एटीआर में भालुओं के हमले से बैगा आदिवासी की मौत…

बिलासपुर के निकट, अचानकमार टाइगर रिजर्व में रविवार को सुबह भालू के हमले से एक बैगा आदिवासी की मौत हो गई . वह अपने साथियों के साथ तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जंगल के काफी अंदर चला गया था . तीन भालूओं ने बैगा को घटनास्थल पर ही घेरकर मार डाला . वन विभाग ने मृत बैगा के परिजनों को 25 हजार रूपये की तात्कालिक सहायता राशि दे दी है .
अचानकमार टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा ने बताया कि घटना रविवार की सुबह करीब 11 बजे की है . अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोटा बफर परिक्षेत्र के अंतर्गत कक्ष क्रमांक 179 आरएफ पश्चिम शिवतराई परिसर में कुरदर निवासी जवाहर बैगा (40) अपने कुछ ग्रामीण साथियों के साथ तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए इस क्षेत्र में आया था . तेंदूपत्ता तोड़ते हुए वे लोग जंगल में पहाड़ी तक पहुँच गये . इसी दौरान वहां अचानक तीन भालू भी आ पहुंचे . जवाहर के साथ मौजूद उसके साथी, भालुओं को देखते ही भाग खड़े हुए लेकिन जवाहर बैगा भाग नहीं सका और जमीन पर गिर गया . उसके गिरते ही भालुओं ने उन पर हमला कर दिया और मौके पर ही उसे मार डाला .
इधर, जान बचाकर भागे ग्रामीणों ने घटना की जानकारी वन विभाग और पुलिस को दी . वन विभाग के परिक्षेत्र अधिकारी अजय शर्मा, शिवतराई परिक्षेत्र सहायक दिलीप कुमार द्विवेदी और गार्ड बसंत मानिकपुरी घटना स्थल पर पहुंचे लेकिन तब तक जवाहर की मौत हो चुकी थी . पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में लिया है .
वन विभाग ने मृतक के परिजनों को तात्कालिक तौर पर 25 हजार रुपये की सहायता राशि दे दी है . जनहानि होने की स्थिति में कुल 6 लाख रूपये की मुआवजा राशि देने का प्रावधान है जिसके लिए विभाग ने आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी है .
वन-अधिकारी के अनुसार मृतक जवाहर उस जंगल क्षेत्र के चप्पे-चप्पे से वाकिफ़ था . वह यदा-कदा वन विभाग के लिए कटाई-सफाई के काम के दौरान मजदूरी भी करता था . उसने अपने साथियों को पहाड़ी की तरफ भालुओं के होने की खबर भी की थी . रविवार को वह स्वयं तेंदूपत्ता तोड़ते पहाड़ी तक पहुँच गया जहाँ भालुओं ने उस पर हमला कर दिया और उसकी मौत हो गई .