आजादी का अमृत महोत्सव ; डल झील पर 7500 वर्ग फुट का तिरंगा प्रदर्शित किया गया…

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय (नॉर्थ), इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, श्रीनगर और हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट (एचएमआई), दार्जिलिंग ने एक संयुक्त प्रयास के तहत 7500 वर्ग फुट का तिरंगा श्रीनगर में डल झील के किनारे पर प्रदर्शित किया। यह आजादी के 75 साल और आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में था।
इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मुख्य अतिथि थे और उन्होंने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने भाषण में उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई देते हुए अगले 25 वर्षों के लिए विकास योजना के बारे में बताया।

डल झील पर प्रदर्शित किया गये ध्वज का वजन 80-85 किलोग्राम था। खास बात यह कि टीम एचएमआई ने पहली बार इस राष्ट्रीय ध्वज को अप्रैल 2021 में सिक्किम हिमालय में और बाद में कलकत्ता के विक्टोरिया मेमोरियल में 15 अगस्त 2021 और गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर 31 अक्टूबर 2021 को प्रदर्शित किया था।
इसके बाद अंटार्कटिका में ध्वज को प्रदर्शित किया गया जिसने अंटार्कटिका में पहली बार किसी भी देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय ध्वज का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। अब, भारत सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में भारत के राष्ट्रीय झंडे को श्रीनगर में प्रदर्शित किया गया है।

श्रीनगर पहुंचने से पहले, भारत छोड़ो आंदोलन के 80 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 8 अगस्त 2022 को ध्वज को दार्जिलिंग में प्रदर्शित किया गया था। चूंकि, झंडा आकार में बेहद विशाल है, इसलिए इसे तीन पैनलों में बनाया गया था। इसकी स्थिरता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया है और इसमें सेफ्टी एंकर्स को भी उचित रूप से फिट किया गया है ताकि ध्वज उच्च वेग वाली पर्वतीय हवाओं से लेकर अंटार्कटिका के सब-जीरो तापमान और अन्य बेहद कठिन परिस्थितियों का भी सामना कर सके।
समारोह में अनिल ओराव, क्षेत्रीय निदेशक (नॉर्थ) ने पारंपरिक रूप से उप-राज्यपाल का स्वागत किया और श्रीनगर की डल झील पर ध्वज को प्रदर्शित करने के महत्व के बारे में बताया। डॉ. अरुण कुमार मेहता आईएएस, मुख्य सचिव, जम्मू-कश्मीर, सरमद हफीज, आईएएस प्रमुख सचिव और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, यात्रा व्यापार हितधारक और मीडिया प्रतिनिधि समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में ट्रेवल ट्रेड और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र, होटल व्यवसायियों, सरकार के प्रतिनिधियों सहित अधिकारियों, छात्रों और अन्य कई क्षेत्रों के लोगों ने भी भाग लिया।