अमर ने सुनाई, बिलासपुर शहर के आधे-अधूरे विकास की ‘पूरी’ दास्तां…
“हमने 15 साल में जो आशियाना बनाया था, कांग्रेस की सरकार ने उसे उजाड़ दिया”

अमर ने सुनाई, बिलासपुर शहर के आधे-अधूरे विकास की ‘पूरी’ दास्तां…“हमने 15 साल में जो आशियाना बनाया था, कांग्रेस की सरकार ने उसे उजाड़ दिया”

बिलासपुर के पूर्व भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार और यहाँ के जन-प्रतिनिधियों में विकास के प्रति कतई रूचि नहीं है . उन्होंने आरोप लगाया कि अकेले बिलासपुर की बात की जाये तो सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए शहर का अवाम तरस गया है . अमर अग्रवाल रविवार को एक निजी हॉटल में मीडिया के समक्ष अधूरे विकास की “पूरी” कहानी बयां कर रहे थे .
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार 15 साल बराबर दौड़ती रही जबकि प्रदेश की कांग्रेस सरकार साढ़े चार बरसों में दौड़ना तो दूर, रेंग भी नहीं पाई है उलटे उन्होंने विकास के मामले में रिवर्स गेयर लगा दिया है . उनका कहना था कि हमने 15 सालों के अथक प्रयासों से जो आशियाना बनाया था उसे कांग्रेस की सरकार ने उजाड़ कर रख दिया है . उन्होंने आश्वस्त किया कि आसन्न चुनावों में भाजपा की सरकार फिर से सत्ता में आएगी और हम इन अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे .
अमर ने प्रेस-वार्ता के दौरान बिलासपुर शहर के अधूरे विकास कार्यों की एक लम्बी फेहरिस्त मीडिया के सामने रखी . कहा कि, उन्होंने बिलासपुर शहर के अधूरे कार्यों और बदहाल व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ 20 मार्च से 15 अप्रैल तक कुल जमा 11 आधे-अधूरे विकास कार्य-स्थलों पर भारतीय जनता पार्टी, महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन किया . इसके पहले भी उन्होंने “विकास खोजो” अभियान चलाया था . उनका स्पष्ट मानना था कि यह सभी विकास कार्य पूरे हो जाएँ तो बिलासपुर शहर की सूरत ही बदल जाएगी . अमर अग्रवाल ने पत्र-वार्ता में सिलसिलेवार अधूरे विकास की “पूरी” कहानी सुनाई .

प्रगति मैदान का अधूरा सपना…

बिलासपुर के साइंस कॉलेज परिसर में 20 मार्च को अमर अपने लाव-लश्कर के साथ पहुंचे थे . उन्होंने बताया कि 25 एकड़ का विशाल परिसर, जिसे दिल्ली के प्रगति मैदान की तरह विकसित करने का सपना हमने देखा था . योजना थी कि सारे मेले-ठेले यहीं लगेंगे, बड़ी जन-सभाएं यहाँ होंगी और एक बड़ा-सा ऑडिटोरियम भी यहाँ बनाया जायेगा . हमारी सरकार ने यहाँ 25 करोड लगा दिए . मात्र 10 से 15 प्रतिशत काम बचा था लेकिन यह प्रोजेक्ट आज भी अधूरा ही पड़ा हुआ है .

जिला खेल परिसर की दुर्दशा…

अमर बताते है, हम वहां 22 मार्च को पहुंचे . वर्ष 2008 में 8 करोड़ की लागत से जिला खेल परिसर बना था . यहाँ बैडमिन्टन, तैराकी, कुश्ती, जिम, योग, टेबल-टेनिस, हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेल होने थे लेकिन वहां भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है . स्विमिंग पूल की हालत खस्ता हो गई है . एक अदद मोटर लगाने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है . मैदान में पशु चर रहे हैं . बाउंड्री-वाल तोड़कर उसके पिछले हिस्से को शौचालय की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है .

बदहाल सिटी बस सेवा…

पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में मोर्चा खोला गया 27 मार्च को . अमर बताते हैं, शहर की बढ़ती परिवहन जरूरतों को पूरा करने के लिए 50 बसें हमने चलवाई थी . बिलासपुर के चारों तरफ हजारों यात्रियों को प्रतिदिन सस्ती और अच्छी परिवहन की सुविधा उपलब्ध थी . कोरोना काल के बाद से सिटी बस की सुविधा बदहाली के दौर से गुजर रही है . नोडल एजेंसी की लापरवाही से करोड़ों रूपयों की बसें कबाड़ में तब्दील हो गई हैं . अब सरकार के पास बसों की मरम्मत के लिए 3 करोड रूपये नहीं हैं और बिलासपुर की सिटी बस योजना ने दम तोड़ दिया है .

