छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट रात 11 बजे खुला ; बेदखली के मामले में ग्रामीणों को राहत, 10 अगस्त तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश…

बिलासपुर . छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट गुरूवार की रात को खुला . हाईकोर्ट के समक्ष महासमुंद जिले के बागबहरा क्षेत्र के लालपुर ग्राम में 75 साल से सरकारी जमीन पर काबिज ग्रामीणों का मकान तोड़ने पहुंचे प्रशासनिक अमले की कार्रवाई पर सुनवाई की दरखास्त की गई थी . हाईकोर्ट की एकल पीठ ने दायर की गई अर्जेंट याचिका पर रात 11 बजे सुनवाई करते हुए 10 अगस्त तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है .
न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महासमुंद जिले के बागबहरा क्षेत्र के लालपुर में रहने वाले ग्रामीण फूलदास कोसरिया व योगेश गंडेचा ने अधिवक्ता वकार नैय्यर, शांतम अवस्थी, प्रांजल शुक्ला, फैज काजी व अभिषेक बंजारे के जरिये गुरूवार की शाम 7.30 ग्रामीणों की तरफ से एक याचिका दायर कर अर्जेंट सुनवाई करने का आग्रह किया था . मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी के निर्देश पर जस्टिस पी.सैम कोशी की एकल पीठ ने रात 11 बजे मामले की सुनवाई की .
याचिकाकर्ताओं के वकील वकार नैय्यर के अनुसार याचिकाकर्ता का परिवार देश की आजादी के पहले से अर्थात 75 साल से भी अधिक समय से उक्त सरकारी जमीन पर निवासरत हैं और वहां खेती-किसानी भी कर रहे हैं . इसके लिए वे वर्ष 1982 से नगर पालिका परिषद्, बागबहरा को टैक्स भी अदा कर रहे हैं . बावजूद इसके स्थानीय तहसीलदार ने 8 जुलाई और सीएमओ द्वारा 12 जुलाई को नोटिस जारी कर उन्हें 24 घंटे में कब्जा खाली करने के निर्देश दिए गए . हाईकोर्ट को बताया गया कि गुरुवार की शाम 5.30 बजे प्रशासनिक अधिकारी, अतिक्रमण विरोधी दस्ते को लेकर बेदखली की कार्रवाई करने पहुंचे थे . याचिका में बेदखली और प्रशासनिक कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी .
हाईकोर्ट में जस्टिस पी. सैम कोशी की एकल पीठ ने प्रारंभिक सुनवाई में याचिकाकर्ता ग्रामीणों को अंतरिम राहत देते हुए प्रकरण में अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है . मामले में अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी .