चिड़िया-घर में नर और मादा बाघ के बीच संघर्ष ; बाघिन चेरी की मौत…

चिड़िया-घर में नर और मादा बाघ के बीच संघर्ष ; बाघिन चेरी की मौत…

कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन, बिलासपुर में सोमवार को तड़के एक मादा बाघ – चेरी की मृत्यु हो गई . बाघिन चेरी की उम्र लगभग 13 वर्ष 5 माह थी . रविवार-सोमवार की रात को उसका दूसरे नर बाघ – भैरव से जमकर संघर्ष हुआ था जिससे उसकी मौत हो गई . पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघिन की मौत का कारण दम घुटना बताया गया है .
कानन पेंडारी जू के अधीक्षक संजय लूथर ने बताया कि बाघिन – चेरी को नागपुर के महाराजा बाग जू से वन्य प्राणी आदान-प्रदान के माध्यम से 22 दिसंबर 2011 यहाँ लाया गया था . जू के अधिकारी के अनुसार इसके पहले वर्ष 2013 में मादा बाघ – चेरी का कानन जू के बाघ -विजय से आपसी संघर्ष हुआ था जिसमें बाघ विजय ने बाघिन चेरी की पूंछ को काट लिया था .


जू अधिकारी के अनुसार रविवार-सोमवार की मध्य रात्रि में कानन जू के नर बाघ – भैरव एवं बाघिन – चेरी के मध्य आपसी संघर्ष की घटना घटित हुई . दोनों बाघ अपने-अपने शैल (नाईट-शेल्टर) में अलग-अलग थे . रविवार शाम को उन्हें भोजन दिया गया और जू कीपर ने शैल में बाकायदा ताला भी लगाया . सोमवार की सुबह करीब पौने नौ बजे देखा गया कि दो शैल के बीच के दरवाजे का कुन्दा टूटा हुआ है, जबकि टूटे हुए कुंदे में ताला लगा हुआ था और बाघिन की मौत हो चुकी थी . उन्होंने बताया कि बाघ – भैरव तीन साल का है और काफी हट्टा-कट्टा है . उसने झटके से दरवाजे के कुंदे को उखाड़कर मादा बाघिन के कक्ष में प्रवेश किया . दोनों बाघों में आमने-सामने का संघर्ष हुआ . बाघ ने बाघिन का गला पकड़ लिया जिससे उसकी सांस रुक गई . इस लड़ाई में उसकी श्वास नली भी दबकर फट गई और बाघिन – चेरी की मृत्यु हो गयी .
बाघिन की मृत्यु के बाद संचालक अचानकमार-अमरकंटक बायोस्फियर रिजर्व कोनी, अधीक्षक, कानन पेण्डारी जू एवं परिक्षेत्राधिकारी कानन पेण्डारी जू की उपस्थिति में पशु चिकित्सकों की गठित समिति के सदस्य डॉ. आर. एम. त्रिपाठी, डॉ. अजीत पाण्डेय, कानन पेण्डारी जू एवं कोटमीसोनार के पशु चिकित्सक डॉ. तृप्ति सोनी ने पोस्टमार्टम किया और विसरा आदि एकत्रित कर देर शाम बाघिन का दाह संस्कार कर दिया गया . पशु चिकित्सकों की समिति ने द्वारा बाघिन की मृत्यु का कारण आपसी संघर्ष से दम घुटना (asphyxia) बताया है .

सम्पादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *