छठ महापर्व ; माँ अरपा की महाआरती से होगी शुरुआत, 10 हजार दीपदान…
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा देश भर में आज, शुक्रवार को नहाय खाय के साथ प्रारंभ होगी . दीपावली के बाद छठें दिन कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है . छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में अरपा नदी के तट पर बना सबसे बड़ा छठ घाट सज-धज कर तैयार कर लिया गया है . आज शाम 5 बजे छठ पूजा समिति, बिलासपुर जीवनदायिनी नदी अरपा माँ की महाआरती करेगी . महाआरती के दौरान 10 हजार दीयों से दीपदान किया जायेगा .
समिति के अध्यक्ष प्रवीण झा ने बताया कि इस महाआरती में शहर के सभी प्रबुद्धजन, राजनेता, श्रद्धालु और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख शिरकत करेंगे . समिति के सचिव अभय नारायण राय ने भी बताया कि बिलासपुर में छठ पर्व ने महापर्व का रूप ले लिया है . पाटलिपुत्र सामाजिक और सांस्कृतिक विकास मंच, भोजपुरी समाज, बिलासपुर और सहजानंद समाज मिलजुलकर पिछले कई वर्षों से छठ घाट में 4 दिवसीय छठ पूजा महापर्व का विधिवत आयोजन कर रहे हैं . कोरोना काल से पहले छठ घाट में तकरीबन 50 से 60 हजार श्रद्धालु जुटते थे लेकिन इस बार यहाँ आने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 70 से 80 हजार तक हो सकती है . छठ पूजा समिति, नगर पालिक निगम और जिला प्रशासन की तरफ से चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है .
भारतीय समाज में छठ पूजा का विशेष महत्व है . शुक्रवार को महाआरती के बाद शनिवार को खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा . छठ व्रती संतान की प्राप्ति, सुख-समृद्धि, संतान की दीघार्यु और आरोग्य की कामना के लिए साक्षात सूर्य देव और छठी मैया की आराधना करते हैं . इस दिन व्रती संध्या में आम की लकड़ी से मिट्टी के बने चूल्हे पर गुड़ की खीर बना कर भोग अर्पण करते हैं और प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करते हैं . इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है .
खरना के दूसरे दिन रविवार, 30 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है . इस दिन व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे . इस दिन शुद्ध देसी घी में ठेकुआ बनाया जाता है . इसी ठेकुआ, चावल के आटा और घी से बने लड्डू, पांच प्रकार के फल व दीए के साथ पूजा का सूप सजाया जाता है और दौरा सिर पर रखकर श्रद्धालु छठ गीत गाते हुए पूरे श्रद्धा भाव के साथ घाट पर पहुंचते हैं .
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर शाम में व्रती अस्ताचलगामी सूर्यदेव को प्रथम अर्घ्य अर्पित करेंगे . अर्घ्य अर्पित करने से पूर्व व्रती जल में खड़े होकर आदिदेव भुवन भास्कर को नमन कर एवं परिवार, समाज की सुख-शांति के लिए मंगल कामना करेंगे . इस साल छठ महापर्व में सूर्यदेव को पहला अर्घ्य 30 अक्टूबर, रविवार को दिया जाएगा। . इस दिन सूर्योदय समय छठ पूजा के दिन – सुबह 6:31 व सूर्यास्त समय छठ पूजा के दिन शाम को 5:38 रहेगा .
इस वर्ष 31 अक्टूबर 2022, सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा . पंचांग के अनुसार इस वर्ष 31 अक्टूबर को सुबह 6.32 बजे सूर्योदय हो रहा है। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ ही चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था का यह महापर्व छठ संपन्न हो जाएगा .