रेलवे द्वारा 23 ट्रेनें बंद करने के फैसले पर मुख्यमंत्री की कड़ी आपत्ति, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र भेजा, बिलासपुर में भी रेल प्रशासन के प्रति घोर नाराजगी…
रायपुर /बिलासपुर . प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेलवे द्वारा छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 23 लोकल रेलों का परिचालन 24 अप्रैल से बंद करने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है।
इधर, बिलासपुर में भी राजस्व मंत्री ने डी.आर.एम. से बंद ट्रेनों के परिचालन को पुनः प्रारंभ करने को लेकर चर्चा की है।
मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव द्वारा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली लोकल रेलों का परिचालन यथावत् जारी रखने का आग्रह किया गया है।
ज्ञातव्य है कि प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक, दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर द्वारा 23 अप्रैल को जारी आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली कुल 23 एक्सप्रेस तथा लोकल ट्रेनों का परिचालन 24 अप्रैल से आगामी एक माह के लिये बंद कर दिया गया है। यह सभी ट्रेन छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत रेल मार्गों से प्रतिदिन आना-जाना करती हैं। इन ट्रेनों के परिचालन को बंद करने के पूर्व यात्रियों के लिए किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने इस संबंध में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र में लिखा है कि इसके पूर्व भी प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक, दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के 31 मार्च 2022 के आदेश द्वारा कुल 10 रेलों का परिचालन बंद कर दिया गया था। इन 10 रेलों में से 8 रेलें छत्तीसगढ़ राज्य के रेल मार्गों पर आवागमन करती थी। उपरोक्त रेलों का परिचालन यथावत रखने हेतु राज्य शासन द्वारा 5 अप्रैल को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया था, किन्तु राज्य शासन के अनुरोध को अनदेखा किया गया।
अपर मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में मध्यम एवं निम्न वर्ग के अनेक यात्री है, जो प्रतिदिन उपरोक्त रेलों से यात्रा करते हुए अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचते हैं। रेलों के बंद होने से प्रतिदिन यात्रा करने वाले छोटे-छोटे व्यवसायी, रोजगार एवं शासकीय तथा अर्द्धशासकीय सेवा से जुड़े व्यक्तियों, शालेय एवं महाविद्यालय के छात्रों आदि के जाने-आने में काफी असुविधा होगी। ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिये जाने से निश्चित रूप से ग्रीष्मावकाश में की जाने वाली यात्राओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
अपर मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी से समग्र स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक, दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर को उनके 23 अप्रैल को जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए विषयांकित रेलों (कुल 23) का परिसंचालन बहाल किये जाने हेतु तत्काल निर्देशित करने का अनुरोध किया है।
कोरबा, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही से बंद ट्रेनों को तत्काल शुरू करें : राजस्व मंत्री अग्रवाल
इधर, बिलासपुर में रविवार को प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सर्किट हाऊस में बिलासपुर डी.आर.एम. आलोक सहाय से बंद ट्रेनों के परिचालन को पुनः प्रारंभ करने को लेकर चर्चा की।
उन्होंने कोरबा एवं गेवरा रोड स्टेशन से पूर्व में संचालित हो रही यात्री ट्रेनों को तत्काल शुरू करने के लिए कहा। राजस्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि कोरबा से भिलाई के बीच चलने वाली लोकल मेमू व पैसेंजर गाड़ियों को रेलवे द्वारा बन्द कर देने की वजह से आम यात्रियों को बड़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों के समय और पैसों की बर्बादी हो रही है। रेल प्रशासन द्वारा लंबित रखी गई यात्री ट्रेनों को तत्काल चलाए जाने को लेकर कोरबा के आम नागरिक कई बार रेलवे को ज्ञापन भी दे चुके हैं। राजस्व मंत्री भी इस संबंध में महाप्रबंधक रेलवे को पत्र लिख चुके हैं। इसके बावजूद अब तक रेलवे प्रशासन की ओर से निर्णय न लेने और ट्रेनों का परिचालन पुनः प्रारंभ न करने पर राजस्व मंत्री ने कड़ी नाराजगी जतायी।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि कोरबा अंचल से कोल परिवहन कर रेल प्रशासन द्वारा सालाना अरबों रूपये का राजस्व अर्जित किया जाता है, परन्तु सुविधा का विस्तार न करते हुए पहले से प्राप्त हो रही सुविधाओं को रेलवे द्वारा बंद कर दिया गया है। यह क्षेत्रीय जनता की घोर उपेक्षा है। लोगों में रेल प्रशासन के प्रति घोर नाराजगी है।
मंत्री श्री अग्रवाल ने डी.आर.एम बिलासपुर को एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेकर अवगत कराने के लिए कहा है। इस महत्वपूर्ण बैठक में राजस्व मंत्री के साथ अन्य जन प्रतिनिधियों के अलावा बिलासपुर निगम के महापौर रामशरण यादव, कोरबा के प्रतिष्ठित व्यवसायी व रेल संघर्ष समिति से मुरलीधर माखीजा, कमलेश यादव, किशोर शर्मा, राकेश श्रीवास्तव, कोरबा जिला उद्योग संघ व अग्रवाल महासभा के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया और बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर विशेष रूप से मौजूद रहे।