अटल विश्वविद्यालय में कुल उत्सव…
प्रथम दिवस राष्ट्रीय परिसंवाद और कवि सम्मेलन…

अटल विश्वविद्यालय में कुल उत्सव…प्रथम दिवस राष्ट्रीय परिसंवाद और कवि सम्मेलन…

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर में तीन दिवसीय कुल उत्सव 2022 के प्रथम दिवस दो कार्यक्रम आयोजित किये गए . दोपहर को पहले “भारत केन्द्रित समाज विज्ञान” विषय पर राष्ट्रीय परिसंवाद आयोजित था . इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अशोक मोड़क कुलाधिपति गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ थे . मुख्य वक्ता डॉ वैदेही दफ्तरदार थी . विशिष्ट अतिथि डॉ वंश गोपाल सिंह कुलपति पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर और डॉ आर पी दुबे कुलपति सी वी रमन विश्व विद्यालय कोटा बिलासपुर थे . कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेयी ने की . सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया . कार्यक्रम का संचालन डॉ रश्मि गुप्ता ने किया . डॉ एच एस होता अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने स्वागत भाषण में विषय की रूपरेखा रखीं . बाद में विशिष्ट अतिथि डॉ वंश गोपाल सिंह कुलपति सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में भारतीय समाज की प्राचीनता और समृद्धि का उल्लेख करते हुए भारतीय समाज विज्ञान को आज के परिवेश का अनिवार्य हिस्सा बताया .


डॉ आर पी दुबे कुलपति सी वी रमन विश्व विद्यालय बिलासपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऋग्वेद शास्वत है उसे समझना होगा और शोध करके इसे आधुनिक प्रगतिशील समाज को अपनाना होगा . मुख्य वक्ता डॉ वैदेही दफ्तरदार ने अपने उद्बोधन में अटल जी के जीवन वृत्तांत को विस्तार से बताते हुए उनके सर्व-समावेशी विकास को लेकर सम्पूर्ण समाज को जोड़ने की बात कही . मुख्य अतिथि प्रोफेसर अशोक मोड़क कुलाधिपति गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्व के सभी समाज एक दिन भारत केन्द्रित समाज का चिंतन कर उसे लागू करेंगे . कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेयी ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज में पराभाव के जो तत्व विद्यमान है उन्हें दूर करके ही भारत केन्द्रित समाज विज्ञान की स्थापना हो सकेंगी . आभार प्रदर्शन कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे ने किया .


कार्यक्रम के दूसरे चरण में शाम 4 बजे से कवि सम्मेलन आयोजित किया गया . इसमें मुख्य अतिथि डॉ विनय पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग थे . कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेयी ने किया . कवि सम्मेलन का संचालन राजेन्द्र मौर्य ने किया . सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हास्य कवि बंशीधर मिश्र ने श्रोताओं को खूब लोट-पोट किया . रमेश विश्वहारा ने श्रृंगार रस की कविता ‘चांद जरा छुप जाना’ सुनाई जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा . मनेंद्रगढ़ से आयी कवियत्री आरती राय ने भी श्रंगार कविता सुनाई . मुंगेली के वीर रस के कवि देवेन्द्र परिहार ने अपनी कविता से लोगों में वीरता की भावना भरी . प्रदेश के प्रसिद्ध कवि मीर अली मीर ने अपनी प्रसिद्ध कविता ‘नंदा जाही का रे’ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया .


मुख्य अतिथि डॉ विनय पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग ने छत्तीसगढ़ी को पूरे देश में स्थान दिलाने पर जोर दिया . कुलपति आचार्य एडीएन बाजपेयी ने अपने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय कवि थे इसलिए प्रत्येक वर्ष कुल उत्सव में कवि सम्मेलन आयोजित कर हम उन्हें याद करते हैं . इस अवसर पर डी एल एस महाविद्यालय के रवि कांत सिंह राजपूत और शुभम् शिक्षण महाविद्यालय के नाजिया निशा ने भी कविता पाठ किया . अंत में आभार प्रदर्शन डॉ एच एस होता अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने किया .
इस मौके पर परीक्षा नियंत्रक डॉ पी के पांडेय, कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे,उप कुलसचिव श्रीमती नेहा यादव, यशवंत पटेल, डॉ पूजा पांडेय, डॉ सीमा बेरोलकर, डॉ लतिका भाटिया, डॉ रश्मि गुप्ता, डॉ हैरी जार्ज, डॉ हामिद अब्दुल्ला, डॉ सौमित्र तिवारी, डॉ रेवा कुलश्रेष्ठ, डॉ मनोज सिन्हा, डॉ शुमोना भट्टाचार्य, वित्त अधिकारी अलेक्जेंडर कुजुर सहित विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी प्राध्यापक, कर्मचारी और विद्यार्थीगण उपस्थित थे .

सम्पादक

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