अटल विश्वविद्यालय का चौथा दीक्षांत समारोह ; मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली की जरुरत- राज्यपाल

अटल विश्वविद्यालय का चौथा दीक्षांत समारोह ; मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली की जरुरत- राज्यपाल

65 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 650 को उपाधियाँ वितरित…

2 मानद उपाधियाँ और 2 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि…

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर का चौथा दीक्षांत समारोह मंगलवार को विश्वविद्यालय के कोनी स्थित भवन के सभागार में संपन्न हुआ . दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के राज्यपाल एवं कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचंदन ने की . दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि फिजी गणराज्य के भारत में उच्चायुक्त कमलेश शशि प्रकाश थे, उन्होंने दीक्षांत भाषण भी दिया . समारोह में विशिष्ट अतिथियों में रश्मि आशिष सिंह, संसदीय सचिव एवं विधायक तखतपुर, रजनीश सिंह, विधायक, बेलतरा और शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के कुलपति ललित प्रकाश पटेरिया भी खास तौर पर मौजूद थे .


दीक्षांत समारोह में 58 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 650 उपाधियाँ वितरित की गई . इसी दीक्षांत समारोह में शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के 7 मेधावी छात्रों को भी स्वर्ण पदक प्रदान किया गया . इसके अतिरिक्त पहली बार विश्वविद्यालय में गणित और अंग्रेजी विषय के 2 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई .


दीक्षांत समारोह में इस वर्ष विश्वविद्यालय के द्वारा 2 मानद उपाधियां भी प्रदान की गई हैं . भारत में फिजी गणराज्य के उच्चायुक्त कमलेश शशि प्रकाश को समाजविज्ञान संकाय में पीएचडी की उपाधि और संस्कृत-भाषा की विदुषी डॉ पुष्पा दीक्षित, सेवानिवृत्त प्राध्यापक को कला संकाय में डी.लिट् की उपाधि प्रदान की गई .


दीक्षांत समारोह में मौजूद अतिथियों ने इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका कन्हार एवं डॉ. पूजा पाण्डेय द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया .
इस अवसर पर राज्यपाल और कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचंदन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल विषय का ज्ञान प्राप्त करना अथवा भौतिक समृद्धि में वृद्धि करना नहीं है, अपितु अपने व्यक्तिगत जीवन और समाजिक समस्याओं को हल करने की क्षमता का निर्माण करना भी है . उन्होंने चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि हमारे विद्यार्थी उत्कृष्ट मेधा का परिचय देते हुए भी भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को खोते जा रहे हैं . वस्तुतः हमें मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है .


उन्होंने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों और संभावनाओं से भरा-पूरा राज्य है . प्राकृतिक खनिज सम्पदा, उपजाऊ भूमि, जैविक विविधता, संसाधनों और वन-आधारित संसाधनों के विकास के क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना बाकी है . इन संसाधनों को बचाना जरूरी है . संसाधनों को समृद्ध करने और जल संरक्षण की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों की है .
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है, अटल विश्वविद्यालय युवा-छात्रों को उनमें निहित क्षमता को तराशने के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगा . आप सभी छत्तीसगढ़ में नए विकास को दिशा देकर भारत को एक वास्तविक नवप्रवर्तक राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे . उन्होंने उम्मीद जताई कि हमारा छत्तीसगढ़ राज्य 100% साक्षरता की दृष्टि से एक समृद्ध राज्य बनेगा .


दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि, फिजी गणराज्य के भारत में उच्चायुक्त कमलेश शशि प्रकाश ने कहा कि मैं स्वयं एक छोटे से देश से हूं, जो अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन आज मैं एक अपेक्षाकृत छोटे विश्वविद्यालय का उदाहरण देख सकता हूं जो “स्माल इज ब्यूटीफुल” का जीता-जागता प्रमाण है . उन्होंने कहा कि विश्‍वविद्यालयों ने समाज के विकास और राष्‍ट्रीय निर्माण में सदैव महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है . यह भूमिका हमेशा ज्ञान के प्रसार और प्रचार की रही है जिसके आधार पर समाज को सशक्त बनाने और बदलने में मदद मिलती है .
उन्होंने कहा कि शिक्षा का सार छात्रों को नए ज्ञान और कौशल से लैस करना है ताकि समाज में आवश्यक सुधार और नवाचार किया जा सके . उन्होंने युवाओं से आव्हान किया आप सभी को इसमें शामिल होना चाहिए और अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभाना जारी रखना चाहिए ताकि सामाजिक न्याय, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन और अन्य मुद्दों के लिए अभिनव और प्रभावी समाधान तलाश किये जाएँ, जो हमारे अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं .
उन्होंने कहा कि नवप्रवर्तन किसी भी संस्था, समाज या देश की सफलता और प्रगति की कुंजी है . उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की कि विश्वविद्यालय ने नवाचार के मूल्य को समझा है . देश में हो रहे विकास की गति और वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मुझे विश्वास है कि आपके जैसे विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए नवाचारों से भारत को ‘विश्व गुरु’ का ओहदा पुनः प्राप्त होगा .
उन्होंने विश्वास दिलाया कि वे अटल यूनिवर्सिटी के फिजी विश्वविद्यालयों के साथ संस्थागत संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में सतत प्रयास करेंगे .
दीक्षांत समारोह के आरम्भ में अटल विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने स्वागत भाषण दिया और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की जानकारी दी . अंत में कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे ने आभार व्यक्त किया .

सम्पादक

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