“बांस गीत-गाथा” की शानदार प्रस्तुति से प्रेक्षक झूम उठे…
150 से अधिक कलाकारों ने एक साथ प्रदर्शन कर रिकॉर्ड बनाया…
छत्तीसगढ़ की बिलासपुर नगरी में रविवार को बांस गीत-गाथा की धूम रही। बांस गीत गाथा समारोह में एक सौ पचास से अधिक बांस गायक और वादक कलाकारो ने एक साथ बांस गीत, वादन और गाथा की प्रस्तुति देकर छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार एक अनूठा रिकॉर्ड बनाया। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ बांस गीत गाथा अकादमी की ओर से आयोजित था।
रविवार, 7 दिसंबर 2025 को पंडित देवकी नंदन दीक्षित सभा भवन, लाल बहादुर शास्त्री स्कूल परिसर बिलासपुर में दोपहर 2 बजे से आयोजित समारोह देर रात तक चला।

बांस गीत-गाथा समारोह के मुख्य अतिथि सुशांत शुक्ला विधायक बेलतरा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन अपने आप में अद्भुत है । छत्तीसगढ़ की अस्मिता और संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन में बांस गीत समारोह मील का पत्थर साबित होगा। ऐसी पुरातन लोक कला को मंच मिले और लगातार आयोजन हों, यही सभी से अपेक्षा हैं।
समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रख्यात समाजसेवी पद्मश्री श्रीमती फूलबासन यादव, राजनांदगांव ने कहा कि मैं गर्व महसूस कर रही हूँ कि इस ऐतिहासिक अवसर पर रिकॉर्ड बनाने वाले बांस कलाकारों के साथ मैं स्वयं भी मौजूद हूं । उन्होंने इस आयोजन के लिए डॉ सोमनाथ यादव की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
समारोह के अध्यक्ष रामशरण यादव पूर्व महापौर बिलासपुर ने कहा कि बांस गीत-गाथा अकादमी छत्तीसगढ़ द्वारा विगत दस वर्ष से अलग-अलग स्थानों पर लगातार आयोजन किये जा रहै हैं। अकादमी, बांस गीत गायन और वादन के गांव-गांव के फैले सैकड़ों कलाकारों को मंच देकर उनकी कला को निखारने का अवसर प्रदान कर रही है।

इस अवसर पर बांस गीत-गाथा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ सोमनाथ यादव ने कहा कि बांस गीत पुरातन लोक कला है, जो सरकार और समाज का संरक्षण नहीं मिलने के कारण विलुप्त होने की कगार पर है। बांस गीत ऐसी कला है, जो भारत में अकेले छत्तीसगढ़ में ही गाया-बजाया जाता है । हमारी कोशिश है कि वाचिक परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए युवा कलाकार आगे आयें।
उन्होंने कहा कि यादव-गौरव के रूप में विख्यात बांस गीत-गाथा में महाभारत से लेकर वीर लोरिक और मौजूदा दौर तक के प्रसंग को गीतों के माध्यम से बांस गायक अपने सहयोगी कलाकारॉन के साथ प्रस्तुत करते हैं।
डॉ सोमनाथ यादव ने कहा कि जिस तरह अन्य लोक कलाओं को सरकारी कार्यक्रमों में मंच दिया जाता है वैसे ही बांस गीत कलाकारों को मंच मिलना चाहिए ताकि बांस गीत का उचित संरक्षण व संवर्द्धन हो सके और युवा कलाकार भी आगे आ सकें।

बांस गीत-गाथा समारोह में बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर, बलौदाबाजार, कवर्धा, बेमेतरा, कोरबा, पेंड्रा व जांजगीर जिला के बांस गायक, वादक और सहयोगी कलाकार शामिल हुए। समारोह के प्रारंभ में वीर लोरिक पर केंद्रित प्रसंग को एक सौ पचास से अधिक बांस वाद्य कलाकरो द्वारा एक साथ प्रस्तुति दी गई। इसके बाद 40 दलों ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ अलग-अलग ऐतिहासिक प्रसंग की प्रस्तुतियां दीं।
कार्यक्रम में सिरगिट्टी, मस्तूरी, तखतपुर,मंगला, सकरी और बेलतरा रावत नृत्य महोत्सव समिति और सिलपहरी, भरनी, परसदा, खमतराई, बहतराई और बसिया रावत नृत्य दल के साथ समाज सेवी श्रीराम यादव मुंगेली का श्रीफल शाल, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। समारोह का संचालन अकादमी के अध्यक्ष डॉ सोमनाथ यादव ने तथा आभार प्रदर्शन महासचिव संतोष कुमार यादव ने किया। इस आयोजन को सफल बनाने लिए उपाध्यक्ष नीरज यादव,पार्षद लक्ष्मी यादव, बिलासपुर जिला यादव समाज अध्यक्ष शिवशंकर यादव, संजय यादव, जितेंद्र यादव, विजय यादव, अमित यादव, अनिल यादव, नंदकिशोर यादव, कमल यादव, गुड्डू यादव, श्रीराम यादव, अशोक यादव, भरत यादव, महेश यादव, हंस राम यादव, जलेश्वर यादव, घनश्याम यादव, रामफल यादव, गौरीशंकर यादव, सतीश यादव, डा मंतराम यादव, राम गोपाल यादव, भगवत यादव, नत्थू यादव, केशव यादव, जगदीश यादव, प्रकाश यादव, डा अजय पाठक,महेश श्रीवास, राघवेंद्र धर दिवान, डा जी डी पटेल, देवानंद दुबे, राजेंद्र मौर्य, आनंद प्रकाश गुप्त, रामेश्वर गुप्ता, अश्वनी पाण्डेय आदि प्रमुख पदाधिकारी गण तथा बिलासा कला मंच के सदस्यगणों की सक्रिय सहभागिता रही।


