धि न हो . उन्होंने आगे कहा कि सम्पूर्ण लॉकडाउन जैसी कोई स्थिति नहीं है . जो भी पाबंदियां अभी तक लगाई गई हैं वह सिर्फ इसलिए हैं ताकि अनावश्यक भीड़ न हो और कोरोना का संक्रमण तेजी से न फैले .

सम्पादक

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