नगर विधायक शैलेष पांडेय ने विधानसभा में उठाई बिलासपुर में “एम्स” स्थापना की मांग…
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने सदन में की घोषणा, कहा- छत्तीसगढ़ में अगर दूसरे एम्स की स्थापना होती है तो वह बिलासपुर में ही होगी…
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, विधायक धर्मजीत सिंह और धरमलाल कौशिक ने किया पुरजोर समर्थन…
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी दी सहमति…
छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को सदन में बिलासपुर के कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय ने यहां बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एम्स खोले जाने का मुद्दा उठाया . सत्ता पक्ष के इस मुद्दे को विपक्ष का भी भरपूर समर्थन मिला . विपक्ष की तरफ से पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और विधायक धर्मजीत सिंह ने बिलासपुर में एम्स की स्थापना का पुरजोर समर्थन किया . बिलासपुर विधायक पाण्डेय के प्रश्न के जवाब में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने सदन को आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ के दूसरे एम्स की स्थापना बिलासपुर में ही की जाएगी . उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है .
छत्तीसगढ़ विधानसभा में नगर विधायक शैलेष पांडेय ने कहा कि बिलासपुर और सरगुजा संभाग के लोगों को बेहतर स्वास्थ सुविधा पाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है . मरीजों को रायपुर एम्स भेजना पड़ता है . उन्होंने कहा कि बिलासपुर और सरगुजा संभाग की आबादी एक करोड़ से भी ज्यादा है . उन्होंने मांग रखी कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी एस सिंहदेव सदन में घोषणा करें कि छत्तीसगढ़ में जब भी एम्स की स्थापना हो तो वह बिलासपुर में हो .
बिलासपुर में एम्स की स्थापना की मांग पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने भी समर्थन दे दिया . वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने इस मुद्दे पर कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का बयान पढ़ा था कि बिलासपुर में एम्स की स्थापना के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है . सदन में धर्मजीत सिंह ने आगे कहा कि राज्य सरकार को बिलासपुर में एम्स स्थापना के लिए शासकीय संकल्प पारित कर प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजना चाहिए .
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भी बिलासपुर में एम्स स्थापना पर सहमति जताते हुए कहा कि अविभाजित बिलासपुर संभाग में बेहतर चिकित्सा क्षेत्र का अभाव है . बिलासपुर और सरगुजा संभाग के लोगों को बाहर, दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है . उन्होंने इस मांग पर अपनी सहमति जताई और कहा कि जब भी छत्तीसगढ़ में एम्स खुले, वह बिलासपुर में खोला जाना चाहिए .
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने सदन में कहा कि बिलासपुर में एम्स अस्पताल की स्थापना करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अर्ध-शासकीय पत्र मंत्री, भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली को लिखा गया है . हम सब जानते हैं कि एम्स की स्थापना एक कठिन निर्णय होता है . पहले देश भर में एम्स नहीं हुआ करते थे और अभी भी शायद कुछ राज्य होंगे जिसमें एम्स नहीं हैं . उन्होंने कहा कि हाल ही में एक मीडिया कवरेज से ज्ञात हुआ कि केन्द्र सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि एक राज्य, तुलनात्मक रूप से छोटा ही हो, वहां कम से कम 2 एम्स हो सकते हैं . जब मैं बिलासपुर गया था तो विधायक शैलेष पांडेय ने यह बात उठाई थी . मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस बात से अवगत हैं, मैंने उनसे भी परामर्श किया है .
उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में छत्तीसगढ़ में दूसरे एम्स की स्थापना होती है तो बिलासपुर में ही होनी चाहिए . छत्तीसगढ़ में दूसरे एम्स का पहला विकल्प बिलासपुर ही है . उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5 संभाग हैं . रायपुर के एम्स में दुर्ग संभाग के लोगों को सुविधा मिल जाती है . उनका कहना था कि बिलासपुर बड़ा संभाग है . बिलासपुर से 24, सरगुजा से 14 और बस्तर में 12 विधायक आते हैं . जनसंख्या की दृष्टि से भी बिलासपुर और सरगुजा संभाग में कुल मिलाकर एक करोड़ से अधिक आबादी है . पड़ोसी राज्य झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश सहित सभी लोग छत्तीसगढ़ स्थित एम्स में इलाज के लिए आते हैं .
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंह देव ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि अगला एम्स यदि छत्तीसगढ़ में स्थापित होता है तो विभाग और राज्य शासन की ओर से सबसे पहले बिलासपुर को चिन्हांकित किया गया है . उन्होंने कहा कि बिलासपुर में ही एम्स स्थापित करना सर्वाधिक उचित होगा .