अस्पताल से छुट्टी ; राजी-ख़ुशी राहुल अपने गृह-ग्राम रवाना, कलेक्टर-एसपी लेने आये थे…
जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गाँव के बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाले गए 10 वर्षीय राहुल साहू को शनिवार को बिलासपुर के अपोलो अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. चिकित्सकों के अनुसार राहुल अब पूरी तरह स्वस्थ है. वह अपने पैरों पर चल रहा है.
शनिवार की सुबह राहुल को विदा करने के लिए बिलासपुर जिला प्रशासन का पूरा अमला वहां मौजूद था . जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर और एसपी भी राहुल को लेने के लिए अपोलो अस्पताल पहुंचे थे . राहुल के पूर्णतः स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर बिलासपुर और जांजगीर जिला प्रशासन के अधिकारियों तथा राजनेताओं ने खुशी जाहिर की . इस मौके पर राज्य पर्यटन मंडल के चेयरमेन अटल श्रीवास्तव, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक, जांजगीर जिला कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, बिलासपुर कलेक्टर डॉक्टर सारांश मित्तर, एसएसपी पारुल माथुर, सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन के अलावा अन्य अधिकारी राहुल को डिस्चार्ज कराने अस्पताल पहुंचे थे. सभी ने राजी-ख़ुशी राहुल को ढेर सारे उपहार देकर विदा किया .
जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा क्षेत्र के पिहरीद गांव में अपने घर के पीछे खुले बोरवेल में गिरे राहुल साहू का बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में ईलाज चल रहा था. पांच दिन तक लगातार बोरवेल के गड्ढे में रहने के कारण उसके शरीर के खुले जख्मों में जानलेवा बैक्टीरियल इंफेक्शन हो गया था . अपोलो अस्पताल में 10 दिन तक ईलाज के बाद राहुल के शरीर से संक्रमण पूरी तरह ठीक हो गया है . अंततः शनिवार को पूरी तरह स्वस्थ राहुल को डिस्चार्ज कर दिया गया .
राहुल विगत 10 जून की दोपहर को 60 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिरा था . सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था . जांजगीर-चाम्पा जिले के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला की अगुवाई में जिला प्रशासन की टीम इस कार्य में लगी हुई थी . प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन के पल-पल की जानकारी ले रहे थे . एनडीआरएफ, सेना, एसडीआरएफ और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के खनन विशेषज्ञों की मदद से बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया गया . अंततः बचावकर्मियों ने बोरवेल के समानांतर बड़े गड्ढे की खुदाई कर उसमें फंसे राहुल को 15 जून की रात लगभग 12 बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया . राहुल के बाहर आते ही उसे तुरंत एक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रात 2 बजे के आसपास बिलासपुर के अपोलो अस्पताल लाया गया जहाँ उसका ईलाज चल रहा था .