अटल विवि. में अनुसूचित जनजाति आयोग का राष्ट्रीय सम्मेलन…
जनजाति आन्दोलन केवल गौरव गाथा नहीं अपितु हमारी संस्कृति की ताकत की कहानी है… प्रहलाद

समाज के योगदान पर नया इतिहास लिखे जाने की आवश्यकता है…आचार्य वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से “स्वतंत्रता आंदोलन में जनजाति नायकों का योगदान” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया . सम्मलेन अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कोनी स्थित प्रशासनिक सभागार में आयोजित किया गया . इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि, प्रहलाद पटेल, केन्द्रीय मंत्री खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग, थे . कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेयी ने की . मुख्य वक्ता सत्येन्द्र सिंह, वनवासी विकास परिषद थे . कार्यक्रम में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से रविशंकर, विशिष्ट अतिथि थे .

कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद जनजाति नायकों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया . उसके बाद वैभव सुरंगी के द्वारा सम्मेलन की प्रस्तावना और उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया . इस मौके पर कोमराम भीम पर एक संक्षिप्त फिल्म भी दिखाई गई .

मुख्य अतिथि प्रहलाद पटेल केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि जनजाति आन्दोलन केवल गौरव गाथा नहीं है अपितु यह हमारी संस्कृति की ताकत की कहानी है . जनजाति समाज ने जितना बलिदान देश के लिए किया है, अन्य समुदायों ने नहीं किया परन्तु दुर्भाग्यवश इतिहास में उन्हें वह सम्मान और स्थान नहीं मिल सका .

मुख्य वक्ता सत्येन्द्र सिंह ने विस्तार से सम्पूर्ण देश में जनजाति नायकों के द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ चलाए गए आंदोलन और बलिदान की तथ्यपरक व्याख्या की .

सम्मलेन में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, नई दिल्ली के द्वारा निर्मित फिल्म को सभी के समक्ष प्रदर्शित किया गया . तत्पश्चात राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के रविशंकर ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, नई दिल्ली के अधिकार और दायित्वों की व्याख्या की . उन्होंने विद्यार्थियों और गणमान्य नागरिकों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए उनके साथ सीधा संवाद भी स्थापित किया .
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेयी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जनजाति समाज भारतीय समाज का अभिन्न अंग है जिन्होंने स्वतंत्रता के दौरान अंग्रेजों से मुकाबला किया और आज़ भी जल, जंगल जमीन को बचाने का संघर्ष कर रहा है . उन्होंने कहा कि इस समाज के योगदान पर नया इतिहास लिखे जाने की आवश्यकता है .

कार्यक्रम का संचालन जनजाति आयोग के नितेश साहू ने किया . अंत में आभार प्रदर्शन डॉ गौरव साहू विभागाध्यक्ष, वाणिज्य विभाग और सहसंयोजक प्रशासनिक ने किया . इस कार्यक्रम में प्रशासनिक संयोजक वित्त अधिकारी अलेक्जेंडर कुजुर और शैक्षणिक संयोजक स्वाति रोज़ टोप्पो की विशेष भूमिका रही . इस कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ सुधीर शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ पी के पांडेय, उपकुलसचिव शैलेन्द्र दुबे, सहायक कुलसचिव रामेश्वर राठौर, प्रदीप सिंह, राष्ट्रीय सेवा योजना के डा मनोज सिन्हा, डॉ सुमोना भट्टाचार्य, डॉ पूजा पांडेय, डॉ सीमा बेरोलकर, डॉ लतिका भाटिया, डॉ रश्मि गुप्ता, डॉ हैरी जार्ज, डॉ हामिद अब्दुल्ला, डॉ सौमित्र तिवारी, डॉ यशवंत पटेल, डॉ धर्मेंद्र कश्यप, श्रीयंक परिहार, मनीष सक्सेना, सहित विश्व विद्यालय के समस्त अधिकारी, प्राध्यापक कर्मचारी और विद्यार्थीगण तथा अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर से संबद्ध सभी महाविद्यालयों के अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्राध्यापक और विद्यार्थीगण उपस्थित थे