गुजरात की बनिस्बत छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल सर्वश्रेष्ठ – संजय निरुपम

गुजरात की बनिस्बत छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल सर्वश्रेष्ठ – संजय निरुपम

75+के साथ छत्तीसगढ़ में फिर से बनेगी कांग्रेस की सरकार…

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व सांसद संजय निरुपम ने रविवार को बिलासपुर में पत्र-वार्ता के दौरान कहा कि वर्ष 2014 में पेश किया गया गुजरात मॉडल एक खोखला मॉडल था . उसकी बनिस्बत छत्तीसगढ़ के विकास का मॉडल ज्यादा बेहतर साबित हुआ है . वर्ष 2018 में किसानों को उनकी मेहनत का सही प्रतिफल, कर्ज माफी और आम जनता का बिजली बिल आधा करके छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने एक इतिहास रच दिया है . आज छत्तीसगढ़ स्वर्णिम काल के दौर से गुजर रहा है . कांग्रेस ने ’23 के चुनाव में भी कर्ज माफ़ी, बिजली बिल हाफ सहित अधिक धान खरीदी, गरीबों को आवास और केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा के वादे किये हैं . 75+ के साथ छत्तीसगढ़ में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी .

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि छत्तीसगढ़ पूरे देश में “धान का कटोरा” के नाम से प्रसिद्ध है . पिछले चुनाव में राहुल गांधी जब छत्तीसगढ़ आए थे तब उन्होंने घोषणा की थी कि छत्तीसगढ़ के धान किसानों से 2500 प्रति क्विंटल के हिसाब से धान ख़रीदा जायेगा तथा उनके कर्जे माफ किये जायेंगे .
उस समय भाजपा के लोग राहुल गांधी का उपहास उड़ा रहे थे . चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आये और भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमारी सरकार बनी . वादे के मुताबिक सबसे पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया और धान का समर्थन मूल्य 2500 से भी अधिक 2640 रुपये करके दिखाया . राज्य सरकार ने खुद कर्ज लेकर किसानों को राहत पहुंचाई . उसी का नतीजा है कि इस बार, 2023 के चुनाव में किसानों के बीच जबरदस्त जोश और उत्साह बना हुआ है .
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एक-एक किसान का कर्जा माफ़ किया है . सरकार ने छोटे, मंझोले और बड़े किसानों का वर्गीकरण नहीं किया बल्कि सभी को कर्ज माफ़ी का लाभ दिया . उन्होंने कहा कि बीजेपी के बड़े किसानों का भी कर्ज माफ़ हुआ है . कांग्रेस ने कोई भेदभाव नहीं रखा . उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का नाम लेकर कहा कि उनका भी कर्ज माफ़ हुआ है . उन्होंने कहा कि इस बार फिर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने किसानों की कर्ज माफ़ी का वादा किया है जो पिछली बार की तरह खरा साबित होगा .


संजय निरुपम ने पिछली बार किये गए बिजली बिल हाफ योजना के संबंध में कहा कि उस वक्त राहुल गांधी ने वादा किया था छत्तीसगढ़ के लोगों का बिजली बिल हाफ किया जायेगा . कांग्रेस की सरकार बनते ही इसे भी पूरा किया गया . वर्तमान में प्रदेश के लगभग 44 लाख परिवारों को 5 सालों में 4000 करोड़ से ज्यादा के बिजली बिल माफ का फायदा मिला है .
संजय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की नीतियों की वजह से नक्सलवाद की समस्या पर काफी हद तक काबू पाने में मदद मिली है . उन्होंने स्पष्ट किया कि कि वे कतई ये दावा नहीं कर रहे हैं कि प्रदेश से नक्सलवाद पूरी तरह से समाप्त हो गया है लेकिन बीजेपी की 15 वर्षों की सरकार की तुलना में कांग्रेस की 5 वर्षों की सरकार में नक्सल गतिविधियाँ अपेक्षाकृत कम हुई हैं . इस दौरान करीब 2 हजार ग्रामीण, जिन्हें नक्सली बताकर जेलों में बंद कर दिया गया था, उन्हें जेलों से बाहर निकालकर मुख्य धारा में लाया गया . उन्होंने बताया कि लगभग 1760 एकड़ जमीन उन्हें वापस दिलाई गई .
उसीप्रकार, तेंदूपत्ता भी छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है . जो तेंदूपत्ता ढाई हजार रूपये के हिसाब से ख़रीदा जाता था उसे 4 हजार रूपये प्रति मानक बोरे के मूल्य पर ख़रीदा गया . इस बार तेंदूपत्ता संग्राहकों को 4 हजार रूपये सालाना बोनस का वादा भी किया गया है ताकि वनांचल के लोग आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सकें .
संजय निरुपम ने कहा कि मौजूदा दौर में पूरे देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है . लगभग 22 करोड़ बेरोजगार पूरे देश में हैं . देश में लगभग 8 फ़ीसदी की दर से बेरोजगारी बढ़ रही है . आश्चर्यजनक रूप से छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी आधी फ़ीसदी ही है . जिन्हें रोजगार नहीं मिला उन्हें बेरोजगारी भत्ता भी दिया जा रहा है . अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से महिलाओं, नौजवानों, किसानों और मजदूरों के खातों में सीधे पौने दो लाख करोड़ रूपये छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले 5 वर्षों में डाले .
उन्होंने फिर कहा कि छत्तीसगढ़ एक स्वर्ण-युग से गुजर रहा है . केंद्र सरकार की नीति आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने 40 लाख लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया है .
उन्होंने कहा कि ‘23 के चुनाव में हम कुछ नए वादों के साथ सामने आये हैं . मुख्य वादों में, पहले की तरह किसानों का कर्जा इस बार भी माफ़ किया जायेगा . दूसरा, लगभग 50 लाख लोगों को फ्री में आवास दिया जायेगा . प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी, तीसरा वादा है . उन्होंने कहा कि कल ही हमारे नेता राहुल गाँधी ने घोषणा की है कि केजी से पीजी तक, सबको फ्री एजुकेशन दिया जायेगा . उन्होंने आगे कहा कि एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनने पर जातिगत जनगणना करार्ई जाएगी ताकि हर क्षेत्र में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व मिल सके .
संजय निरुपम ने याद दिलाया कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने विधानसभा में आरक्षण संशोधक विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया था परंतु पिछले 9 महीना से यह विधेयक राज्यपाल के दफ्तर में रखा हुआ है . इस विधेयक के अनुसार एस टी समाज को 32 फीसदी, एस सी समाज को 13 फीसदी, ओबीसी को 27 फीसदी तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 4 फीसदी के साथ कुल मिलाकर 76 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है .
पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए संजय निरुपम ने कहा कि चुनाव के वक्त टिकट वितरण में कुछ नेताओं में नाराजगी होना स्वाभाविक है लेकिन उन्हें मना लिया जायेगा . हालाँकि उन्होंने माना कि चार-पांच बागियों ने जोगी कांग्रेस का दामन थाम लिया है लेकिन उनकी जमानत जब्त हो जाएगी क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की हवा है और यहाँ कांग्रेस दोबारा सरकार बनाएगी .
उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन विधायकों की टिकट काटी गई उनको लेकर एक इन्टरनल पब्लिक फीडबैक पार्टी के पास था जिसके आधार पर पार्टी ने यह फैसला लिया .
उन्होंने केंद्र सरकार के शीर्ष नेताओं के उस दावे को झूठा करार दिया जिसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए पैसे केंद्र की मोदी सरकार भेजती है . उन्होंने साफ़ कहा कि पिछले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ के किसानों का धान खरीदने के लिये एक-एक पैसा राज्य सरकार ने दिया है, मार्कफैड ने दिया है . 35 हजार करोड़ रूपये कर्ज लेकर सरकार ने किसानों का धान ख़रीदा . उन्होंने कहा कि करार के अनुसार 86 लाख टन चांवल केंद्र सरकार को राज्य सरकार से खरीदना था लेकिन मात्र 51 लाख टन चांवल ही ख़रीदा गया . केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के साथ भेदभाव किया .
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने दावा किया कि इस बार चुनाव में कांग्रेस प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 75 सीटें जीतकर फिर से सरकार बनाएगी .

पत्र वार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय तथा अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद थे।

सम्पादक

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