तालाबों की बदहाली…

मार्च महीने की 29 और 31 तारीखों को तालापारा और दतियापारा क्षेत्रों में अमर का काफिला पहुंचा था . अमर ने बताया कि कभी बिलासपुर में एक सैकड़ा छोटे-बड़े तालाब हुआ करते थे . इससे आम जनमानस की मूलभूत जरूरतें पूरा हुआ करती थीं . हमारी भाजपा सरकार ने “सरोवर धरोहर योजना” के तहत तालाबों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य किया . लेकिन कांग्रेस की सरकार ने वहां तोड़-फोड़ मचा दी है . तालापारा में झुग्गी-झोपड़ियाँ तोड़ दी गई हैं . वहां के तालाब में गन्दगी पसरी हुई है . डीपूपारा का तालाब और जतिया तालाब, दोनों की हालत बद से बदतर हो गई है .

अमृत मिशन योजना की लेट-लतीफी…

अमर ने बताया कि अमृत मिशन योजना में लेटलतीफी के लिए 3 अप्रैल को तोरवा धान मंडी के पास धरना दिया गया . उन्होंने कहा कि बिलासपुर, छत्तीसगढ़ का इकलौता शहर है जो केवल अंडरग्राउंड पानी पर निर्भर है . आज बिलासपुर का जल-स्तर काफी नीचे पहुँच गया है इसीलिए अमृत मिशन योजना बनाई गई . बिलासपुर शहर के लिए वर्ष 2017 में 301 करोड की लागत से अहिरन नदी पर बाँध बनाकर, खूंटाघाट जलाशय से जल-आपूर्ति की जानी थी . वर्ष 2019 में इस योजना को पूरा हो जाना था लेकिन 2023 में भी यह काम अधूरा पड़ा हुआ है . अभी तक अरिहन डैम की डीपीआर नहीं बनी है . उन्होंने बताया कि अगर अमृत मिशन पूरा हो भी जायेगा तब भी आगामी पांच-दस सालों तक अंडरग्राउंड पानी पर ही निर्भर रहना पड़ेगा .

अरपा परियोजना का सच…

अमर, अपने ताजा अभियान के तहत अरपा परियोजना का सच जानने नदी में बन रहे शिव घाट बैराज भी पहुंचे . उन्होंने बताया कि कांग्रेस की सरकार ने शुरू में अरपा विकास प्राधिकरण को बंद करने की कोशिश की . उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा . बाद में नाम बदलकर उसी मास्टर प्लान के तहत अरपा का विकास किया जा रहा है . उन्होंने कहा कि अरपा विकास के लिए मात्र एक सड़क बनाने का प्रावधान था लेकिन उसे बदलकर दोनों तरफ सड़क बनाई जा रही है और गोंडपारा से तिलकनगर तक नदी किनारे बसी झुग्गी-झोपड़ियों को उजाड़ दिया गया . उन्होंने हैरानगी जाहिर की कि यह दुनिया की पहली ऐसी सड़क होगी जिसमें ब्रिज के बीच चौक होगा . उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्य बिना ड्राइंग और डिजाइनिंग के किया जा रहा है . वही स्थिति बैराज को लेकर है . वहां दिखावे का बैराज बनाया जा रहा है . भ्रष्टाचार में डूबा हुआ बैराज बनाया जा रहा है .
अमर ने अरपा नदी में अवैध उत्खनन पर भी आवाज उठाई . उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां भी अधिकारी असहाय होता है वहां ऐसे तत्वों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है . उन्होंने अरपा विकास बेसिन प्राधिकरण के एक सदस्य पर तंज कसते हुए कहा कि शनिवार को ही उन्होंने “अरपा पे चर्चा” पर साफ़ कहा है कि सरकार के भरोसे नहीं रहना है, हमको ही अरपा को सजाना है, संवारना है . अमर ने कहा कि इसका मतलब तो साफ़ है कि जिस प्राधिकरण के प्रदेश के मुख्यमंत्री अध्यक्ष हैं, उसी का एक सदस्य मुख्यमंत्री की अक्षमता पर सवाल उठा रहा है .

