छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ; कोरिया जिले में खनिज भण्डारण के मामले में राज्य सरकार व तीन ठेकेदारों को नोटिस…
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की युगल पीठ ने कोरिया जिले में पर्यावरण संरक्षण बोर्ड की अनुमति के बगैर खनिज (रेत) के भण्डारण के लिए राज्य सरकार व तीन निजी ठेकेदारों को नोटिस जारी कर 7 सप्ताह में जवाब माँगा है . इस मामले में सरगुजा सोसाइटी फॉर फास्ट जस्टिस ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है .
एडवोकेट अदिति सिंघवी ने बताया कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस संजय अग्रवाल की युगल पीठ के समक्ष 20 अक्टूबर को मामले की सुनवाई हुई . सरगुजा सोसाइटी फॉर फास्ट जस्टिस की तरफ से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि कोरिया जिले में पर्यावरण संरक्षण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना खनिजों (रेत) का भण्डारण किया जा रहा है . मामले में राज्य सरकार एवं तीन निजी ठेकेदारों के अलावा निदेशक भूविज्ञान एवं खनन, खनिज संसाधन विभाग, कोरिया कलेक्टर, खनिज अधिकारी, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड और कुल्हारी वन संभाग के डीएफओ को प्रतिवादी बनाया गया है.
याचिका में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन और भंडारण) नियम-2009 के विपरीत श्यामसुंदर जाजोदिया,बिलासपुर को ग्राम मनवारी तहसील कुल्हारी जिला कोरिया स्थित निजी भूमि स्वामी श्रीमती सेमवती की भूमि पर भंडारण की अनुज्ञप्ति जारी की गई है . अनुज्ञप्ति जारी करने में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली सहित छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन और भंडारण) नियमों व निर्देशों का उल्लंघन किया गया जबकि यह स्पष्ट नियम है कि रेत खनिज के भंडारण हेतु कोई भी अनुज्ञा किसी नदी, नाले अथवा जलाशयों के 5 किलोमीटर की सीमा के अंदर स्वीकृत न की जाए .
याचिका के अनुसार जारी किए गए सभी अनुज्ञा पत्र पर्यावरण बोर्ड की गाइडलाइन और छत्तीसगढ़ खनिज नियमों के विपरीत है . अतः समस्त भंडारण स्थलों की भौतिक स्थिति की जांच कराकर नियमों व निर्देशों के विपरीत जारी भंडारण अनुज्ञा आदेश पर उचित कार्यवाही की जाये . साथ ही अनुज्ञा की शर्तों का उल्लंघन करने वाले जिम्मेदार ठेकेदारों के विरुद्ध जांच कराकर अग्रिम एवं उचित कार्यवाही की जाये . याचिका में मांग की गई है कि संबंधित अधिकारी भविष्य में ऐसा कोई भण्डारण लायसेंस जारी न करें जिससे पर्यावरण नियमों का उल्लंघन होता हो .
याचिका में आगे कहा गया कि भंडारण शर्तों में स्पष्ट है कि अस्थाई भंडारण स्थल को पक्के तार, फेंसिंग या ईंट की दीवार से घेरा जाना चाहिए लेकिन मौके की फोटो एवं वीडियो से यह प्रमाणित है कि वहां पर किसी प्रकार की फेंसिंग नहीं की गई है और न ही भंडारण संबंधित कोई बोर्ड ही लगाया गया है .
उसीप्रकार भंडारण स्थल आबादी क्षेत्र में हैं जहाँ कच्ची सड़क आवागमन के लिए हैं, जिससे पर्यावरण एवं आसपास के लोगों को भी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होने की आशंका बनी हुई है .
याचिका के अनुसार कोरिया जिले के दो अन्य भंडारण अनुज्ञप्ति में भी अनियमितताएं हैं जो कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला कोरिया के द्वारा जारी की गई है . आदेश में अजितेश साहू पंचायत हरचौक तहसील भरतपुर जिला कोरिया तथा परमेश्वर आत्मज रामकुमार निवासी तेंदूडांड को जारी अनुज्ञप्ति में भी कई प्रकार की अनियमितताएं बरती जा रही है . इनमें भी छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन और भंडारण) नियमों एवं अन्य मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है .
याचिका में कहा गया है कि कोरिया जिले में अवैध रेत निकासी करते हुए गलत तरीके से भंडारण किया जा रहा है . खनिज भंडारण की जितनी मात्रा की अनुमति प्रदान की गई है, उसका उल्लंघन करते हुए कई गुना अधिक भंडारण किया जा रहा है . वैसे ही, नियमानुसार भंडारण स्थल पर कोई भी सुरक्षा एवं प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था नहीं है . वहां अग्निशामक यंत्र भी नहीं है जो कि अस्थाई भंडार/प्रसंस्करण/क्रॉसिंग के लिए अनुबंध अभिलेख विलेख का स्पष्ट उल्लंघन है .
एडवोकेट सिंघवी ने बताया कि उपरोक्त दस्तावेजों एवं शिकायत के आधार पर हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस संजय अग्रवाल की युगल पीठ के समक्ष 20 अक्टूबर को सुनवाई हुई . हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार, संबंधित अधिकारियों व तीन निजी ठेकेदारों को नोटिस जारी कर 7 सप्ताह में जवाब माँगा है .