कला-साधक राजेश परसरामानी ने अपनी पुस्तक ‘सिन्धी सारंगी’ डॉ. सतीश जायसवाल को भेंट की…
बिलासपुर . ‘सिन्धी सारंगी’ पुस्तक के रचियता और कला-साधक राजेश परसरामानी ने रविवार को स्थानीय इंडियन कॉफ़ी हॉउस में एक अनौपचारिक आयोजन के दौरान जाने-माने साहित्यकार और पत्रकार डॉ. सतीश जायसवाल और उनके मित्रों को अपनी पुस्तक भेंट की .
बिलासपुर में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारी राजेश परसरामानी ने प्राचीन सूफियाना वाद्य यंत्र ‘सिन्धी सारंगी’ पर केन्द्रित इसी शीर्षक से शोध-पूर्ण पुस्तक लिखी है . भारतीय सिन्धु सभा की श्रीमती विनीता भावनानी के मार्गदर्शन में लिखी गयी इस पुस्तक के राजेश परसरामानी और जैसलमेर (राज0) के उस्ताद लालू थाईयम संयुक्त लेखक हैँ . डॉ0 सी0 वी0 रामन विश्वविद्यालय (कोटा) बिलासपुर ने इसके प्रकाशन में सहयोग किया है .
राजेश परसरामानी दृष्टिबाधित हैं . उन्होंने बैंकिंग सेवा के साथ-साथ सारंगी-वादन और सिन्धी सारंगी पर शोध-पूर्ण कार्य किया है . उनका यह प्रयास पुस्तक को विशेष रूप से उल्लेखनीय बनाता है .
पुस्तक-भेंट आयोजन के दौरान डॉ. जायसवाल और उनके मित्रों ने सिन्धी सारंगी पर हिन्दी भाषा की पहली पुस्तक प्रकाशित करने के लिए राजेश परसरामानी को बधाई दी और शुभकामनाएं भी व्यक्त की . सिन्धी समाज ने भी इस अवसर पर साहित्यकार डॉ सतीश जायसवाल को अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें डॉक्टर ऑफ़ फिलासफी (विद्या वाचस्पति) की मानद उपाधि से विभूषित किये जाने पर एक मान-पत्र, शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया .
इस अवसर पर सिन्धी समाज के प्रमुख श्री बजाज और विनीता भावनानी के अतिरिक्त साहित्य-संस्कृति से सम्बद्ध प्रमुख लोगों में दलजीत सिंह कालरा, प्रेम कुमार, राजेश दुआ, रामाराव, श्रुति प्रभला,कान्हा सोनी, विनीत राव और विवेक शामिल थे .