स्मार्ट सिटी ; फंड का दुरूपयोग…

स्मार्ट सिटी की बदरंग हालात के विरोध में अमर अग्रवाल ने 10 अप्रैल को नेहरू चौक स्थित कार्यालय के समक्ष धरना दिया था . उन्होंने कहा कि बिलासपुर को स्मार्ट सिटी का तमगा यहाँ के नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के पुरुषार्थ से मिला था लेकिन वर्तमान जन-प्रतिनिधि और प्रशासनिक एजेंसियां इसके फंड का दुरूपयोग कर रही है . स्मार्ट सिटी 4 हजार करोड़ की योजना है . हमारी सरकार ने 100 से अधिक प्रोजेक्ट्स पर डीपीआर तैयार किये . इस राशि को मार्च 2023 तक विकास कार्यों में खर्च किया जाना था लेकिन आज तक 5 सौ करोड़ का भी काम नहीं हुआ . उन्होंने चेताया कि वर्तमान सरकार के निकम्मेपन से यदि स्मार्ट सिटी का अलॉटमेंट रद्द होता है तो आने वाली पीढ़ी कांग्रेस की सरकार को कभी माफ़ नहीं करेगी .

उद्यानों का सौन्दर्यीकरण…?

कंपनी गार्डन, स्मृति वन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान सहित बिलासपुर में छोटे-बड़े करीब 100 गार्डन हैं . रख-रखाव के अभाव में सभी उद्यान बदहाली के आंसू रो रहे हैं . अमर ने बताया, हमने 12 अप्रैल को वहां धरना दिया . हमारी सरकार ने शहर में 50 से ज्यादा गार्डन बनाये . सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक केन्द्र की इकाइयों के रूप में उनका रख-रखाव किया . अब हालात वैसे नहीं हैं . उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार की प्राथमिकता जमीन लूटने की है तभी तो साढ़े चार सालों में एक भी नया उद्यान नहीं बन सका . उन्होंने संतोष जाहिर किया कि अगर हम उद्यान नहीं बनाते तो कांग्रेसी इन जमीनों को अपने नाम लिखा चुके होते .

बहतराई खेल परिसर में गोलमाल…

14 अप्रैल को बहतराई खेल परिसर पहुंचे अमर अग्रवाल ने कहा कि इस खेल परिसर में 200 करोड रूपये लग चुके हैं . उन्होंने पूछा कि क्या यह राज्य स्तरीय खेल प्रशिक्षण केंद्र अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर पा रहा है ? यहाँ से प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करके खेल जगत में हम छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर सकते हैं . यहाँ राज्य का चौथा एस्ट्रो-टर्फ लगाया गया . सर्व-सुविधायुक्त इनडोर स्टेडियम भी हमने बनवाया . वर्तमान मुख्यमंत्री ने आधे-अधूरे स्टेडियम का उद्घाटन कर दिया . आज 49 एकड़ का यह खेल परिसर जंगल बनकर रह गया है .

सीवरेज परियोजना का दर्द…

अमर अग्रवाल ने 15 अप्रैल को श्याम टॉकीज के पास सीवरेज परियोजना के अधूरे कार्य के विरोध में मोर्चा खोला . उन्होंने स्वीकार किया कि सीवरेज परियोजना के कारण मेरे राजनैतिक जीवन में मुझे सर्वाधिक आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है . उन्होंने बताया कि सीवरेज योजना को अंजाम तक पहुंचाना उनका मकसद था . उन्होंने हैरानगी जाहिर की कि 90 प्रतिशत कार्य पूरा होने बाद विगत 4 सालों में बाकी का 10 प्रतिशत काम भी यह सरकार नहीं करा सकी . उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी सरकार आने वाली है . बिलासपुर के अधूरे काम हम ही पूरा करेंगे .
अमर अग्रवाल आधे-अधूरे विकास की कहानी सुनाने के बाद आगे कहा कि किसी भी शहर की पहली जरुरत होती है वहां के नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा और आपस का भाई-चारा . यह बात जग-जाहिर है कि शान्ति का गढ़ बिलासपुर, माफिया राज, नशे और बढ़ते अपराध की गिरफ्त में है . शहरवासी बढ़ती चाकूबाजी, गुंडागर्दी, लूट और खून-खराबे से निजात पाना चाहते हैं .
पत्र-वार्ता के दौरान अमर अग्रवाल के साथ भाजपा के जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अशोक विधानी, बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के 6 मंडल के अध्यक्ष, भाजपा महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी मौजूद थे .

सम्पादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *