हाईकोर्ट ; मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए काउंसलिंग, मेरिट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए…
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की युगल पीठ ने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश को लेकर की गई काउंसलिंग में दो अलग-अलग मामलों में कहा है कि योग्यता (मेरिट) को प्राथमिकता दी जानी चाहिए . हाईकोर्ट ने एक मामले में मॉप-अप राउंड काउंसलिंग पुनः कराने और दूसरे मामले में स्ट्रै राउंड काउंसलिंग में याचिकाकर्ता छात्रों को मेरिट के आधार पर प्रवेश देने के निर्देश दिए हैं .
एडवोकेट हर्षमंदर रस्तोगी ने बताया कि बिलासपुर की छात्रा राधिका मंगतानी ने हाईकोर्ट में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश को लेकर की गई काउंसलिंग पर याचिका दायर की थी . याचिकाकर्ता राधिका ने याचिका में कहा था वह नीट 2021 की परीक्षा के बाद मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए जनवरी 2022 को आयोजित पहले राउंड की काउंसलिंग में शामिल हुई थी . पहले राउंड में उसे दाखिला नहीं मिला . फरवरी माह में दूसरे राउंड की काउंसलिंग में वह किसी कारणवश शामिल नहीं हो सकी . इसके बाद 2 से 4 अप्रैल को तीसरे राउंड की मॉप-अप राउंड काउंसलिंग आयोजित थी लेकिन उसमें उसे शामिल नहीं किया गया . राधिका ने अपने वकील हर्षमंदर रस्तोगी के जरिये हाईकोर्ट से मामले की तत्काल सुनवाई का आग्रह किया था . एक छात्रा के भविष्य को ध्यान में रखते हुए रविवार 3 अप्रैल को छुट्टी के दिन हाईकोर्ट की युगल पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी . जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस एनके चंद्रवंशी की अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देते हुए मॉप-अप राउंड की काउंसलिंग पर रोक लगा दी और सोमवार को पुनः सुनवाई तय की थी . सोमवार को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश दिए हैं कि मॉप-अप राउंड काउंसलिंग को पुनः आयोजित किया जाये और याचिकाकर्ता छात्रा को उसमें भाग लेने की अनुमति दी जाये .
दूसरे मामले में भी हाईकोर्ट में सोमवार को जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एन के चंद्रवंशी की युगल पीठ ने छात्र मयंक कुमार पाण्डेय को 5 अप्रैल के बाद होने वाली स्ट्रै राउंड काउंसलिंग में शामिल कर मेरिट के आधार पर प्रवेश देने के निर्देश दिए हैं .
इस संबंध में एडवोकेट दीक्षा गौरहा ने बताया कि बस्तर जिले के मयंक कुमार पाण्डेय को नीट 2021 की परीक्षा के नतीजे आने के बाद पहली काउंसलिंग में मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिल सकी . काउंसलिंग की दूसरी सूची 11 मार्च 2022 को जारी हुई लेकिन उसमें मयंक का नाम नहीं था . उसी दिन एक और संशोधित सूची जारी की गई जिसमें मयंक का नाम शामिल था लेकिन उसकी सूचना उसे नहीं दी गई . छात्र को मॉप-अप राउंड की काउंसलिंग के बाद मालूम हुआ कि उसका नाम 11 मार्च की सूची में शामिल था . छात्र मयंक ने एडवोकेट गौरहा के माध्यम से हाईकोर्ट में मेरिट के आधार पर प्रवेश देने की मांग करते हुए याचिका दायर की . सोमवार को हाईकोर्ट में जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एन के चंद्रवंशी की युगल पीठ ने याचिकाकर्ता छात्र मयंक को 5 अप्रैल के बाद होने वाली स्ट्रै राउंड काउंसलिंग में शामिल कर मेरिट के आधार पर प्रवेश देने के राज्य शासन को निर्देश दिए हैं .