छत्तीसगढ़ कल्चरल कनेक्ट योजना ; राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के स्थानों में खुलेंगे छत्तीसगढ़ संस्कृति केंद्र, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र…
मुख्यमंत्री ने केंद्रों की स्थापना हेतु दो एकड़ शासकीय भूमि आबंटित करने का किया अनुरोध…
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बड़ी पहल करते हुए विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर प्रदेश सरकार की ’’छत्तीसगढ़ कल्चरल कनेक्ट’’ योजना से अवगत कराया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में ’’छत्तीसगढ़ कल्चरल कनेक्ट’’ योजना की जानकारी देते हुए लिखा है कि इन केंद्रों की स्थापना से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के स्थानों में छत्तीसगढ़ के लोगों को निवास और भ्रमण की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने उक्त केंद्रों की स्थापना हेतु विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से दो एकड़ शासकीय भूमि आबंटित करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आश्वस्त किया है कि छत्तीसगढ़ में संस्कृति केंद्र खोलने के लिए भूमि आबंटन की उन्हें भी सहर्ष स्वीकृति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से ऋषिकेश, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल से गिरनार एवं सोमनाथ, ओड़िसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से पुरी में, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाय.एस. जगनमोहन रेड्डी से तिरूपति में, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से शिरडी में, झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से देवघर में, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ से वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज एवं मथुरा में दो एकड़ शासकीय भूमि आबंटित करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि भारत में विभिन्न भाषाओं, जातियों, धर्मों तथा संस्कृतियों के लोग एक साथ रहते है। अनेकता में एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति एवं धरोहर है। विभिन्न संस्कृतियों के परस्पर आदान-प्रदान की प्रक्रिया की निरंतरता ने हमारे राष्ट्र को एकजुट रखने एवं शक्तिशाली बनाने में सहायता प्रदान की है। छत्तीसगढ़ की सरकार ने ’’छत्तीसगढ़ कल्चरल कनेक्ट’’ नामक योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। देश के विभिन्न भागों में स्थित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक महत्व के स्थानों में छत्तीसगढ़ के लोगों के भ्रमण एवं निवास हेतु ’छत्तीसगढ़ संस्कृति केन्द्रों’ की स्थापना की जाये। इन केन्द्रों के माध्यम से राज्यवासियों को न केवल देश की सांस्कृतिक बहुलता की जानकारी प्राप्त होगी बल्कि उन स्थानों पर छत्तीसगढ़ राज्य की संस्कृति, पुरातत्व एवं पर्यटन स्थलों की जानकारी दिये जाने के साथ ही छत्तीसगढ़ के परंपरागत हस्तशिल्प उत्पादों की भी अन्य राज्यों एवं देशों से आने वाले पर्यटकों को जानकारी मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आश्वस्त किया है कि यदि वे अपने राज्य की संस्कृति के प्रति छत्तीसगढ़ के लोगों की रूचि बढ़ाने की दृष्टि से छत्तीसगढ़ में सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों पर भूमि आवंटन की मांग करते है तो उस पर सहर्ष स्वीकृति प्रदान की जाएगी।