दत्तक ‘यातना’ केंद्र ; मासूमों के बाल खींचे, जमीन पर पटका, आरोपी के खिलाफ FIR, संचालक संस्था को भी हटा दिया…
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में दत्तक ग्रहण केंद्र में मासूम बच्चों की बेरहम पिटाई का मामला सामने आया है . एक वीडियो में यहां की प्रोग्राम मैनेजर क्रूरता से एक के बाद दूसरे मासूम को पीटती दिखाई दे रही है . कांकेर कलेक्टर ने इस मामले में मैनेजर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं . कलेक्टर ने इस केंद्र की संचालक एनजीओ को भी हटा दिया है .
जिला कलेक्टर प्रियंका शुक्ला के निर्देश के बाद बच्चों की पिटाई करने वाली प्रोग्राम मैनेजर के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम, और SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है . तत्कालीन महिला एवं बाल विकास अधिकारी चन्द्र शेखर मिश्रा को भी सस्पेंड किया गया है . इसके अलावा बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया को कारण बताओ नोटिस जारी करके एक दिन में जवाब मांगा गया है .
प्राप्त अधिकृत जानकारी के अनुसार एक वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि दत्तक ग्रहण केंद्र की मैनेजर सीमा द्विवेदी ने बच्ची को पहले थप्पड़ मारा फिर बाल पकड़कर जमीन पर पटक दिया . उसने जमीन पर गिरी बच्ची को फिर उठाया और उसकी बांह पकड़कर पलंग पर पटक दिया . बच्ची के चीखने, चिल्लाने का भी मैनेजर पर असर नहीं हुआ और उसकी लगातार पिटाई करती रही . मैनेजर इतने पर भी नहीं रुकी . इसी दौरान उसने एक दूसरी बच्ची से भी ऐसा ही सलूक किया और बाल पकड़कर उसकी भी पिटाई शुरू कर दी . मैनेजर सीमा ने बच्चों को पलंग पर लेटाकर भी पीटा और उनके साथ गाली-गलौज भी की .
पता चला है कि दत्तक ग्रहण केंद्र में यह आम बात है . नौकरी जाने के भय से कोई कर्मचारी इसका विरोध भी नहीं करता . इस केंद्र में 6 साल तक के बच्चे रहते हैं . इस केंद्र को एक NGO प्रतिज्ञा विकास संस्थान के माध्यम से चलाया जाता है . महिला एवं बाल विकास विभाग से संस्था को फंडिंग होती है . प्रोग्राम मैनेजर को NGO के जरिये यहाँ रखा गया था .
ऐसा भी पता चला है कि बाहरी लोगों के आवागमन से प्रतिबंधित इस केंद्र में रात को एक युवक भी आता है जो प्रोग्राम मैनेजर का बॉयफ्रेंड है . इसके पहले भी प्रोग्राम मैनेजर की शिकायत महिला बाल विकास अधिकारी सीएस मिश्रा तक पहुंची थी लेकिन उन्होंने मामले को जांच में ही नहीं लिया .
सोशल मीडिया में यह वीडियो सामने आने के बाद कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने मामले में मैनेजर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं . महिला एवं बाल विकास विभाग, रायपुर की एक टीम ने रविवार को प्रतिज्ञा विकास संस्थान द्वारा संचालित इस विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण का औचक निरीक्षण किया है जिसमें मिले प्रारंभिक तथ्यों के आधार पर शिकायत की सत्यता की पुष्टि होती है . साथ ही प्रोग्राम मैनेजर पर बच्चों को यातना देने के आरोप की सत्यता भी सिद्ध हुई है . सोमवार को कांकेर कलेक्टर ने उपरोक्त तथ्यों की पुष्टि के बाद एक आदेश जारी कर प्रतिज्ञा विकास संस्थान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है .